अब आगे,
रिहा घबरा गयी और हकलाते हुए बोली, " अ.... आप... लोग मुझ जैसे लोगो... को.. दबा देते हो ।"
"तुम तो सही हो ना फिर इतना डर क्यों रही हो", मुकुल ने कहा ।
" वाह बेटा नोसो चूहें खा कर बिल्ली हज को चली ,, ये वाली कहावत पूरी तुमपे ही सूट होती है , " नितिन ने मन ही मन मुकुल को कोसते हुए कहा ।
"इंस्पेक्टर हम ये नहीं कहते की आप करवाई ना करे । हम बस इतना चाहते है की आप लोग पूरी इन्वेस्टीगेशन करें क्या पता कोई इनोसेंट बन कर किसी और को फ़साने की कोशिश कर रहा हो " , नितिन ने कहा । हलाकि गलती कही ना कही उनकी भी थी पर फिर भी अब जेल तो जाने से रहे ।
मुकुल ने नितिन के कान मे कहा , " चल अब घर चलते है और सिड को भी जायदा ही चढ़ गयी है । "
"हम्म्म, तू जा कार निकाल मै इसे ले कर आता हू", नितिन ने मुकुल से कहा ।
मुकुल कार ले आया, नितिन और सिड आ कर कार मे बैठ गए । नितिन मुकुल के साइड वाली सीट पर बैठा था और सिड को पीछे लेटा दिया गया था ।
"कहा जाना है?", मुकुल ने कहा ।
"फार्म हाउस चलते है, अब इसे इस हालत मै कहा ले जयएंगे" , नितिन ने मुकुल की और देखते हुए कहा ।
" वैसे तूने आज बखेरा ही खड़ा कर दिया था ,, " नितिन ने मुकुल को देखते हुए कहा ।
" और फिर दोनों हसने लगे । यार मुझे नहीं पता मेरा मजाक बेचारी को तारे दिखा देगा पर बेचारी नही थी । उसे कहा मैंने की सिड की जी एफ है । पर चैलेंज किया उसने । पर सिड को भी इतनी जोर से नही मारना चाहिए था । आई मीन सिड ने इतनी जोर से मार देगा मुझे नही पता था , " मुकुल ने हस्ते हुए कहा ।
" हे! नितिन अगर तू कभी ऐसी सिचुएशन मे आगया तो, " मुकुल ने नितिन को देखते हुए कहा ।
" आई थिंक... मै भी सिड की तरह ही करता ,, " नितिन ने नार्मल होते हुए कहा ।
" यार तुम दोनों कितने निर्दयी ही ना मतलब इतनी प्यारी लड़की कोई मारता है भला , " मुकुल ने नौटंकी करते हुए कहा ।
" बस कर... प्यारी अगर वो प्यारी है ना तो नहीं चाहिए ,, " नितिन ने सीरियस होते हुए कहा ।
" अच्छा तेरी किस वाली लड़की का क्या हुआ ? " मुकुल ने बात को बदलते हुए कहा ।
" क्या होना ? कुछ नहीं ... " नितिन ने कहा ।
वे लोग फार्म हॉउस पहुंच गए ।
एक काम कर तू यहाँ से घर चला जा इसे मै हैंडल कर लूंगा ।
मुकुल ने अपने घर के बाहर कार रोकी और घर जाने लगा नितिन ड्राइविंग सीट पर आगया और वहां से चला गया ।
अगली सुबह ,
"यार क्या हुआ?, तू मुझे ऐसे क्यों घूर रहा है ?", सिद्धार्थ ने नितिन से कहा ।
"मेरा दिल कर रहा है की तेरी अच्छे से पिटाई करू कर दू क्या ?, " नितिन ने सरकास्टिक वे मे कहा ।
"यार मैंने किया क्या? तू बताएगा", सिद्धार्थ ने कहा ।
" तूने इतनी ड्रिंक क्यों की और तो और उस लड़की को थपड़ भी मार दिया तुझे पता अभी मै भी पुलिस स्टेशन मै होता तेरे साथ," नितिन ने घूरते हुए कहा ।
"अरे तू मेरा दोस्त है इतना तो कर ही सकता है ना, नहीं तो तेरे उतने कॉन्टेक्ट्स होने का क्या फायदा अगर एक आधी बार हेल्प ना करे," सिद्धार्थ ने हस्ते हुए कहा ।
यू..... नितिन ने सोफे पर पड़े पिल्लो को सिद्धार्थ के चेहरे पर फेक के कहा, "चल तेरे लिए वो फ्री नहीं है और तुझे क्या लगता है की अगर हमारी गलती होती तो वो हेल्प करते तो ये गलत फेहमी निकाल दे... और जा तैयार हो कर आ फिर बाहर चलते है । "
" वैसे तो गलती हमारी थी पता नहीं मुकुल को किसने कहा था उसे मेरे पास भजने को ? " , सिड ने घूरते हुए कहा ।
" या राइट... बट जाने दे और तेरे डैड को पता चला तो क्या होगा की तूने किसी को थपड़ मार दिया एंड यस तेरी मंगेतर उसे पता चला तो ???, " नितिन ने टीज् करते हुए कहा ।
" बताएगा कौन ? और वैसे भी मै गलत नहीं था ये सब उस मुकुल के कारन हुआ है ,, " सिड ने मुँह बना कर कहा ।
हम्म, ये कह सिड वाशरूम चला गया और नितिन कमरे से बाहर आ गया और अपने कमरे मे चला गया वहां से तैयार हो बाहर आया । सिड भी रेडी था " चले, " सिद्धार्थ ने नितिन को देख कर कहा ।
"हाँ चल मेरे पेट मै चूहें डांस कर रहे है तो बाहर चल कर कुछ अच्छा खाते है", सिद्धार्थ ने कहा ।
हम्म्म, चल, नितिन ने कार की चाभी सिड की तरफ उछाली और बाहर को आ गए ।
दूसरी तरफ,
"सीरत क्या सोच रही हो?", कोमल ने पास आते हुए कहा और उसके आगे फ्रूट्स रख दिए ।
कुछ नहीं, फिलहाल तो खुद के बारे मै सोच रही हू..., अच्छा दी अपने सिड से बात की क्या हुआ? ",सीरत ने पूछा ।
"नहीं तू खुद बात कर ले वहां मेरा फ़ोन है" , कोमल ने फ़ोन की तरफ इशारा करते हुए कहा ।
"ओह दी, मेरे पास भी नंबर है तो अगर खुद बात करनी होंगी तो कर लुंगी ", सीरत ने कहा ।
"ठीक है मेरी माँ, अब खा ले कुछ फिर दवाई खानी है तुझे", कोमल ने कहा ।
"दी... क्या हम आज बाहर चले कल से घर मे रह कर बोर हो गयी मै...", सीरत ने एप्पल का स्लाइस मुँह मे डालते हुए कोमल के पास आ कर कहा ।
कोमल ने अपनी आंखे छोटी करते हुए कहा, "तुझे पता है ना तू अभी भी ठीक नहीं है पूरी तरह और क्या तुमने फिर से डांट परवाना है मुझे?"
सीरत ने झट से ना मे सर हिलाया और बोली,"वैसे भाई है कहा नजर नहीं आ रहे ।"
"भाई मम्मी और पापा को लेने गए है गाँव से तो सुबह निकल गए," कोमल ने अपने कमरे मे जाते हुए कहा ।
सीरत भी पीछे पीछे कमरे मे आ गयी, "फिर तो भाई कल तक ही आएंगे ।"
"अच्छा तुझे बहुत पता है," कोमल ने अलमारी मे से कपड़े निकलते हुए कहा ।
"हाँ पता है, क्युकी हर बार ऐसा ही होता है ना...," सीरत ने हस्ते हुए कहा और बेड पर बैठ गयी ।
कोमल वाशरूम की तरफ चली गयी कपड़ो को चेंज करने । फिर कपड़े चेंज कर कमरे मे आयी और बोली
"अच्छा सीरत, मै काम से बाहर जा रही हू, " कोमल ने अपना परस उठाते हुए कहा ।
"कहा? मुझे भी ले चलो, नहीं तो मेरा खाली दिमाग़ उटपटांग हरकत करेगा, " सीरत ने कहा ।
"मुझे कुछ नोट्स देने है बच्चों को तो बाहर प्रिंटिंग कैफ़े जा रही हू, तू वहां फिर बोर होंगी," कोमल ने कहा ।
"ओके... जा कोमल जी ले अपनी जिंदगी...", सीरत ने हाथ को उठाते हुए हवा मे लहरा कर कहा ।
फिर से शुरू हो गयी तेरी नोटेनकी, कोमल ने सीरत को देखा फिर दुबारा बोली, "प्लीज अपना ख्याल रखना कुछ उल्टा सीधा मत खाना, समझी ।"
"हाँ हाँ... समझ गयी दी अब तू जा... नहीं ती तेरे बच्चे नोट्स के बिना पढ़ नहीं पाएंगे ", सीरत ने फिर से नोटेनकी करते हुए कहा ।
"लॉक लगा ले, और आंटी आएंगे बर्तन साफ करवा लेना और मम्मा पापा का रूम भी क्लीन करवा देना ओके, '" कोमल ने कहा और नोट्स को बेग मे रखा फिर अपने फ्लैट से बाहर आ गयी ।
सीरत ने लॉक कगा लिया और कमरे मे चली गयी ।
कोमल ने वहां से बाहर आकर ऑटो किया और प्रिंटिंग कैफ़े आ गयी जहा से उसे प्रिंट निकलवाना था ।
सीरत का फ़ोन बजा, सीरत ने कॉल पिक किया और दूसरी तरफ से आवज, " ओह हैल्लो मैडम घर जा कर भूल गयी ।"
"नहीं यार ऐसा नहीं है पता नहीं कल क्या हुआ? सडनली मै बीमार हो गयी अच्छा जाने दे ये बता क्या हुआ?, " सीरत ने कहा ।
"कुछ नहीं फ्री थी तो तुझे कॉल लगा लिया" , काव्या ने कहा ।
अब आगे क्या होता है इनकी जिंदगी मे ये जानने के लिए पढ़िए " प्या
र बेशुमार "
आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे 🙏
~आरुषि ठाकुर ✍️