Pyaar Beshumar - 16 in Hindi Love Stories by Aarushi Thakur books and stories PDF | प्यार बेशुमार - भाग 16

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प्यार बेशुमार - भाग 16

अब आगे,


सिद्धार्थ और नितिन रेस्टोरेंट आ गए  । उन्होंने अपने लिए आर्डर किया और वही बैठे अपने आर्डर का वेट करने लगे ।

इधर कोमल भी जस्ट सामने वाले कैफ़े से प्रिंट निकलवाने आयी थी । " भईया क्या हुआ ? कितना टाइम और लगेगा," कोमल ने पूछा ।

"मैडम पता नहीं पर मुझे लगता है की इनक खत्म हो गया टोंनर का, " उस लड़के ने कहा ।

"तो आप दूसरा टोंनर डाल लीजिये ना," कोमल ने सुझाव देते हुए कहा ।

"मैडम हमने मंगवाया है, वो लेकर आता होगा तब तक आप सामने वाले रेस्टोरेंट मे वेट कर लीजिये," उस लड़की ने कहा ।

"अच्छा.... कितना टाइम लगेगा वैसे...," कोमल ने धीरे से कहा ।

"मैम वैसे वो पहुँचता होगा बस आ जाये मै यहाँ से लड़के को भेज आपको बुला लूंगा", उस लड़के ने कहा ।

"ठीक है...", ये कह कोमल सामने आकर रेस्टोरेंट के अंदर जा साइड वाले टेबल पर बैठ गयी और अपने लिए एक कोल्ड ड्रिंक आर्डर कर दी ।

सिड भी उसी रेस्टोरेंट मे नितिन के साथ बैठा था । जब वह दोनों अपना अपना खाना खत्म कर बाहर आये तो सिड की नजर कोमल पर गयी  और उसके पास जाने लगा ।

"हे, कहाँ?", नितिन ने सिड से कहा ।

"आ तुझे अपनी मांगेतर से मिलवाता हू... चल," सिद्धार्थ ने नितिन को उस तरफ ले जाते हुए कहा ।

"बट आई डोंट वांट यार... ", नितिन ने जाने से मना करते हुए कहा ।

"क्यों? चल ना...", सिद्धार्थ जबरदस्ती उसका हाथ पकड़ उस तरफ आ गया ।

हाय ! सिड ने चेयर पुल की और उसपे बैठ गया । कोमल जो फ़ोन पर लगी हुई थी आवाज सुन सर उठाया और बोली, "तुम यहाँ?"

फिर उसने पास खड़े लड़के को देख कर कहा, "ये... नितिन है राइट... "

"हममम्म," सिद्धार्थ ने कोमल से कहा और फिर नितिन को बैठने के लिए कहा ।

नितिन भी वहां बैठ गया ।  "मुझे लगता है इसने पहचाना नहीं", कोमल ने सिद्धार्थ की ओर देखते हुए कहा ।

नितिन ने कहा, "मै कुछ भूलता नहीं । "

"ओह्ह्ह.... तो तुम्हे मै याद हू? " कोमल ने एक स्माइल के साथ कहा ।

" हाँ तुम इसकी मांगेतर हो काफ़ी बिज़नेस पार्टीज भी इसके साथ अटेंट्ड की है  तो कैसे नहीं पहचानूँगा,,  " नितिन ने नॉर्मली कहा ।

" या और तुम आज भी बहुत कम बात करते हो ,, " कोमल ने मुस्कुरा कर कहा ।

नितिन बस मुस्कुरा कर रह गया । ऐसा नहीं है की वो बात नहीं करता है या हर समय ईगो मै रहता हो । हाँ लेकिन हर कसी से नहीं कर पता अपनी बात क्युकी थोड़ा सीक्रेटिव पर्सन है  । कोमल को तो बस सिड के कारन ही जनता है इसलिए । 

"तुम यहाँ?,"  सिद्धार्थ ने कोमल से पूछा ।

"ओह, वो... बच्चों को नोट्स देने है  बस इसलिए फोटोकॉपी करवाने आयी हू... वहां सामने," कोमल ने प्रिंटिंग शॉप की तरफ इशारा करते हुए कहा ।

"ओह.. ओके, पर तुम अकेली क्यों आयी? बहन कहा है तुम्हारी ... । आज तो ऐसा भी नहीं था की हमारा कोई मिलने का प्लान है जिसके कारण वो अकेली पड़ जाती...," सिद्धार्थ ने कोमल से कहा ।

वो... उसकी तबियत ठीक नहीं है  तो मैंने ही मना किया है  । और तो और मै भी बस जल्दी चली जाउंगी  तभी वहां बाहर से लड़का आया और बोला, "मैडम प्रिंटर ठीक हो गया है आजाईये । "

"हम्म्म... भईया आप इन नोट्स को कॉपी कर दो मै आती हू, " कोमल ने नोट्स हाथ मे देकर कहा ।

"कोमल तुम जाओगी कैसे?, " सिद्धार्थ ने कहा ।

"कैसे क्या? ऑटो से, अच्छा मै उन्हें पैसे देदू और नोट्स ले लेती हू और जाती हू बाद मे मिलूंगी वो घर पर अकेली है ," कोमल ने कहा ।

सिद्धार्थ भी खड़ा हुआ और उसके साथ बाहर जाते हुए बोला, " कोमल तू उन बच्चों को ट्यूशन देना बंद करदे । "

नितिन जो वही बैठा रह गया खुद से बोला, "जबरदस्ती बिठा कर खुद उसके साथ बाहर चला गया । इसलिए तो वो गुस्सा होती होंगी क्युकी एक दम से साइड लाइन कर देते है ये... ", फिर अपना सर झटका और फिर बाहर उसके पास आकर बोला , "एक काम कर तू इसके साथ चला जा और मै अपने ऑफिस जाता हू । "

"पर क्यों मै कैसे जाऊंगा फिर," सिद्धार्थ ने पलट कर कहा ।

"और कैसे? ऑटो से", नितिन ने कहा ।

कोमल ये सुन हस पड़ी । "तुम भी हस रही हो", सिद्धार्थ ने कोमल को देखते हुए कहा ।

"मै अभी तुम्हारे साथ लड़ाई नहीं कर सकती इसलिए बाय", कोमल ये कह थोड़ा आगे जाने लगी ।

"हे कोमल, रुक तो नितिन कार ले कर आ", सिद्धार्थ ने आर्डर देते हुए कहा ।

"क्या?", नितिन ने सिद्धार्थ को घूरते हुए कहा ।

"अरे ले कर आना हम कोमल को उसके घर छोड़ आते है", सिद्धार्थ ने कहा ।

"अर यू मैड... आई ऍम आलरेडी लेट और तू," नितिन गुस्से मे बोला ।

"प्लीज यार कल तेरे साथ तेरी गाड़ी मे चला गया जिसके कारण वो तेरे ऑफिस के निचे बेसमेंट मे ही लगी है  और मै अपनी मंगेतर को ऐसे तो जाने नहीं दे सकता, प्लीज...", सिद्धार्थ की बात सुन नितिन बोला, " ओके ओके बस कर... जा रहा हू । "

कोमल उन दोनों को देख रही थी और हस रही थी । 

ये कह वहां से नितिन अपनी कार लेने चला गया जो  की पार्किंग मे लगाई हुई थी  और सिद्धार्थ कोमल के पास जा कर बोला, "तुम हमारे साथ चलना जिससे जल्दी भी पहुंच जाओगी और मै उस चुहिया को देख लूंगा की क्या हुआ? " 

" हे तुम उसे चुहिया बोलना बंद करो ,, पता नहीं क्यों बच्चों की तरह झगड़ते हो,, " कोमल ने सिड के हाथ पर हल्के हाथ से चपत लगाते हुये कहा । 

उनके सामने कार लाकर खड़ा हुआ और बाहर निकल गया । सिद्धार्थ ड्राइविंग सीट और बैठ गया और नितिन उसके साथ पैसेंजर सीट पे  कोमल पीछे वाली सीट पर बैठ गयी ।


कुछ समय बाद वे लोग कोमल के बिल्डिंग के बाहर थे  । नितिन जो अपने ख्याल मे गुम था सिद्धार्थ को आवाज सुन तंन्द्रा से बाहर आया । सिद्धार्थ मे कहा, " उत्तर ना  "


नितिन ने आसपास के एरिया को देखा उसे फील हुआ की वह यहाँ सीरत को छोड़ने आय था फिर सिड से बोला, " सिड हम यहाँ ? "

"हाँ, क्युकी कोमल यहाँ रहती है, अब उत्तर मै कार को साइड मे लगा कर आता हू ,"  सिद्धार्थ ने कहा ।

नितिन कार से उत्तर गया और सब जगह नजर दौराने लगा की क्या पता उसे वह वहां दिख जाये ।

कोमल ने नितिन से कहा, "चले "

"पर सिड", नितिन ने कहा ।

"वो आ जयेगा  पता है उसे फ्लैट तुम मेरे साथ आ जाओ, " कोमल ने कहा ।

लिफ्ट मे जा कर उसने थर्ड फ्लोर का बटन प्रेस किया और वो दोनों थर्ड फ्लोर पर आगये ।

कोमल और नितिन फ्लैट के आगे खड़े कोमल ने घर के बाहर घंटी बजायी  और तभी उसका फ़ोन बज उठा  । उसने फ़ोन उठाया और थोड़ा साइड हो गयी ।




अब आगे क्या होता है इनकी जिंदगी मे ये जानने के लिए पढ़िए

" प्यार बेशुमार "

आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏