महेंद्र सिंह पूर्व सरपंच है और अब उसके बेटा धीरज सरपंच है इसलिए गांव के लोग सरपंच के घर पर लोग आए हैं ,यह रोज कि बात होती है , वहीं घर अंदर महिलाएं अपने बातों पर मसगुल थी , पड़ोस कि सुलेखा बुआ गांव कि कुछ खबरें सुहासिनी और इंदुरानी के साथ मयुरी को बताकर श्रीजी कि शादी कि बात निकाल लिया था उसी वक्त सीढ़ियों से छम-छम करती श्रीजी और नैना दौड़ कर उतरते हुए आई !!
सुलेखा श्रीजी और नैना को देखकर बोल उठी; कठ्ठे जा रही हो छोरियों अब बड़ी हो गई हो ऐसे उछल कूद करते फिरोगी सासरा जाने कि उम्र हो चली है !!
श्रीजी अपने एक हाथ से अपने काठ के गुड्डे को सीने से लगाई थी और दूसरे हाथ में नैना के हाथ पकड़े फुदकती हुई आई उसने सुलेखा बुआ को बड़े प्यार से जवाब देने लगी; बुआ दादी मैं सासरे ना जाऊंगी मैं अपने माधव के सेवा करूंगी भजन गा के फिर एक दिन मेरे माधव खुश हो जाएंगे और अपने मुरली देंगे माधव , फिर सुलेखा बुआ से बोलने लगी ;आप महंत जी से पूछ लेना , क्यों माधव मैंने साची कहा ना , श्रीजी ने अपने गुड्डे को मुस्कुरा कर उत्साहित होकर पूछने लगी!!
सुलेखा बुआ बोली उत्तर में ; अरे वो तो लकड़ी के गुड्डा है वो क्या जवाब देगा !!
नैना सुलेखा बुआ को बोल उठी श्री के पक्ष लेते हुए; बुआ दादी महंत जी काठ का ना से उसने ही श्री जीजी से कहा है !
सम्राट सीढ़ियों से उतरते हुए श्री जी से ; श्री , नैना जा बाहर खेलना, उसके बाद सुलेखा बुआ को उत्तर दिया; बुआ दादी सा आप क्या बात लेकर बैठी हो फुफा दादा सा कल बजार में मिले थे उसने बताया कि वो अपनी खेत बेचने कि सोच रहे हैं ??
श्रीजी और नैना बाहर चली गई और सम्राट सुलेखा बुआ के पास आकर सोफे पर बैठा !!
सुलेखा मुंह बनाकर बोली ; मारे को ना खबर से थारे फुफा कि बात वो ज़रा सठिया गया बुढाऊ !!
जयपुर शहर में राणा विरेन्द्र प्रताप के घर पर हलचल थी और नताशा कि आवाज गुंज रही थी कामों को व्यवस्थित करने कि और दोपहर समय होने लगे तो घर के दरवाजे कि ओर आते हुए गाड़ियों के हार्न बजने लगे !!
नताशा और कंचन तैयार होकर दरवाजे के तरफ आई और स्वागत करने हाथ जोड़कर खड़े हुई !!
नताशा के अंकल गाड़ी से उतरे,अंकल भी बहुत बड़े रहीश इन्सान लग रहे थे उसके ड्रेस बहुत बढ़िया था बिजनेस सूट मेहरून रंग के कोट पैंट में थे आर्कषक व्यक्तित्व के मालिक लग रहे थे ,अंकल मुस्कुरा कर कंचन को हाथ जोड़कर नमस्ते किया, फिर नताशा के पास आए और साइड हक करके हालचाल पूछा ; सब बढ़िया है पुत्तर जी ??
नताशा अपने अंकल को स्माइल दिया और बोलने लगी " जी अंकल सब बढ़िया है आप अकेले आएं हैं आंटी को क्यों लेकर नहीं आए ??
अंकल नताशा के साथ चलते चलते जवाब दिया ; पुत्तर जी तुम्हारी आंटी को जरूर लेकर आऊंगा अभी मैं दिल्ली जाऊंगा यहां कुछ काम था मुझे तो सोचा आपसे और राणा हुकुम सा से मुलाकात कर लूं !!
नताशा अपने अंकल के साथ घर अंदर आए तो राणा जी अपने मैनेजर के साथ खड़े थे, नताशा के अंकल को हाथ जोड़कर नमस्कार करते बोले ; नमस्ते गोयल सा जी बहुत अच्छा लगा आप हमारे घर आएं ,आइए विराजमान होइए ,और सोफे पर दोनों बैठे ,वो दोनों राणा जी और नताशा के अंकल गोयल सा कुछ बिजनेस कि बात करने लगे !!
खाने का वक्त हो गया था, कंचन और नताशा डायनिंग टेबल पर नौकरों के मदद से खाना लगा दिया फिर कंचन हॉल में आई और बोलने लगी " बाबा सा लंच रेडी हो गया है !!
राणा सा नताशा के अंकल को बोले ; गोयल जी चलिए लंच करते बात करते हैं, दोनों लंच लेने लगे , खाना स्वादिष्ट लग रहा था और नताशा के अंकल कहने लगा ; सच में खाना बहुत स्वादिष्ट बना है !!
नताशा मुस्कुरा बोल उठी ; अंकल ये सब खाना भाभी ने बनवाया है!!
गोयल अंकल फिर राणा विरेन्द्र प्रताप को देखकर बोले ; राणा हुकुम सा ,अभय का बिजनेस परफोर्मेंस को देखकर मेरे करीबी दोस्त जीवनलाल अग्रवाल प्रताप खानदान से अपना रिश्ता जोड़ना चाहते हैं, पार्टी अच्छी खासी है ,बड़ा प्रॉपर्टी है बड़े बिजनेस है और जिस लड़की के लिए वो रिश्ता भेजे हैं वो दिल्ली से पढ़कर आई है बिजनेस कि अच्छी समझ है ,देखने में सुंदर भी है लड़की!!
राणा सा खुश हो गए गोयल साहब के मुंह से अभय के लिए रिश्ता सुनकर , फिर बोले मुझे कोई ऐतराज नहीं है वो जरूर आएं और अभय के साथ हम लोगों से भी मिल सकता है!!
नताशा और कंचन खुश हुई , नताशा बोलने लगी; अंकल फिर कब आएंगे वो लोग अभय को देखने!!
गोयल अंकल का जवाब था ; बेटा आप लोग तैयार है तो कल परसों ही वो लोग आ जाएंगे !!
कंचन बोलने लगी; जी हम सारी तैयारियां कर लेंगे !!
खाना सभी का हो गया था वो लोग उठकर हॉल एरिया पर आए !!
"राणा सा और कंचन अभय के लिए फिक्रमंद थे जब से सुना कि अभय कोठा (रंग बजार) जाने लगा है इसी कारण शादी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दिया , नताशा और अशोक राणा जी को शादी कि सजेशन दे दिया था !
"हवेली में तैयारियां शुरू हो गई पर अभय को यह बात मेहमान आने कि रात पता चली , अभय दादा जी कि बात रख लिया था ,अगली सुबह डायनिंग टेबल पर राणा सा अभय को ऑफिस से जल्दी घर आने बोल दिया , दोपहर के इंतजार में राणा सा और घरवाले थे और जैसे ही मेहमान आए घर पर गहमागहमी बढ़ गई , नताशा के अंकल आंटी के साथ अग्रवाल परिवार भी आ गए , राणा जी के महल जैसे हवेली देखकर सभी बहुत खुश हुए !!
"शाम अभय जल्दी घर आ गया दादाजी के कहने पर , मेहमान लंच तक आ गये थे अग्रवाल परिवार और प्रताप परिवार को रिश्ते दारी में नताशा के अंकल जोड़ दिया !!
हॉल में घरवालों के साथ मेहमान भी बैठे थे और नताशा के अंकल ने अभय का परिचय दिया ; अभय मिस्टर जीवनलाल अग्रवाल और मिसेज जयंती अग्रवाल उसकी बेटी मनस्वी अग्रवाल !!
अभय हाथ जोड़कर नमस्कार किया ,अभय को मनस्वी के पास बैठाया गया था, मनस्वी बहुत खुश थी वो बार-बार अभय को तिरछी नजर से देख रही थी , नताशा बोली अभय से ; अभय जाओ मनस्वी को हमारी हवेली दिखाओ !!
अभय को उसी समय फोन आया और फोन पर स्क्रीन देखकर वो उठा और बोलने लगा ; दादा जी मुझे माफ़ कीजिए मुझे एक जरूरी काम के सिलसिले से बाहर जाना पड़ेगा , राणा जी कुछ बोलते इससे पहले अभय के क़दम बढ़ गए थे , राणा जी मेहमानों के सामने अभय से सवाल भी नहीं कर पाए !!
नताशा का मुंह बन गया जब अभय सबको इग्नोर करके जाने लगा उसके अंदर चिढ़ मच गई पर यहां अपने नाराजगी दबा लिया और अपने बेटे शौर्य को बोलने लगी ; अभय नहीं तो क्या हुआ शौर्य है ना , शौर्य जाओ मनस्वी को हमारी हवेली दिखाओ!!
शौर्य अपने फोन देख रहा था मॉम कि बात सुनकर सरप्राइज हुआ पर वो भी सबको देख कर मना नहीं किया और खड़े हुआ !!
नताशा नकली हंसी फेंकते हुए बोलने लगी मिस्टर अग्रवाल और मिसेज अग्रवाल को ; अभय कंपनी का सीईओ हैं ज़रूरी काम उससे जुड़ी है इसलिए चला गया !!
अशोक अपने फोन उठाया और मैसेज टाइप कर सेंड किया किसी को !!
गोयल नताशा के अंकल और आंटी बात आगे बढ़ाते हुए बोलने लगे " अग्रवाल जी आप अपनी फैसला सुना दीजिए राणा हुकुम सा को !!
अग्रवाल परिवार में पति-पत्नी और उसके बेटा बहू आए थे चारों पांचों ने आंखों ही आंखों में इशारा कर हामी भर दिया फिर मिस्टर जीवनलाल अग्रवाल ने जवाब दिया ; हमें अभय पसंद है , हमारी अच्छी भाग्य है जो मेरी बेटी का रिश्ता प्रताप परिवार से हो रही है !!
राणा सा 😊खुश हुआ और जवाब देने लगे ; अग्रवाल जी हमारी अच्छी किस्मत है जो आप अपनी बेटी इस घर को दे रहे हैं आभारी तो हम हैं आप लोगों कि !!
कुछ देर बाद घरवाले सभी फैसला लिया कि महंत जी सी शुभ मुहूर्त देखकर सगाई और शादी फिक्स करते हैं
कहानी जारी रहेगी
🙅Readers aap logo ko kya lgta hai shriji ko madhav ki bhakti melegi wa sansarik jivan milegi 💗
(Bhumi)