लाहौर में मुगल काल की स्थापत्य कला के साथ साथ ब्रिटिश काल के भी भवन आदि हैं।इस शहर को बागों के शहर के नाम से भी जाना जाता है।इसी शहर में नूरजहाँ और जहांगीर के मकबरे है।मुगल और ब्रिटीश काल की धरोहर आज भी सुरक्षित औऱ संरक्षित है।ललाहौर शिक्षा और संस्कृति के लिय भी जाना जाता है।
लाहौर का चिड़ियाघर विश्व मे सबसे पुराना है।इसे 1872 में बनाया गया था।उसमें विभिन्न प्रजातियी के जीव है।यहाँ पर किन्स गन भी संग्रहालय में रखी हुई है।इसका प्रयोग अहमद शाह अब्दाली ने 1761 के पानीपत के ययड युद्ध मे किया था।
हिना ने नरेश को लाहौर की सैर कराई थी।मुगल काल और अंग्रेजो के जमाने के सब स्थान दिखाए थे।बाजार में घूमते समय नरेश औरतों को देखकर बोला,"यहाँ की औरते बहुत सुंदर है"
"क्या मेरे से मन भर गया?"पति की बात सुनकर हिना बोली थी।
"क्यो?"
"दूसरी औरते पसन्द आने लगी,"हिना बोली,"क्या मेरी जगह दूसरी लाने का इरादा है?"
"डोंट वरी,"नरेश बोला,"हमारे यहाँ यह चॉइस नही है।जो मिल गयी वो ही रहेगी
इस तरह की हंसी ठिठोली उन दोनों के बीच मे चलती रहती थी।दोपहर में हिना और नरेश एक होटल में खाना खाने गए तो हिना को निगार मिल गयी थी।वह उसे देखकर खुश होते हुए बोली,"आज तो बहुत दिनों बाद।तू तो लंदन क्या गई।वहाँ की हो गयी
"तू सही कह रही है,"अपने बारे में बताते हुए बोली,"तू अपने बारे में बता।"
"मैं आजकल यही हूँ।मेरा निकाह हो गया।मेरे पति सरकारी मुलाजिम हैं।"
और दोनों सहेलियों आपस मे बाते करती रही बातो ही बातो में निगार बोली,"तूने निकाह किया या नही?"
"कर लिया,"हिना बोली,"यह है मेरे शौहर
हिना ने नरेश औऱ निगार का परिचय कराया था।नरेश का परिचय जानकर निगार बोली,"तुझ्रे हिन्दू पसन्द आया?"
"और तुझ्रे?"हिना ने निगार से पूछा था
"पाकिस्तान में दूसरे मजहब में शादी करने की बात मुस्लिम लड़की नही सोच सकती "
"यहां के नेता,खिलाड़ी तो दूसरे धर्म की विदेशी भी ले आते हैं "
"आम लोग नही कर सकते
औऱ वे काफी देर तक बाते करते रहे थे।Iफिर वे चले तब हिना बोली,"लिबर्टी मार्किट चलते हैं
"क्यो?"नरेश बोला था।
"यहा आये है तो मम्मी के लिये कुछ खरीद लेते हैं।"और वे दोनों लिबर्टी मार्किट गए थे।हिना ने अपनी सास के लिय साड़ी व अन्य चीजें झरीदी थी।नरेश को भी और नरेश ने हिना के लिये
और वे लाहौर में घूमते रहे।वे गए तो हिना की अम्मी से मिलने गये थे लेकिन वह सऊदी अरब चली गयी थी।इसलिय वापस लौट आये थे।घर पहुंचे तो माँ बोली थी
"कोमल की शादी है।"
"कौन कोमल?"नरेश मां की बात सुनकर बोला था।
"कोमल को भूल गया।"
"मौसी की बेटी।"हां मेरी बहन कांता की बेटी।लंदन में होती तो शायद न भी आ पाती।जब यहाँ है तो जा आते हैं।"
"तो क्या हमें भी चलना है?"
"कांता ने कहा है बहु को जरूर साथ लेकर आना।
"तब तो चलना पड़ेगा
कांता मौसी जबलपुर में रहती थी।नरेश ने ऑनलाइन टिकट बुक करा ली और वे जबलपुर जाने की तैयारी करने लगें।नरेश अपनी मां के साथ पहले भी जबलपुर जा आया था।उसके मौसा की अपनी दुकान थी।अच्छा कारोबार था।कांता ने पहले ही हिदायत दे दी थी।शादी से पहले आ जाना।नरेश ने दो दिन पहले का रिजर्वेशन करा लिया था।दिल्ली से जबलपुर के लिय दिल्ली से सीधी ट्रेन थी।