Suhagraat Web Series - 3 in Hindi Love Stories by Lokesh Dangi books and stories PDF | सुहागरात वेबसीरीज - भाग 3

Featured Books
Categories
Share

सुहागरात वेबसीरीज - भाग 3




---

 का रोमांस

रवि अलार्म बजने से पहले ही जाग जाता है। वह देखता है कि कविता अभी तक सो रही है। उसका चेहरा सुबह की हल्की धूप में और भी खूबसूरत लग रहा है। रवि उसे छेड़ने की सोचता है।

रवि: (धीमी आवाज में) उठो, महारानी। सूरज भी जाग गया है।
कविता करवट लेकर फिर से सोने की कोशिश करती है।

कविता: (नींद भरी आवाज में) अभी थोड़ी देर और सोने दो।
रवि हल्के से उसका दुपट्टा खींचता है। कविता आंखें खोलती है और शरमाते हुए उसे घूरती है।

कविता: (मुस्कुराते हुए) तुम्हें सुबह-सुबह तंग करने के अलावा और कुछ नहीं आता?
रवि: (हंसते हुए) नहीं, तुम्हें देखना मेरी दिन की सबसे अच्छी शुरुआत है।

रवि कविता के पास झुकता है और उसके माथे पर एक हल्का-सा चुंबन देता है। कविता शरमा जाती है और जल्दी से उठकर बिस्तर से नीचे उतर जाती है।


-: ससुराल की दिनचर्या

कविता रसोई में सासू मां के साथ काम कर रही होती है। रवि कमरे से बाहर निकलता है और कविता पर नजर डालता है।

सासू मां: (मुस्कुराते हुए) बहू, तुम्हारे पति को सुबह-सुबह भूख लगी होगी। इन्हें कुछ अच्छा बना दो।
रवि: (चुटकी लेते हुए) मां, मैं तो कहता हूं बहूजी के हाथ का खाना सबसे अच्छा है।

कविता हंसते हुए रवि को घूरती है। वह धीरे-धीरे उसके पास आता है और धीमे से कहता है:
रवि: (कान में) तुम काम के बहाने मुझे नजरअंदाज मत करो।

कविता शरमा जाती है और सासू मां से छिपाने की कोशिश करती है।


 में रोमांस

रवि और कविता बाजार जाने का प्लान बनाते हैं। बाजार की भीड़भाड़ में रवि कविता का हाथ पकड़कर चलता है।

रवि: (मुस्कुराते हुए) कहीं तुम खो मत जाओ, इसलिए हाथ पकड़ा है।
कविता: (हंसते हुए) मुझे खोने की चिंता तुम्हें ज्यादा है।

रवि अचानक कविता को एक गहनों की दुकान पर ले जाता है।
रवि: (प्यार से) तुम्हें अपनी पसंद का कुछ लेना है, तो ले लो।
कविता: (शर्माते हुए) तुम्हें मेरे लिए इतना खर्च करने की जरूरत नहीं है।
रवि: (गंभीरता से) तुम्हारी खुशी ही मेरी सबसे बड़ी दौलत है।

कविता उसकी बात सुनकर भावुक हो जाती है। दोनों की आंखें मिलती हैं, और वहां मौजूद भीड़ भी उन्हें देखती है। का बढ़ता रोमांस

दिनभर की हलचल के बाद रात का वक्त आता है। कविता कमरे में अपने बाल सुलझा रही होती है। रवि उसे देखता है और मुस्कुराता है।

रवि: (शरारती लहजे में) तुम्हारे बालों में ये खुशबू कहां से आती है?
कविता: (मुस्कुराते हुए) ये तो तुम्हारे प्यार की महक है।

रवि उसके पास जाता है और उसके बालों को सहलाने लगता है। कविता थोड़ा झिझकती है लेकिन फिर वह रवि के करीब आ जाती है।

रवि: (धीमे स्वर में) तुम मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत चीज हो।
कविता: (धीरे से) और तुम मेरे।

रवि कविता को अपनी बाहों में लेता है। कमरे की रोशनी मद्धम हो जाती है। दोनों एक-दूसरे के करीब आते हैं। कविता धीरे-धीरे रवि को अपनी बाहों में कस लेती है।

कविता: (धीमी आवाज में) मुझे ऐसा लगता है जैसे हमारी ये रात कभी खत्म न हो।
रवि: (मुस्कुराते हुए) ये तो बस शुरुआत है।

दोनों के बीच एक गहरा जुड़ाव महसूस होता है। उनके बीच का प्यार और मोहब्बत इस रात को और खास बना देती है।



अगले दिन कविता और रवि अपनी नई जिंदगी की योजना बनाने का फैसला करते हैं। वे एक-दूसरे से वादा करते हैं कि हर चुनौती का सामना साथ मिलकर करेंगे।

कविता: (मुस्कुराते हुए) तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे न?
रवि: (गंभीरता से) तुम्हें छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता।

दोनों एक-दूसरे को गले लगाते हैं