Ishq da Mara - 56 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 56

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इश्क दा मारा - 56

सुबह होती है...........

रानी यूवी की मां के पास जाती है और बोलती है, "काकी सुबह हो गई है, मगर यूवी अभी तक घर नहीं आया है"।

तब यूवी की मां बोलती है, "मुझे भी उसकी बड़ी फिक्र हो रही है, पता नहीं कहा है, जरा उसे फोन तो लगाओ"।

तब रानी बोलती है, "काकी आप अपना फोन दो मेरे फोन तो वो उठाएगा नहीं"।

तब रानी यूवी की मां के फोन लगाती है।

यूवी सो रहा होता है। तभी देखता है कि उसकी मां की कॉल आ रही होती है तो वो फोन उठाता है और नींद में बोलता है, "हा मां बोलो "।

तब रानी बोलती है, "मैं रानी बोल रही हूं, तुम कहा हो और कल से घर क्यों नहीं आए "।

रानी की आवाज सुन कर यूवी को गुस्सा आ जाता है और वो बोलता है, "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे कॉल करने की "।

तब रानी बोलती है, "मुझे काकी ने कहा था "।

तभी रानी यूवी की मां को फोन दे देती है और वह बोलती है, "बेटा तुम कहा हो और घर क्यों नहीं आए"।

तब यूवी बोलता है, "मां कुछ जरूरी काम था, इसलिए नहीं आया"।

तब यूवी की मां बोलती है, "तुम क्यों अपने बाप की वजह से अपनी जिंदगी खराब कर रहे हो, तुम उनसे मना क्यों नहीं कर देते कि तुम ये सब नहीं करोगे "।

तब यूवी बोलता है, "मां आप क्या चाहती हो मैं जिंदा ना रहूँ, जिस दिन मेने उनके काम से मना कर दिया न, उसी दिन वो अपने हाथों से मुझे मार देंगे, और आप परेशान मत हो, मैं रात में आ जाऊंगा "।

तब यूवी की मां बोलती है, "तब यूवी की मां बोलती है, "क्यों रात में क्यों, अभी क्यों नहीं"।

तब यूवी प्यार से बोलता है, "मेरी प्यारी मां कुछ जरूरी काम है, उसे पूरा करके रात को पक्का आ जाऊंगा, अच्छा ठीक है अब मैं फोन रखता हूं "।

उसके बाद यूवी फोन रख देता है।

उधर मीरा गीतिका से बोलती है, "और क्या बात हुई रात में"।

तब गीतिका बोलती है, "बात ही कहा हुई, वो चला गया"।

तब मीरा बोलती है, "इतने देर तक तो तुम बाहर थी"।

तब गीतिका बोलती है, "वो सारा टाइम तो रूठने मनाने में ही चला गया, और उसने आज मिलने का बोला है"।

तब मीरा बोलती है, "कहा मिलोगी आज ????

तब गीतिका बोलती है, "पता नहीं, मगर मिलना तो है, तुम बताओ ना कैसे मिलु यूवी से "।

तब मीरा बोलती है, "वाह प्यार करो खुद और मिलने के तरीके मैं बताऊं "।

तब गीतिका बोलती है, "तुम मेरी बहन नहीं हो, बताओ ना, वैसे भी फूफा जी को यूवी बिलकुल पसंद नहीं है, और मैं यहां के बारे में जानती भी नहीं हूं, तो कैसे मिलु "।

तब मीरा बोलती है, "अच्छा ठीक है मैं कुछ सोचती हूं "।

तब गीतिका बोलती है, "अच्छा ठीक है जब तक तुम सोचो, तब तक मैं उसे कॉल करती हूं"।

तब मीरा बोलती है, "पागल हो तुम क्यों कॉल कर रही हों, भाई खुद कॉल करेंगे "।

तब गीतिका बोलती है, "हा ये भी ठीक है, वरना कही उसे ऐसा ना लगे कि मैं मर रही हूं उसके लिए"।

तब मीरा बोलती है, "हा वैसे ये तो ठीक है, क्योंकि तुम मर ही रही हों उनके लिए "।

तब गीतिका बोलती है, "क्यों ना मरू उसके लिए, जिसे दुनिया की कोई भी लड़की अच्छी नहीं लगती सिवाय मेरे, और जो मेरे लिए रोता भी है, जिसे मेरी फिक्र भी है "।

तब मीरा बोलती है, "हा ये तो है, यूवी भाई को लड़कियों से चीड़ होती थी और वो लड़कियों को अपने आस पास भटकने भी नहीं देते थे "।

तब गीतिका बोलती है, "अब देखो मैं उसे कैसे परेशान करती हूं "।

उधर यूवी उठ कर नाश्ता कर रहा होता है और बंटी से बोलता है, "देख यार आज थोड़ा सम्भाल लियो, क्योंकि मुझे उससे मिलने जाना है "।

तब बंटी उसकी तरफ गुस्से से देखने लगता है और बोलता है, "ये क्या मिलना मिलना लगा रखा है, रात को मिला तो था "।

तब यूवी बोलता है, "तुझे क्यों इतनी प्रॉब्लम हो रही है, में कभी भी मिलु उससे, और हा उसके सामने तू चुप ही रहा कर, वरना बहुत पिटेगा "।

तब बंटी बोलता है, "वाह भाई वाह क्या बात है, अब उस लड़की के चक्कर में तू मुझे मारेगा, जिसने तुझे अभी तक बताया भी नहीं है कि वो तुझ से प्यार करती भी हैं या फिर नहीं "।

तब यूवी बोलता है, "वो करती है मुझ से प्यार मुझे पता है " 

तभी यूवी उसे कॉल लगाता है और वो कॉल उठा लेती है।

तब यूवी बोलता है, "और बताओ कहा मिलना है ???

तब गीतिका बोलती है, "ये क्या ना हाय ना हेलो सीधा मिलने का पूछ रहे हो "।

तब यूवी बोलता है, "क्योंकि मुझे मिलना है "।

तब गीतिका बोलती है, "रात में तो बड़ी ही जल्दी थी जाने की, और अब मिलने की जल्दी है"।

तब यूवी बोलता है, "क्यों तुम मिलना नहीं चाहती हो मुझ से "।

ये सुनते ही गीतिका चुप हो जाती हैं और कुछ भी नहीं बोलती है...........