Ishq da Mara - 54 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 54

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इश्क दा मारा - 54

बंटी की बाते सुन कर यूवी बोलता है, "कमीनें तू थोड़ी देर चुप नहीं रह सकता है, उसके बाद वो उठ जाता है और बंटी से बोलता है, "चल तू निकल यहां से "।

तब बंटी बोलता है, "तुझे क्या लगता है कि मैं तुझे अकेला छोड़ कर चला जाऊंगा, नहीं जाऊंगा, वैसे भी मुझे इस शहर की लड़की पर बिलकुल भरोसा नहीं है, क्या पता उसी गुंडे ने इसे यहां पर भेजा हो तुझे मारने के लिए, वो खुद तो तुझे नुकसान नहीं पहुंचा पाया, तो सोचा कि क्यों ना लड़की का इस्तेमाल करु अब, और तुझे लड़कियों में कब से इंटरेस्ट होने लगा, तू तो लड़कियों को देख कर भागता था"।

तब यूवी बोलता है, "तू बकवास बंद कर और निकल यहां से "।

तभी गीतिका उठ कर उनके पास आती है और गुस्से में बोलती है, "हा मैं शहर से इसे मरने के लिए ही आई हूं, और उसी गुंडे ने भेजा है मुझे"।

तब यूवी बोलता है, "गीतिका तुम इसकी बातों पर ध्यान मत दो, ये पागल हो चुका है "।

तब गीतिका बोलती है, "नहीं नहीं ये बिल्कुल सही बोल रहा है, मैं तुम्हे मारने के लिए ही आई हूं "।

तब यूवी बंटी से बोलता है, "देख भाई अब तू चुप चाप यहां से चला जा, वरना मेरे हाथों से पीट जाएगा "।

तब बंटी बोलता है, "ओह तो तू अब इस लड़की के लिए मुझे मारेगा, भाई तू सच में पागल हो गया है, ये लड़की तेरे से प्यार व्यार नहीं करती है, जो तू इसके लिए मुझे मारना चाह रहा है, और तुम कैसी लड़की हो, इसकी हालत नहीं देख रही हो कि चोट पूरे शरीर पर लगी है, मगर फिर भी तुम्हारी एक कॉल पर आ गया "।

तब यूवी बोलता है, "तुझे क्या हो गया है ये किस तरह से बात कर रहा है तू गीतिका से "।

तब बंटी बोलता है, "मैं बिल्कुल सही बोल रहा हूं "।

तभी यूवी बंटी को जबरदस्ती नीचे भेज देता है। गीतिका वही पर खड़ी रहती है। यूवी बोलता है, "तुम खड़ी क्यों हो यहां पर बैठो"।

उसके बाद गीतिका कुर्सी पर बैठ जाती है। गीतिका यूवी की तरफ देखने लगती है और बोलती है, "तुम क्यों आए मेरी एक कॉल पर"।

तब यूवी बोलता है, "पता नहीं दिल करा आ गया"।

तब गीतिका बोलती है, "जो भी लड़की तुम्हे कॉल करती है तुम क्या सबके पास चले जाते हैं"।

ये सुनते ही यूवी बोलता है, "पागल हो क्या तुम, मैं लड़कियों से दूर ही रहता हूं और किसी लड़की की इतनी हिम्मत नहीं है जो मुझे कॉल करे "।

तब गीतिका बोलती है, "तो तुम मेरे पास क्यों बैठे हुए हो और मेरी एक कॉल पर क्यों आ गए "।

तब यूवी बोलता है, "अभी तो बोला पता नहीं "।

तब गीतिका बोलती है, "एक बात बोलूं"।

तब यूवी बोलता है, "एक नहीं हजार बात बोलो"।

तब गीतिका बोलती है, "मुझ से दूर रहो और मत आया करो मेरे पास, और मत सोचा करो मेरे बारे मे"।

तब यूवी बोलता है, "मगर क्यों ?????

तब गीतिका बोलती है, "बस यू ही, क्योंकि तुम्हे देख कर मेरे सर में दर्द होने लगता है"।

तब यूवी बोलता है, "मैं एक बात बोलूं "।

तब गीतिका बोलती है, "हा बोलो"।

तब यूवी बोलता है, "तुम मुझे सब कुछ बता दो कि मेरी वजह से तुम गांव क्यों आई हो, और मैने तुम्हारी जिंदगी कैसे बदल दो, पक्का मैं तुम से दूर हो जाऊंगा और कभी भी तुम्हारे पास नहीं आऊंगा "।

तब गीतिका बोलती है, "पक्का "।

तब यूवी बोलता है, "पक्का "।

उसके बाद गीतिका यूवी को सब कुछ बता देती है ये सब बताते हुए गीतिका की आंखों से आंसू आने लगते हैं।

तब यूवी बोलता है, "सॉरी उस दिन के लिए भी और आज के लिए भी, और अगर तुम चाहती हो कि मैं तुम से दूर हो जाऊ, तो ठीक है अब मैं तुम्हारे पास कभी भी नहीं आऊंगा और ना ही तुम्हे अपनी शक्ल दिखाऊंगा , बस तुम अपना ख्याल रखना और कभी भी मेरी जरूरत हो तो मुझे बुला लेना"।

तब गीतिका बोलती है, "तुम सच बोल रहे हो, तुम अब मुझे कभी भी परेशान नहीं करोगे " 

तब यूवी बोलता है, "हा........

तब गीतिका बोलती है, "तुम मेरी बात इतनी आसानी से कैसे मान गए"।

तब यूवी बोलता है, "क्योंकि मुझे पता है कि मैं एक गुंडा हूं, और तुम एक अच्छे फैमिली की लड़की हो और गुंडों से दूर रहती हो और वैसे भी गुंडों से प्यार कौन करता है "।

तब गीतिका बोलती है, "तो फिर मेरी एक कॉल पर क्यों आ गए थे "।

तब यूवी बोलता है, "मुझे लगा कि तुम भी मुझ से प्यार करती हो, मगर अब लगता है कि नहीं.... मैं तुम्हारे लायक नहीं हूं, तुम एक पढ़ी लिखी लड़की और मैं एक गुंडा "।

ये बोलते ही यूवी की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वो वहां से चला जाता है।

गीतिका उसे देखती रहती है...............