गैलेक्सी मॉल
विराट तपस्या को अपनी बातों में उलझाकर वहां से जानें लगा। तपस्या उसे पीछे से रोक ते हुए आवाज देने लगीं
"Mr अग्निहोत्री
विराट बिना पलटे अपने क़दम एटीट्यूड के साथ आगे बढा ते हुए"मेरा phone number आप को yellow page se मिल ही जाएगा miss रायचंद फिर भी और ज्यादा बेताबी हो मुझसे बात करने केलिए तो अपने घरकी किसी भी मेंबर से पूछ लिजिए क्यों के आज कल विराट अग्निहोत्र ही आप के घर की हॉट टॉपिक है।"
बोलते बोलते वो अपने केबिन के तरफ़ बढ गया। और उसे यूं जाता देख तपस्या मुंह फुला कर अपनी बेतहाशा धड़कते दिल पर हाथ रख कर झल्लाते हुए बोली "पहले तो यूं एक्सप्रेस की तरह धड़कना बंद करेगा तो ही कुछ सोच समझ पाऊंगी में और आगर तूझे धड़कना ही था तो सिद्धार्थ कौन सा बुरा था।"
कहते हुए वो रूक कर एक थकी हुई गहरी सांस लेने लगी और बोलि"उनकी वो नेली नेली आंखे हैं तो मेरे वीर जेसी लेकीन वीर की आंखों में तो भर भर कर मासूमियत थी और इनकी आंखों में
कहते कहते वो रूक गई और खोई हुई सी बोलि"जितनी उनमें गहराई हैं उतनी मिस्ट्री भी है ।"
बोलते हुए वे अपने दिल के पास झांक ते हुई वापस कहने लगी "उन्हे दिखकर यूं उछले बीना थोडा सब्र रखो तो में थोडा दिमाग से काम ले पाऊं शादी में बस एक ही हफ्ता हैं और सामने यशवर्धन रायचंद है और मेरा दिल किसी और पर आ गया है फिंगर में रिंग किसी और का है।"
एक ही सांस में बोलते बोलते वो थक कर वहीं दीवार के पास टिक कर खडी हो गईं । और अपनी आंखे बंद कर ली।
"Ma'am आप केलीय फ्रेश स्ट्रॉबेरी स्मूदी विराट सर ने भेजा है।"
आवाज कानों में पड़ते ही उसने मुड़ कर दिखा एक स्टाफ ट्रे में स्मूदी का ग्लास पकड़ कर खडी थी और ट्रे के चारों ओर स्ट्रॉबेरी रखे हुए थे एक रेड रोज के साथ। उसके परेशान चेहरे पर मुस्कान आ गई। उसने झट से एक स्ट्रॉबेरी पकड़ी और मुं में डालते हुए स्टाफ को देख कर बोली"उतना भी डेंजर है नहीं आप के बॉस जितना हम सोच रहे हैं।" बोल ते बोले वो स्ट्रॉबेरी मुं मे डाल चुकी थी। स्टॉफ ने उसकी बात सूनी और मुस्कुराकर चली गईं।
दूसरे और विराट अपनी कैबिन के और बढ रहा था जब उसकी नजर फ्लोर मैनेजर पर पड़ी जिसे थोड़ी देर पहले ही सिद्धार्थ ने बेइज्जत किया था। वो रुककर गौर से मैनेजर को देखने लगा ।मजबूरी और गुस्सा उसके चेहरे से साफ झलक रही थी ।गुस्सा इसलिए कि वो उस बेज्जती को शायद भूल नहीं पाया था और मजबूर इसलिए क्योंकि अपने काम की वजह से उसे सिद्धार्थ को अटेंड करना पड़ रहा था।
वो चल कर आया और मैनेजर के बगल में खड़ा हो गया। और उसके कंधे पर हाथ रखकर उस तरफ़ देखने लगा जिस तरफ़ मैनेजर देख रहा था। जहां सिद्धार्थ खुद अपनी शादी के लिए कपड़े सेलेक्ट कर रहा था वो भी सेल्स गर्ल को बुरे तरीके से परेशान करते हुए। मैनेजर ने जब किसी का हाथ अपने कंधे पर महसूस किया तो हड़बड़ाते हुए देखने लगा।
"सर आप यहां? कुछ काम था तो मुझे बुला लिया होता।"
विराट सिद्धार्थ के तरफ देखते हुए मैनेजर के सवालों को इग्नोर करते हुए
"गुस्सा आ रहा है ना इस कार्टून के ऊपर?"
मैनेजर ने उसके बात सुनी और नजर झुका लिया।
"अमीरों की आदत होती है मैनेजर साहब गरीबों को गंदी नाली का कीड़ा समझ कर अपने पैरों तले कुचलने की।इसलिए एक मुफ्त की सलाह देता हूं
कहते हुए वो सिद्धार्थ से नजर हटाकर मैनेजर की ओर देखने लगा ।और अपनि बात पूरी करते हुए बोला
"इससे पहले कि वो तुम्हें अपने पैरों के निचे कुचले उनके पैर ही काट दो।"
कहकर वो एटीट्यूड के साथ मुस्कुरा दिया। उसकी बात सुनकर मैनेजर गुस्से और बेबसी से खुद पर ही हस्ते हुए,
वो "सिद्धार्थ ओबेरॉय है सर और मैं एक मामूली सा
"विराट अग्निहोत्री से जुड़ा हुआ कोई भी इंसान मामूली नहीं है मैनेजर साहब।"
कहते हुए उसने किसी को कॉल लगाया और दो रिंग के साथ ही दूसरे साइड के इंसान ने कॉल पिक कर लिया।
"Hmmm , बोल बीर।"
"It's विराट ,.... विराट अग्निहोत्री । डू यू अंडरस्टैंड साहिल।"(विराट का स्कूल फ्रेंड)
विराट ने गहरी आवाज में कहा।
फोन के दूसरे साइड से"Okay fine, बोलिए mr विराट अग्निहोत्री।"
विराट बिना किसी भाग के"एक फुटेज भेज रहा हूं गैलेक्सी मॉल का। मेरी फ्लोर मैनेजर के साथ बेवजह फिजिकल हरासमेंट किया है सिद्धार्थ ओबरोई ने और कल की हर न्यूज़ चैनल में यही फुटेज चलनि चाहिए।"
विराट ने कहा और इससे पहले की फोन के दूसरे साइड से साहिल कुछ कहता उसने फोन कट कर दिया और मैनेजर के ओर देखते हुए बोला"कमजोरी ताकतवर इंसान बॉडी से नहीं दिमाग से होता है। हर बार किसी को हराने के लिए चाकू छुरी या बंदूक की जरूरत नहीं पड़ती है ।"कहते हुए वो मुस्कुराया और मैनेजर की पीठ थप थापा कर वहां से जाने लगा।
"आप भी तो इतनी अमीर है सर आप तो वैसे नहीं है ?"मैनेजर मुस्कुराते हुए बोला।
विराट रुक गया और पीछे मुड़कर उसे देखते हुए बोला"मैं ने बस अमीरी का चौला पहन रखा है, वरना गरीब तो में इतना हूं कि मुझे देखकर गरीब भी शर्मा जाए।"
"आपके पास किस चीज की कमी है सर आपके पास तो इतना पैसा है कि आप चाहे तो कुछ भी खरीद सकते हैं?"
मैनेजर की बात सुनकर विराट मुस्कुराने लगा और वैसे ही मुस्कुराते हुए मैनेजर के पास आया उसके सामने खड़ा हो गया। मैनेजर थोड़ा सहन गया उसे लगा कि शायद उसने कुछ ज़्यादा ही बोल दिया है।
"Sorry sir में वी में....,विराट उसके कंधे पर हाथ रख उसे अपने करीब लाकर"रिलैक्स यार"
कहते हुए वो मैनेजर से अलग हुआ और थर्ड फ्लोर के ग्लास रेलिंग के पास खड़े होकर नीचे ग्राउंड फ्लोर के आते जाते कपल्स ,फैमिलीज ओर चिलाउट करते हुए कुछ बच्चों को दिखने लगा।
"सुकून किस सुपर मार्केट में मिलता है एड्रेस बता दो, एक पल की सुकून के लिए पूरा जायदाद खर्च कर सकता हूं।"
आते जाते लोगों के चेहलपेहल देखते हुए ही वो कहने लगा।
मैनेजर उसकी बात सुनकर एक नजर विराट को फिर मॉल के चहल पहल को देख बोला
"सुकून पाना तो बहुत आसान है सर। बस अपनी आंखें बंद कर लीजिए और उस शख्स को याद कीजिए जिसे आप दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करते हैं ।सुकून खुद ब खुद महसूस होने लगेगी सर।"मैनेजर वापस से विराट की ओर देखने लगा।
उसकी बात सुनकर विराट अपने होठों पर एक बेपरवाह मुस्कान लिए बोला"तब तो आपका ये नुस्खा मेरे किसी काम का नहीं है मैनेजर साहब ।"बोलकर उसने अपनी आंखें बंद करली ।उसकी बंद पलकों में कुछ मीठी कुछ बेहद जहर भरी यादें झलकने लगी। उसके हाथ रेलिंग पर कसने लगीं उसने झट से अपनी आंखें खोल दी ।आंखें लाल होने के साथ नम भी थीं।
उसने सिर्फ टेढ़ा किया मैनेजर की ओर देखा और दर्द नफरत से भरी मुस्कान लिए बोला"मुझे तो जिंदगी भर की दर्द भी सौगात में उसी ने ही दिया जो कभी मेरी सुकून हुआ करती थी ।"विराट ने कहा और वहां से चला गया।
और मैनेजर वहीं खड़ा उसे देखता रहा।।
अग्निहोत्री हाउस रात का वक्त
विराट हमेशा की तरह शराब के नशे में धुत घर के अंदर आता है और अनुपम जी से नजर चुराते हुए अपनी कमरे में जाने लगता है । सीढ़ियों के पास किसी की खिलखिलाती हुई हंसी की आवाज सुनकर ना चाहते हुए भी उसके कदम रुक जाते हैं । वो रूक कर डायनिंग एरिया के तरफ नजर डालता है और कदम बढ़ाकर पिलर के पास टिक कर डाइनिंग टेबल की ओर देखने लगता है ।जहां खाना खाते हुए श्लोक पीहू को कुछ जोक सुना रहा था और पीहू खिलखिला कर हंस रही थी और उसकी हंसी पूरी हल में गूंज रही थी । ये देखकर विराट के होठों पर भी एक हल्की सी मुस्कान आ गई । वो कुछ देर यूं ही पीहू को देख ता रहा और वापस मुड़कर जाने लगा।
"पार्टनर"
पीहू की नजर उसपर पड़ी और पीहू ने पीछे से आवाज दी।
विराट के कदम रुक गए ।उसने मुड़कर पीहू के तरफ देखा और मुस्कुराते हुए अपने दोनों बाहें पहला दीया । पीहू खाने को आधे में ही छोड़कर भाग कर उसकी तरफ आई और उसके कमर से लिपट गई।
विराट घुटनों के बल नीचे बैठ गया और उसके चेहरे को हाथों में भरकर उसके माथे को चुनते हुए बोला
"Love you so much princess'"
पीहू भी उसके दोनों गालों पर किस की बरसात करती हुई बोली
"लव यू too partner"
श्लोक भागते हुए आया और विराट के पास ही घुटनों के बल बैठ गया और अपने गाल पीहू के पर करके नाराजगी जताते हुए बोला
"अरे वाह खाना मैंने खिलाया स्कूल से मैं लेकर आया आपकी सारी नखरे मैं झेलूं और किस्स पार्टनर को। दिस इस नॉट फेयर प्रिंसेस।"
पीहू उसके भी गाल पर हल्का किस करते हुए बोलि
"बस आपके लिए इत्तू सा ही।"
उसकी बात सुनकर श्लोक मुंह बना देता है और उसे यूं देख पीहू फिर से खिलखिला कर हंसने लगती है ।विराट गौर से उसकी हंसी को देखे जा रहा था और अनुपमा जी दूर से विराट के आंखों को देख रहे थे। और कुछ पढ़ने की कोशिश कर रहे थे।
"वो उन दिनों के करीब आकर विराट की ओर देखते हुए धीरे से बोले
"अगर शराब पीकर पेट में थोड़ी सी जगह बची हो तो कुछ खा लो।"
विराट अचानक से होश में आते हुए अनुपम जी के और देखकर हड़बड़ाहट में बोला
"भूख नहीं है मां आई एम टायर्ड।"
कहते हुए वो पीहू के गालों को चूम कर बोला,
"गो एंड स्लीप प्रिंसेस। कल सुबह आपको स्कूल भी तो जाना है ना।"और खुद वहां से जाने लगा।
अनुपम जी श्लोक को इशारों में पीहू को कमरे में ले जाने के लिए बोलते हैं।
श्लोक एक नजर विराट के और देखता है जो अभी पलट कर जाने को ही था।
फिर पीहू को देखकर"चलिए प्रिंसेस आपको आज मैं बेड टाइम स्टोरी सुनाता हूं।"
उसकी बात सुनकर पीहू मुंह बनाते हुए"कोई जरूरत नहीं है मामू ,आपकी बेड टाइम स्टोरी सुनकर हमारी नींद बिल्कुल ही गायब हो जाएगी इससे अच्छा है हम चुपचाप ही सो जाएं।"
श्लोक उसकी बात सुनकर आंखें छोटी करते हुए विराट की ओर देखते हुए मु बनाकर बोला"प्रिंसेस बिलकुल ही आप पर गई हैं भाई । हमेशा बिना कुछ सोचे मेरी बेइज्जती करती रहती है।"
उसकी बात सुनकर विराट अपने कदम रोक लेता है और कुछ सोच कर पलट के पीहू को देखता है। जो इस वक्त श्लोक के पास खड़े हुए मुस्कुरा कर अपने चेहरे के ऊपर पड़े बालों से उलझ रही थी।
विराट उसके करीब आकर उसके बालों को कानों के पीछे करते हुए खोए हुए बोला"नहीं श्लोक मुझ पर नहीं प्रिंसेस बिल्कुल प्रिंसेस पर ही गई है।"
इससे पहले कि श्लोक उसकी बातों को समझ पाता पीहू आलस भरी आवाज में बोली"चलिए मामू हमें नींद आ रही है।"
"Good night प्रिंसेस"विराट ने कहा तो पीहू फिर एक बार उसके गालों को चुनकर अपनी कमरे की तरह भाग गई।
विराट एक नजर अनुपम जी पर डालकर "गुड नाइट मां" बोलकर वहां से जाने लगा।
"वैसे मेने भी अब तक कुछ नहीं खाया ।"अनुपम जी थोड़ा शिकायती लहज़े में बोले।
फिर थोड़ा रुक कर मुंह फूला कर बोले"लेकिन इससे तुम्हें क्या मैं थोड़े ही तुम्हारी सगी मां
कहते हुए वो रुक गई क्योंकि विराट उन्हें गुस्से से घुर रहा था।
"वो मेरे कहने का मतलब
"मुझे नहीं सुनना है आपके कहने का क्या मतलब था। बस ये कहना है कि दोबारा आपकी जुबान से ये बात निकली तो ये जो थोड़ा बहुत घर आता हूं वो भी नहीं आऊंगा।
बोलकर वो अनुपमा जी के करीब आया और उनका हाथ पकड़ सर्द अंदाज में ही बोला"चलिए खाना खाते हैं।"
और अनुपम जी मुस्कुरा कर उसके साथ चल दिए।
विराट होपलेस तरीके से सिर हिलाते हुए"अब समझा मैं आया श्लोक इतना नौटंकीबाज क्यों है । आपके ऊपर जो गया है।"
विराट बोलकर चुप चाप डायनिंग चेयर पर बैठ गया।"
क्या रात बीतने से पहले तपस्या विराट को कॉल करेगी?
जानने केलिए आगे पढ़ते रहें और प्लीज अपनी review और कमेंट्स शेयर करें। मुझे लिखने में खुशी होगी और आप को पढ़ने में।😊😊😊😊❤️