आलिया अपने काम पर लग जाती है।
उधर आलिया की मम्मी काफी परेशान बैठी रहती है।
तब मीनू बोलती है, "क्या हुआ मम्मी आप इतनी परेशान क्यों हो ????
तब आलिया की मम्मी बोलती है, "मुझे आलिया की फिक्र हो रही है, पता नहीं मेरी बच्ची कहा पर भटक रही होगी, पता नहीं क्या लिखा हुआ है उसकी किस्मत में, मुझे तो सच में यकीन नहीं हो रहा है कि मेरी बच्ची के साथ इतना कुछ हो गया है "।
तब मीनू बोलती है, "मम्मी हम उस इंसान के खिलाफ पुलिस कंप्लेन नहीं कर सकते हैं क्या, जिसने हमारी दीदी के साथ ऐसा किया है "।
तब आलिया की मम्मी बोलती है, "बेटा हम गरीब हैं और वो बहुत अमीर हैं, और गरीबों की सुनता कौन है, उल्टा वो हमारे साथ और बुरा करेंगे "।
तब ईशा बोलती है, "अब देखना मैं पढ़ लिख कर पुलिस बनूंगी और उस आदमी को खुद सजा दूंगी, और अपनी दीदी का बदला लुंगी "।
तब आलिया की मम्मी बोलती है, "हम बस सोच ही सकते हैं इंसाफ के बारे में , की हमे इंसाफ मिलेगा, मगर हमे कभी भी इंसाफ नहीं मिलेगा "।
तब ईशा बोलती है, "छी...... ये दुनिया कितनी बुरी है, कि यहां पर इंसाफ भी अमीरी और गरीबी में तोला जाता है"।
तब आलिया की मम्मी बोलती है, "मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि अब मैं अकेले तीन तीन बेटियों को कैसे संभालुंगी, ये भगवान ने मुझे किस परेशानी में ला कर खड़ा कर दिया है "।
शाम होती है..........
आलिया घर पहुंच जाती है और घर जा कर सब कुछ बता देती है।
तब मीनू बोलती है, "ये क्या बात हुई, अगर काम पर रखना है तो रखो या फिर मना कर दो, ये एक हफ्ते का टाईम कौन देता है"।
तब आलिया बोलती है, "अब मैं क्या करु, मेरे पास और कोई ऑप्शन था ही नहीं, तो मुझे हा कहना पड़ा "।
उधर आर्यन घर पहुंच जाता है और उसके डैड उससे बोलते हैं, "आर्यन तुम आज कल क्या कर रहे हो "।
तब आर्यन बोलता है, "डैड ऑफिस जाता हूं रोज और काम करता हूं"।
तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "तो फिर इतना बड़ा टेंडर हमे क्यों नहीं मिला "।
तब आर्यन बोलता है, "अब मैं ये कैसे बता सकता हूं डैड "।
तब आर्यन के डैड चिल्ला कर बोलते हैं, "तो फिर कौन बताएगा,........ तुम्हारा सच में काम पर बिलकुल भी दिल नहीं लगता है, ....तुम्हे पता है कि कितना जरूरी था ये टेंडर हमारे लिए , सच में कबीर कितना अच्छा लड़का है और मेहनती भी "।
तब आर्यन चिढ़ते हुए बोलता है, "अब इन सब में कबीर शेखावत कहा से आ गया "।
तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "वो टेंडर कबीर को ही मिला है, कितने खुश नसीब है उसके मां बाप जो उनकी ऐसी औलाद है "।
तब आर्यन गुस्से में बोलता है, "अगर आपको वो इतना ही अच्छा लगता है तो फिर आप उसे अपना बेटा क्यों नहीं बना लेते है और अपने पास क्यों नहीं रख लेते हैं "।
तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "मेरा बस चलता तो मैं ये भी कर लेता "।
तब आर्यन चिल्ला कर बोलता है, "हा तो कर लो ऐसा "।
ये बोल कर वो गुस्से से बाहर चला जाता है।
तब आर्यन की मॉम बोलती है, "अभी अभी तो वो घर आया था और आपने उसे गुस्सा दिला दिया, जब आप जानते हैं कि उसे कबीर पसंद नहीं है तो आप उसके सामने उसका नाम क्यों लेते हैं"।
तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "तुम्हे पता भी है कि हमे कितना नुकसान हो गया है "।
तब आर्यन की मॉम बोलती है, "अब वो फिर गुस्से में क्लब चला जाएगा और रात भर नहीं आएगा "।
तब आर्यन के डैड बोलते हैं, "उसे और आता ही क्या है, इसके अलावा "।
उधर आर्यन अरुण के साथ क्लब में बैठा रहता है और गुस्से में शराब पीता रहता है। तब अरुण बोलता है, "अरे यार क्या हुआ बता भी दे तू इतना पी क्यों रहा है आज और इतना गुस्से में क्यों है"।
तब आर्यन बोलता है, "मुझे उस कबीर का नाम तक पसंद नहीं है, और मेरे डैड मेरा कंपेयर उससे करते रहते हैं "।
तभी वहां पर माया आर्यन के साइड में आ कर बैठ जाती है और बोलती है, "हेलो स्वीट हार्ट इतने गुस्से में क्यों हो "।
उसे देख कर आर्यन का गुस्सा और सातवें आसमान पर चढ़ जाता है और उसकी आँखें गुस्से से लाल हो जाती हैं और वह बोलता है, "तुम यहां पर क्या कर रही हों ?????
तब माया बोलती है, "स्वीट हार्ट तुम से मिलने आई हूं "।
तब आर्यन गुस्से में बोलता है, "बकवास बंद करो अपनी, वरना मेरे हाथों से मारी जाओगी आज "।
तब माया बोलती है, "मैं तो कब से तैयार बैठी हूं तुम पर मरने के लिए "।
तब अरुण बोलता है, "देखो अभी आर्यन बहुत गुस्से में हैं इसलिए तुम चली जाओ यहां से "।
तब माया बोलती है, "मैं क्यों जाऊ यहां से, तुम जाओ और मुझे और मेरे स्वीट हार्ट को अकेला छोड़ दो "।
तब आर्यन बोलता है, "तुम्हे एक बात समझ में नहीं आ रही है मेरी "।
तब माया ग्लास में शराब भर कर आर्यन को देती है और बोलती है, "स्वीट हार्ट तुम ये लो पियो और चिल करो, मैं हु तुम्हारे पास "।
आर्यन गुस्से में वो ग्लास फेक देता है और चिल्ला कर बोलता है, "तुम जाओ यहां से "।
तब माया बोलती है, "स्वीट हार्ट कहा जाऊ तुम्हे छोड़ कर, मेरा तुम्हारे अलावा और है ही कौन"।
तब आर्यन अरुण से बोलता है, "अरुण देख मैं बोल रहा हूं कि आज मैं इसे मार दूंगा, और तुम ये जानता है कि मैं ये कर सकता हूं "।
तब अरुण बोलता है, "देख तू गुस्सा मत हो मैं हटाता हू इसे "।
उसके बाद अरुण माया का हाथ पकड़ कर उसे वहां से ले जाता है।
आर्यन गुस्से में शराब पी रहा होता है।
एक हफ्ते बाद..............
आज पूरे एक हफ्ते हो जाते हैं और आलिया बहुत ही घबराई हुई होती हैं और वो कबीर शेखावत की केबिन में जाती हैं।
कबीर शेखावत बहुत ही गुस्से में होता है और बोलता है, "आ गई आप ms आलिया,.... बट एम एम सो सॉरी...........................