क्रिश जज के केबिन से भाग कर बाहर की तरफ ही जा रहा था के किसी से जोरों से टकरा गया । और इससे पहले कि वो गिरता दो मजबूत बाजू ने उसे कंधे और पेट के बल थाम लिया ।वहीं पीछे सम्राट जो जज के केबिन के थोड़े ही दूर पर क्रिश के इंतजार में खड़ा हुआ था क्रिश को भागते हुए देखकर चीखकर बोला,"अरे बड़ी संभल कर।"
मोक्ष जो गिरने से पहले ही क्रिश को संभाल चुका था उसके बाहर निकले tummy को पिंच करते हुए मुंह बना कर बोला "क्या है ये ??कितने दिन का खाना ठूस कर रखा है इसमें तूने?"
क्रिश गुस्से से उसकी तरफ घूर कर देखता है पर कुछ बोलना नहीं। फिर अपनी नज़रें झुका लेता है ।तभी सम्राट जल्दी से उसके तरफ जाकर उसे संभालते हुए अपने और खींच कर" गिर जाते अभी बच्चा ,चोट लग जाती ना?"
मोक्ष उसकी बातों को उसके जुबान से छीन ते हुए व्यंग भरे अंदाज में"इसीलिए तो गिरने से पहले संभाल लिया । ये गिरता तो धरती को चोट लग जाती भूकंप आ जाता भूकंप।"
सम्राट उसके तरफ गुस्से से देखते हुए"यार कभी तो ढंग से बात कर ले इससे?"मोक्ष अंगड़ाइयां लेते हुए बेपरवाह अंदाज में "कभी तो ढंग से इंसान की बच्चों की तरह दिखे ये।आंखें फैल जाती है इसके फैली हुई tummy को देखने से।"कहकर मोक्ष जाने ही लगा था कि सम्राट उसे रोक कर बोला "जा कहां रहे हो हियरिंग स्टार्ट होने वाली है अभी।"
उसकी बात सुनकर मोक्ष कुछ बोलने को मुंह खुला ही था कि क्रिश सम्राट को देख मुंह फुलाए और नजर झुका कर बोला"बड़ी इन्हें जाने दो हम दोनों ही मिलकर संभाल लेंगे सब कुछ। ये रहेंगे तो पक्का केस हार ही जाएंगे हम।"
मोक्ष आंखें छोटी कर उसे घुर ते हुए कुछ बोलने ही जा रहा था कि सम्राट उसे रोक कर"तुम दोनों बाप बेटे रात को आराम से बैठकर झगड़ा कर लेना अभी अंदर चलते हैं।"कहकर सम्राट क्रिश को लेकर कोर्ट रूम की ओर चला गया। और मोक्ष वही पिलर के पास टिक कर सिगरेट निकालकर बेचैनी से कश भरने लगा ।और हमेशा की तरह इस वक्त भी उसका चेहरा भावहीन था।
रात के 8.00 pm, देशमुख निवास
ठीक 8:00 बजे देशमुख निवास के दरवाजे का बेल बजता है । ममता जी जो इस वक्त किचन में काम कर रहे थे अपने पल्लू से हाथ पोंछ ते हुए दरवाजा खोल ती है।और सामने मोक्ष को देखकर पूछने लगी "जी किस से मिलना है आपको?"
लंबी चौड़ी हाइट और पर्सोनिलिटी के साथ एक किलर लुक लिऐ मोक्ष उनके ओर एक फ्लावर बुके बढ़ाकर अच्छाई और मासूमियत से लिपटी हुई सॉफ्ट आवाज के साथ बोला"A bunch of flowers for a beautiful lady"
ममता जी उसकी पर्सनैलिटी को देखकर तो यूं ही इंप्रेस हो रही थीं उसके सॉफ्ट जेस्चर को देखकर और भी इंप्रेस हुए बोलि "आप शायद गलत एड्रेस पर आ गए हैं?"
मोक्ष मुस्कुराते हुए"No mrs देशमुख अब यही मेरा सबसे सही एड्रेस है।"ममता जी सवालिया नजरों से उसे देखने लगी तो मोक्ष उनके और हलका झुक कर सॉफ्ट voice में.."May I come in beautiful lady?"ममता जी तो बस वही बेहोश ही होने वाली थी अब खुशी के मारे । एक तो तारीफ ऊपर से वो भी मोक्ष शिखावत जैसे हैंडसम हंक के जुबान से। वो तो बस सातवें आसमान पर ही पहुंच चुकी थीं।
दूसरे ही पल ममता जी तारीफों के दुनिया से वापस आते हुए बोले"लेकिन किस से मिलना है आपको?"
मोक्ष सीधे से जवाब देते हुए"स्वीटहार्ट से।"
ममता जी आंखें पहलाते हुए"स्वीटहार्ट ??कौन स्वीटहार्ट??"
मोक्ष हल्के स्माइल के साथ बोला"डॉक्टर साहिबा।"
ममता जी उसे देखकर सवालिया अंदाज में" कौन?? काया?""जी मां ।"
ममता जी को अभी दूसरा झटका लगा था। वो आंखें फहलाते हुए"मां ???"
मोक्ष हल्का मुस्कुराते हुए बोला"जी , स्वीटहार्ट की मां है तो मेरी भी तो मां ही हुई ना । वैसे भी मैं बहुत छोटा था जब मेरी मां मुझे छोड़ कर इस दुनियां से चली गई , और सौतेली मां से वो प्यार कभी मिला ही नहीं । डाक्टर साहिबा आपके बारे में बहुत बातें करती है ।आपके प्यार आपके केयर की तो में कायल ही हो गया हूं।"बोलते बोलते ही वो घर के अंदर आ चूका था।
उसने ममता जी को खिंच कर सोफे पर बिठाया और खुद उनके कदमों के निचे बैठ कर बोला"3 साल की रिलेशनशिप है हमारी। में dr भारद्वाज का पेशेंट था और dr काया यानी मेरी स्वीटहार्ट उनके ही अंडर इंटरशिप कर रही थी। और वहीं हम मिलेथे।"
मोक्ष की बात सुनकर ममता जी एक दम से बोल पड़ीं "पेशेंट , कोई दिमागी बीमारी है आप को?" कहकर वो शॉकिंग वे में मोक्ष को घुर रहे थे।
मोक्ष थोडा थका हुआ बोरिंग सा फेस बनाकर"पूरी कहानी सुन लीजिए । एक साथ शॉक्ड हो जाएगा अभी तो मैने कहानी शुरू भी नहीं किया।"
ममता जी उसे देखते हुए "और भी कोई बात है? "
"जी मैं शादीशुदा भी हूं और मेरा एक 6 साल का बेबी एलिफेंट भी है ।"कहते हुए उसने आंखें कसकर बंद कर ली और वापस से अपने आप को ठीक करते हुए बोला"आई मीन मेरा एक 6 साल का बेटा भी है, और यही वजह थी कि मैं डॉक्टर साहिबा से शादी करना नहीं चाहता था। क्योंकि मेरा बचपन भी सौतेली मां की वजह से बहुत दर्द भरा था और मैं नहीं चाहता था कि मेरा बेटा भी वो सब कुछ झेले ,हालांकि मुझे पता था की डॉक्टर साहिबा वैसे नहीं है । वो क्रिश को उसकी सगी मां से भी ज्यादा प्यार करेंगी।"कहते हुए मोक्ष मासूमियत से भरी हुई चेहरे से ममता जी को देख रहा था।
ममता जी बिना कुछ कहे बस मोक्ष को खुली कान से सुनते ही जा रहे थे । मोक्ष वापस से उन्हें देखकर"मेरी शादी मेरी मर्जी के बगैर हुआ था। मेरी दादू की आखिरी वक्त में उनकी ख्वाहिश पूरी करने के लिए उन्हीं की पसंद की लड़की से मेरी शादी कर दी गई थी। और मुझ जैसा सिंपल और मासूम सा इंसान एक चालबाज लड़की के चंगुल में फस गया ।और मैं चुपचाप उसकी हर बेवफाई हर दर्द बर्दाश्त कर ता रहा। लेकिन जब बात मेरी बेटे पर आई तो मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और बेमन ही मुझे डाइवोर्स लेना पड़ा।"कहते हुए मोक्ष की आंखों मगरमच्छ की नमी थीं।
उसने ममता जी के गोद में अपना सिर रखा और कहा"इन सब चीजों की वजह से मैं डिप्रेशन में चला गया था ।और डॉक्टर भारद्वाज के पास काउंसलिंग के लिए गया था। जहां पर मेरी मुलाकात डॉक्टर साहिबा से हुई थी और उसके बाद से मेरी पूरी जिंदगी बदल गई।"
कहते हुए उसने ममता जी के हाथों को थाम लिया और चूमते हुए बोला"मुझे आपकी बेटी चाहिए। दुनिया की सारी खुशी दूंगा उसे , नाहीं वो मेरे बगैर जी सकती है और ना ही मैं।"कहते हुए उसके होंठ कांप रहे थे । और उसकी एक्टिंग की हद भी सायद यहीं तक थी।
वो सोच सोच कर कुछ और भी दर्द भरी कहानियां सुनाता इससे पहले ही ममता जी उसके काम को आसान करते हुऐ बोले"शायद इसीलिए जब भी मैं कबीर से शादी की बात करती थी वो गुस्सा हो जाती थी ।"
मोक्ष ने उनके चेहरे को कुछ समय तक देखा और फ़िर माथा होपलेस वे में हिलाकर बोला "जी बिलकुल ,अगर प्यार मूझसे करती है तो शादी किसी और से कैसे करती।"
ममता जी थोडा रूठे हुए भाव से"मुझे पहले से ही बोल देती कि किसी और से प्यार करती है। रोकती थोड़े ही उसे ।हां थोड़ी चिंता तो है शादीशुदा हो एक बच्चे के आप हो।"
मोक्ष बोरियत से गहरी सांस लेकर," मां जी था शादी सुदा था।अभी तो डाइवोर्स हो चुकी है ना। अभी तो डॉक्टर साहिबा के अलावा मेरी दिल में कोई नहीं है ।अब तो जीना मरना सब उन्हीं के साथ है।"कहते हुए मोक्ष उन्हें देखकर अपनी आंखें टिमटिम देता है।
ममता जी मुस्कुरा देते हैं ।और मुस्कुराते हुए ही बोल"बेटा तुमसे मिलकर खुश तो मैं बहुत हूं ।और इंप्रेस भी हो गई हूं ।लेकिन बात अभी वही है के काया के बाबा थोड़ी पुराने ख्याल के हैं, पता नहीं वो क्या फैसला करेंगे?"और फ़िर कुछ सोच कर बोले "अब काया ने ठान ही लिया है के वो तुमसे शादी करेगी तो उसकी खुशी केलिए तो सायद उसके बाबा उसके फैसले पर मोहर लगा ही देंगे।"
मोक्ष चेहरे पर मासूमियत से भरी हुई मुस्कान लिऐ और अंदर ही अंदर सर्द भाव लिए मन ही मन बोला"मोक्ष शिखावत का फैसला आखरी होता है Mrs देशमुख उस पर मोहर बस मोक्ष शेखावात ही लगता है ।बोल दिया तो हो गया ।"
सोच ते हुए ही उसने ममता जी को देखा और कहा "एक कप ब्लाक कॉफी मिलेगी?"ममता जी हड़बड़ाहट में"अरे अरे मेने तो चाय कॉफी पुछा ही नहीं ।"उनकी बात सुनकर मोक्ष एक अलग ही लहज़े में" कोई बात नहीं मां जी मुझे जो चाहिए मैं वो ले ही लेता हूं अब कोई पूछे या ना पूछे मुझे फर्क नहीं पड़ता ।"
ममता जी उसे अजीब नजरों से देखने लगे तो मोक्ष अपना चेहरे का भाव बदलते हुए"मेरा मतलब है अपना ही घर है अब जो चाहिए मैं खुद ही मांग लूंगा फॉर्मेलिटी की क्या जरूरत है ।"ममता जी मुस्कुरा दिए और मोक्ष उन्हें देख मुस्कुरा कर"क्या में डाक्टर साहिबा से मिल सकता हुं?"
ममता जी थोडा सोच कर"ठीक है मिल लो। ऊपर दूसरा कमरा है काया का।"ममता जी बोलकर किचन के ओर चले गए। और मोक्ष थैंक्स बोलकर काया के कमरे के तरफ़।
काया के कमरे में काया किचन में ममता जी की हेल्प करने के बाद फ्रेश होने के लिए अपने कमरे में आ गई थी। अपना दुपट्टा बेड पर डालकर वो बाथरूम में चली गई ।मोक्ष उसके कमरे में आता है और चारों ओर नजर घुमा कर यूं देखने लगा मानों किसी और प्लेनेट पर आ गया हो। और मुंह बनाते हुए बोला"ये डॉक्टर साहिबा की डॉक्टरी भी इनके यार की तरह चल नहीं रहि है सायद। कितने गरीब हैं ये।इनका रूम तो शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाता है ।शादी के बाद जब वो मेरे बेडरूम में आकर रहेंगी वो तो उनके औकात से बाहर ही होगी।"
बोल कर वो अंदर आया और कोनों में पड़े स्टडी टेबल के पास वॉल पर लगी हुई काया के साथ-साथ उसकी बाबा मां और उसकी बहन मुस्कान की फैमिली ट्री बनी तस्वीरों को देखने लगा ।
मोक्ष दोनों हाथ पॉकेट में डालकर लहराते अंदाज में फोटो देखते हुए ही बोला"A a ये स्वीटहार्ट तो कहानी घर घर की टाइप्स निकली। बिल्कुल फैमिली वूमेन ।"
फिर विसल मारते हुए बोला"ग्रेट मोक्ष बेटा तेरा बेबी एलीफेंट के साथ मां की एक्टिंग के लिए ये लड़की सही है । बस उसे गोद में उठा नहीं पाएगी बाकी तो उसे झेल ही लेगी शायद।"कहते हुए स्टडी टेबल के पास पड़े हुए चेयर पर वो फेल कर आराम से बैठ गया।
काया अपने वॉशरूम से बाहर निकलती है । उसके हाथ में एक हैंड टॉवल थी जिससे वो अपना चेहरा पोंछ रही थी। भीगे बाल बेपरवाह से जुड़े में बंधे हुए थे ।जिसके वजह से काफी बाल बिखर कर चेहरे पर बिखर रहे थे। उस ने एक हल्की पिंक कलर की पटियाला सूट पहन रखा था। जो घर पर रहने की वजह से ढीली-ढाली सी और थोड़ा दीप नेक की थी ।वो टॉवल से चेहरा साफ करते हुए ही मिरर के पास आकर खड़ी हो गई। और जैसे ही टॉवल साइड में रखकर मिरर में खुद को देखने लगी किसी और का भी अक्ष नजर आया।
उसने अपना सिर झटका और खुद से बोला"काया वो अड़ियल पागल सनकी इंसान तेरे दिमाग में कब्जा कर के बैठ गया है।" इससे पहले कि वो कुछ और सोच या कर पाती एक सेकंड के अंदर किसी के गर्म और मजबूत बाजुओं में थी ।उसने कुछ पल के लिए डर कर अपनी आंखें बंद कर ली तो किसी की कसक और सनक भरी इंटेंस आवाज से होश में आती है"सिर्फ दिमाग ही नहीं ये अड़ियल सनकी पागल इंसान बहुत जल्द तुम्हारे दिल जिस्म रूह तक समाने वाला है स्वीटहार्ट।"
काया नज़रें उठाकर अपने होठों के एकदम करीब मोक्ष के चेहरे को देखती हैं ।जो एक टक उसके होठों को ही गहरी नजर से देख रहा था । मोक्ष के हाथ जो उसके कमर पर थे बेहद एंट्रेंस तरीके से शरारत करते हुए उसके कमर से पीठ तक फिसल रहे थे ।जिससे काया की सांस अटकने लगी और उसके पूरी बॉडी कांप ने लगी थी।वो बेहद धीमे और गहरी आवाज में बस इतना ही बोली" लिव मि "
मोक्ष अभी भी बस उसके कांप ते होठों को ही देख रहा था। और उसी पर ही नजर डाले काया के भीगे बालों से बंधे जुड़े को खोल देता है। और उसके चेहरे पर बिखरे बालों के साथ खेल ते हुए उससे भी धीमी आवाज में उसके होठों के और भी करीब झुक कर उसके रूह तक पहुंचा ने वाली आवाज में बोला"Can't स्वीटहार्ट"...
To be continued ❤️
क्या होने वाला है काया और मोक्ष के बीच में जानने केलिऐ पढ़ ते रहीं....🙏