Ishq da Mara - 50 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 50

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इश्क दा मारा - 50

यूवी के पापा की बाते सुन कर यूवी की मां बोलती है, "आप ये क्या बोल रहे हैं, यूवी की शादी क्यों नहीं होगी ????

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "क्योंकि वो मेरा बेटा है और मेरे कारोबार को आगे ले कर जाएगा और अगर वो शादी ब्याह के चक्कर में पड़ गया तो मेरा तो सारा का सारा कारोबार डूब जाएगा"।

तब यूवी की मां बोलती है, "तो फिर आपने क्यों की थी शादी, आपको भी शादी नहीं करनी चाहिए थी "।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "मेरे बाप ने जबरदस्ती करवा दी थी मेरी शादी, वरना मैं भी कभी शादी ना करता "।

तब यूवी की मां बोलती है, "मगर मेरा बेटा तो जरूर करेगा शादी "।

तब यूवी के पापा बोलते हैं, "हो तो गई है तुम्हारे प्यारे बेटे की शादी, कर तो लिए तुमने अपने अरमान पूरे, अब मुझे तो मेरे अरमान पूरे करने दो, और हा मेरे रास्ते में बिल्कुल भी मत आना समझी, अब हटो यहां से"।

यूवी के पापा यूवी की मां को धक्का दे कर चले जाते हैं। राधा रानी की तरफ देखने लगती है।

ऊपर से यूवी और बंटी भी ये सब देख रहे होते हैं। तब बंटी बोलता है, "इधर बेटा इश्क में पागल है और उधर बाप बेटे को ब्रह्मचारी बनाना चाह रहा है, लगता है अब बड़ा ही मजा आने वाला है इन बाप बेटे की लड़ाई में "।

तब यूवी बोलता है, "मैं कोई प्यार व्यार नहीं करता उससे, मुझे बस उसकी फिक्र है "।

तब बंटी बोलता है, "देखते हैं कि कब तक तुम इस इश्क को फिक्र का नाम देते हो "।

ये बोल कर बंटी अंदर चला जाता है।

उधर गीतिका सबके साथ मिल कर नाश्ता कर रही होती है। तभी गीतिका की बुआ जी बोलती है, "मीरा गीतिका का ख्याल रखना, क्योंकि मैं और पापा भाई के साथ किसी काम से जा रहे हैं और भाभी भी भाई के साथ अपने मायके जा रही है "।

तब गीतिका बोलती है, "भाभी आप आज क्यों जा रहे हों, अभी तो आप आए थे अपने घर से "।

तब मीरा बोलती है, "वो मेरे दादा जी की तबियत खराब है इसलिए उन्होंने मिलने के लिए बुलाया है, तुम परेशान मत हो, मैं शाम तक आ जाऊंगी "।

तब गीतिका बोलती है, "वहां पर रुक मत जाना आप "।

तब मीरा की भाभी हंसते हुए बोलती है, "नहीं रुकूंगी, आ जाऊंगी"।

उधर राधा रानी से बोलती है, "देखो पापा कभी भी यूवी की शादी नहीं होने देंगे, तुम बिना वजह के सपने देखे जा रही हो"।

तब रानी बोलती है, "तुम इतना परेशान क्यों हो रही हो दीदी, शादी तो जरूर होगी यूवी की और वो भी मुझ से ही, तुम देख लेना "।

यूवी बंटी के साथ काम के लिए निकल जाता है। वहां पर जा कर उसे पता चलता है कि उसका सामान और आदमी उसके दुश्मन ने पकड़ लिए है। ये सुनते ही यूवी को बहुत गुस्सा आता है। और वो एक गुंडे को मारने लगता है और बोलता है, "तुम सब सच में किसी भी काम के लिए हो, पापा बिल्कुल सही बोलते हैं कि तुम सब निकम्मे हो"।

तब बंटी बोलता है, "देख भाई गुस्सा मत हो और आराम से सोच, इस परेशानी का हल "।

तभी यूवी के पास मीरा की कॉल आती है और वो बोलती है, "भाई गीतिका अब ठीक है और रात को घर आ गई थी "।

ये सुनते ही यूवी मीरा पर चिल्लाते हुए बोलता है, "तुम पागल हो क्या, गीतिका रात को घर पर आ गई थी और तुमने मुझे बताया भी नहीं, तुम्हे पता है कि मैं कितना परेशान था पूरी रात उसके लिए "।

बंटी यूवी की तरफ देख रहा होता है।

तब मीरा बोलती है, "भाई आप मुझ पर क्यों चिल्ला रहे हो, मैने गीतिका को बोला था कि आप से बात कर ले, मगर उसने मना कर दिया "।

ये सुनते ही यूवी को और ज्यादा गुस्सा आ जाता है और वो बोलता है, "कहा है वो ????

तब मीरा बोलती है, "कमरे में है "।

तब यूवी बोलता है, "पक्का ठीक है न वो" 

तब मीरा बोलती है, "हा भाई हा वो ठीक है, अगर आपको यकीन नहीं हो रहा है तो आप खुद आ कर देख लो...............