Ishq da Mara - 49 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 49

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इश्क दा मारा - 49

रानी की बाते सुन कर यूवी को बहुत गुस्सा आता है और वो बोलता है, "तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया है ये कैसी बकवास बाते कर रही हो, और मैने तुमसे कहा था न कि मुझ से दूर रहा करो, अब जाओ यहां से"।

उसके बाद रानी वहां से चली जाती है।

रात होती है............

गीतिका घर आ जाती है। और सभी उसकी आव भगत में लगे रहते हैं। तभी गीतिका के फूफा जी बोलते हैं, "वैसे तुम्हे क्या हो गया था, और तुम कैसे चक्कर खा कर गिर गई थी"।

तब गीतिका बोलती है, "पता नहीं कैसे चक्कर आ गया था "।

तभी मीरा की भाभी बोलती है, "शहर की लड़की है न, पिज्जा, बर्गर,नूडल्स, चिप्स, पास्ता खाने की आदत है, और यहां गांव में, इसे ये सब खाने को भी नहीं मिल रहा है"।

तब मीरा के बड़े भाई बोलते हैं, "ओह तो ये बात है, तो हमे पहले बता देना चाहिए था न, हम ले आते ये सब "।

तब गीतिका के फूफा जी बोलते हैं,  " देखो सुबह होते ही इसके पास वही खाने का सामान होना चाहिए, जो इसे पसंद है।

तब गीतिका बोलती है, "नहीं नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं है"।

तब मीरा बोलती है, "ज्यादा शर्माने की कोई जरूरत नहीं है, मुझे सब पता है कि तुम्हारा ये सब खाने का मन कर रहा है"।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "बेटा जो खाने का मन करे बता दिया करो, शरमाया मत करो "।

तब गीतिका बोलती है, "मीरा के ससुराल वाले इतनी जल्दी क्यों आ गए थे और जल्दी चले भी गए "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "वो इसके होने वाले जेठ का एक्सीडेंट हो गया था कल में, और आज सगाई थी, और उनके भाई हॉस्पिटल में है, इसलिए उन्हें जल्दी जल्दी आना पड़ा और जाना पड़ा, तभी हम तुम पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए"।

तब गीतिका के फूफा जी बोलते हैं, "वैसे गाड़ी चलाने का आइडिया किसका था ?????

तब गीतिका हंसते हुए बोलती है, "मेरा"।

तब गीतिका के फूफा जी बोलते हैं, "वैसे अब कैसा लग रहा है, पैर तोड़ कर"।

तब गीतिका बोलती है, "पैर टूटा थोड़े ही है, बस मोच आई है"।

तब गीतिका के फूफा जी बोलते हैं, "अच्छा ठीक है, अब जाओ जा कर आराम से सो जाओ और जो चाहिए होगा मीरा को बता देना"।

उसके बाद गीतिका मीरा के साथ कमरे में चली जाती है।

मीरा गीतिका से बोलती है, "तुम यूवी भाई से बात करोगी ????

तब गीतिका गुस्से में बोलती है, "मैं भला क्यों बात करूंगी उससे"।

तब मीरा बोलती है, "बहन वो कितना परेशान है तुम्हारे लिए, मुझे कॉल कर करके बस तुम्हारे बारे मे पूछ रहे हैं"।

तब गीतिका बोलती है, "मुझे किसी से कोई बात नहीं करनी है "।

तब मीरा बोलती है, "अच्छा ठीक है, गुस्सा क्यों हो रही हो"।

उधर बंटी आराम से सो जाता है। मगर यूवी को नींद नहीं आती है, उसके अंदर एक अलग ही बेचैनी होती हैं वो गीतिका के लिए पता नहीं क्यों इतना परेशान रहता है।

बंटी को सोता देख यूवी को बहुत गुस्सा आता है और वो बोलता है, "ओए तुझे शर्म नहीं आ रही है सोते हुए"।

तब बंटी नींद में बोलता है, "भाई अब सोने में कैसी शर्म"।

तब यूवी बोलता है, "मुझे नींद नहीं आ रही है और तू बड़े ही आराम से सो रहा है, कैसा दोस्त है"।

तब बंटी बोलता है, "अब तुझे नींद नहीं आ रही है तो इसमें मेरी क्या गलती है "।

तब यूवी बोलता है, "पता नहीं गीतिका कैसी होगी, मीरा ने कुछ बताया नहीं "।

तभी यूवी गुस्से में उठता है और बोलता है, "ये क्या गीतिका गीतिका लगा रखा है तूने, भाई तू ऐसा कर की एक माला ले और उसका नाम जपता रह, क्या पता उसका नाम जपते जपते तेरे बेसुकून दिल को चेन मिल जाए "।

तब यूवी बोलता है, "मैं मजाक के मूड में नहीं हूं "।

तब बंटी बोलता है, "मुझे भी पागल कुत्ते ने नहीं काट रखा है, जो इतनी रात में तेरे से मजाक करूंगा, बता लाऊं माला"।

यूवी बंटी को गुस्से से देखने लगता है और बोलता है, "मुझे गीतिका से बात करनी है अभी "।

तब बंटी बोलता है, "तेरे बाप को जा कर बताऊं अभी, की तुझे एक लड़की से प्यार, इश्क, मोहब्बत और न जाने क्या क्या हो गया है "।

तब यूवी गुस्से में बोलता है, "तेरा दिमाग खराब हो गया है तू ये कैसी बकवास कर रहा है , और प्यार कहा से आ गया इन सब में "।

तब बंटी यूवी को गुस्से से देखता है और बोलता है, "अगर ये प्यार नहीं है तो फिर और क्या है मेरे भाई, जब से तू उसके पास से आया है, बस उसका ही नाम लिए जा रहा है, जबकि तुझे तो लड़कियों से नफरत है "।

तब यूवी बोलता है, "मुझे बस उसकी फिक्र है "।

तब बंटी बोलता है, "क्यों वो तेरी बहन है जो तुझे उसकी इतनी फिक्र हो रही है, और तू परेशान मत हो उसके पास उसके दो दो भाई हैं उसकी फिक्र करने के लिए, तो तू ऐसा कर आराम से सो जा, और मुझे भी सोने दे"।

उसके बाद बंटी आराम से सो जाता है। यूवी को बहुत ही गुस्सा आता है और वो उसे तकिया फेक कर मारता है। तब बंटी बोलता है, "देख मेरा दिमाग खराब मत कर, और अब अगर तूने मुझे परेशान किया तो मैं सीधा तेरे बाप के पास जाऊंगा और तेरे इस इश्क के दर्द की दास्तान उन्हें सुना दूंगा "।

उसके बाद यूवी कुछ भी नहीं बोलता है। बस अपना फोन देखता रहता है और मीरा को कॉल करने की सोचता है, मगर नहीं करता।

पूरी रात यूवी जागता रहता है और गीतिका के बारे में सोचता रहता है।

सुबह होती है..........

यूवी के घर में नौकर चाकर काम कर रहे होते हैं। तभी एक नौकरानी बोलती है, "देखो बड़ी बहू के घर में आने से घर में कितनी रौनक हो गई है, अगर छोटी बहू भी आ जाएगी तो घर तो रोशनी से भर जाएगा"।

ये बात यूवी के पापा सुन लेते हैं और ये सुनते ही उन्हें गुस्सा आता है और वो बोलते हैं, "यूवी की शादी कभी भी नहीं होगी, वो मेरा काम करेगा और मेरे काम को सातवें आसमान तक ले कर जाएगा मेरा बेटा.........