I Hate Love - 15 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | I Hate Love - 15

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I Hate Love - 15

इधर अंश गुस्से से उस ड्रेसिंग टेबल पर राखे सभी समानों को जमीन पर फेंक देता है ,,,,,,और फिर चिकते हुए,,,, जानवी मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा,,,,, मैं तुम्हें ऐसी सजा दूंगा ,,, ,जो तुम जिंदगी भर नहीं भूल पाओगी,,,,, अब तक तुम मुझसे खेल रही थी,,,, ना ,,,,,अब मेरी बारी है,,,,,,तुमसे खेलने की

***********

आब आगे

इधर जानवी गुस्से से ऑफिस से निकल सिधा हॉस्पिटल चली जाती है,,,

फ़िर हॉस्पिटल में बहुत ,,,जानवी सिद्धा हॉस्पिटल में बने केबिन में चली जाती है,,,,जहाँ पर डॉक्टर बैठे थे,,,

केबिन में पहुच,,, जानवी सिद्ध,,मुझे राजीव डॉक्टर से बात करनी है,,,,वो भी अकेले में,,,,

.जानवी की बात सुन ,,,,वहां के सभी डॉक्टर चले जाते हैं,,,, क्योंकि उन्हें पता था ,,,की जानवी ,,उफ्फ आलिया कोई या नहीं ,,अंश की बीवी है,,,, इसलिए वह,,, वहा से बाहर निकल जाते हैं

सबके जाते ही जानवी गुस्से से राजीव की तरफ देखते हुए कल तुमने मेरा फोन क्यों नहीं उठाया,,,अब दूसरा डॉक्टर जॉकी ,,,,जॉकी कहां है उसने भी मेरा फोन नहीं उठाया ,,,, यह सब बोल ,,,खुद को शांत करने लगती है

राजीव डॉक्टर ,,,,सॉरी मैम हमें पता नहीं चला ,,,लेकिन मैं जैसा पता जैसा पता चला,,,हमने आपके फोन पर फोन किया था ,,,लेकिन आपका फोन स्विच ऑफ बता रहा था

जानवी डॉक्टर की बात सुन अपने मन में तुम्हारी एक सॉरी से मेरा वक्त वापस नहीं आ जाएगा,,, यह सब सोच,,, जानवी कुछ नहीं बोलती,,,

डॉक्टर की तरफ देख,,,मुझे वो दवा चाहिए ,,,,

मैम मैंने तो आपको दवा दी थी क्या वह समर्थन खत्म हो गई,,इतनी जल्दी कैसे अभी भी लगभग दो-तीन दिन के लिए आपके पास दवा होनी चाहिए थी

डॉक्टर की बात सुनो जानवी अपने मन मैं कैसे बताऊं कि वो दवा मुझे नहीं मिल रही,,,,

जानवी को ना बोलता देख,,राजवीर मैम कहिन वाह मेडिसिन को  किसी और ने तो नहीं खाई

मैंने आपको पहला ही कहा था,,, कि वह दवा का उपयोग इंसान के लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है ,,,,, जिसने कोई ड्रग्स ना लिया हो ,,,,

खास कर लड़कियों के लिए कुछ ज्यादा ही खतरनाक होती है ,,,,,क्योंकि उनमें इस दवा को लेने की क्षमता बहुत कम होती है,,,,,,

और वाह मेडिसिन सिर्फ वही खा सकता है जो इंसान को ड्रग्स का असर में हो,,,, इसलिए मैंने आपको पहले ही कहा था कि आप अंश सार को बता दीजिए ,,,कि उन्हें ड्रग्स दिया गया था ,,,लेकिन आपने हम सब की बात नहीं मानी

लेकिन जानवी डॉक्टर की बात सुन कर भी कुछ नहीं बोलती,,,,और फिर  वह ,,,,उस डॉक्टर से दवा मांगते हुए,,,,,, तुम्हें टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है,,,,क्योंकि वक्त के साथ सब सही हो जाएगा, ,,,,तुम और तुम्हारी नौकरी भी ,,,इसलिए तुम मुझे दवा दो बस,,

फिर जानवी डॉक्टर से मेडिसिन ले मेंशन की तरफ चली जाती है

और इधर अंश गुस्से में अपने कमरे को पूरा तहस-नहस कर कुछ पल बिस्तर पर बैठ ,,,,,खुद को शांत करने की कोशिश करता है

फ़िर अंश थोड़ा शांत हो,,,, अंश बिस्तर से उठकर ,,,, शिधा अपने कबड मैं से,,,,,अपने कपडे निकाल ,,,,,,सिद्धा बाथरूम में जा,,,,,,, फ्रेश हो,,,,बहार आता है,,, ,,

और फिर कमरे से बाहर निकल ,,,,,केबिन में जा अपनी कुर्सी पर बैठ जाता है,,,और फिर,,अंश,,,,असिस्टेंट को कॉल कर,,,,, केबिन में बुलाता है,,,,

असिस्टेंट के  केबिन में आते ही उसकी तरफ  दिखते हुए,,,,, तुम अभी जाओ और किसी नौकर को बुलाओ,,,,,, मेरे कमरे की सफाई करवाओ,,,,

असिस्टेंट अंश की बात सुन ,,,,वहां से चला जाता है ,,,,

और इधर जानवी हॉस्पिटल से घर पहुंच दादी के पास जाती है ,,,,,

दादी जानवी को देख खुश हो जाती है,,, कि अभी दादी को याद आता है,,,,की कैल रात ,,,,आलिया उनसे मिलने नहीं आई थी,,,,,, जैसी दादी जानवी से पूछते हुए,,, ,,,,आलिया बेटा तुम कैल रात क्यों नहीं आई थी,,,,, हमें दवा दें ,,,,

दादी की बात सुन,,,,,,दादी में कल ,,,,,,और फिर कुछ सोच ,,,,,मैं अंश के साथ थी ,,,,

दादी जानवी के मुंह से अंश का जिक्र सुन,,,,मुस्कुरा कर देती है ,,,,,,

और फिर जानवी,,,उन्हें नाश्ता और दवा खिला अपने कमरे में ज,,,थोड़ा देर आराम करती है,,,

,,, आज अंश को तो घर जाने का बिल्कुल मन नहीं था,,, लेकिन वह नहीं चाहता था कि घर वालों को इस बारे में कुछ भी पता चले,,,,, इसलिए वह रात के लगभाग 12:30 बजे घर पहचानता है, ,,,,

और अपने कमरे में चला जाता है ,,,,,तो देखता है कि ,,,,,जान्वी वहां नहीं थी,,,,जान्वी को वहां ना देख ,,,,,अच्छा हुआ,,जान्वी यहां नहीं है ,,, ,वरना मुझे नहीं पता,,,की मैं क्या करता,,, और फिर वॉशरूम की तरफ चला जाता है,,,,,,

थोड़ी देर बाद अपनी पतलून, और टी-शर्ट पहन,,बिस्तर पर आ कर सो जाता है ,,क्योंकि आज उसका काम करने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था ,,,,,,और ना ही कुछ खाने का,,,
और इधर जानवी अंश की कड़वी बातें सुन्न उसका मुंह तक नहीं देखना चाहती थी ,,,,,इस तरह वह दूसरे कमरे में जा ,,,,,अंश के आने से पहले ही सो जाती है,,,,,,

*******

सुबह का समय

आज भी जानवी सुबह जल्दी उठ किचन में जा,,,,नाश्ता बनाने लगती है,,,,

और इधर अंश कमरे में,,, ऑफिस जाने के लिए तैयार हो होल में आता है ,,,,,और नाश्ता किये बिना,,,,,, सिद्धा ऑफिस के लिए जने लगता है ,,,,,

की तभी उसकी मां ,,,अंश को रोकते हुए,,,,,,,अंश तू कभी नाश्ता नहीं करके जाता है,,,,,लेकिन आज तू ,,,नाश्ता करके ही जाएगा,,,,

अंश अपनी मां की बात सुन,,,, मां मुझे भूख नहीं है ,,,,, मैं ऑफिस जा रहा हूं,,,वहां कुछ खा लूंगा ,,,,

अंश की माँ ,,,,अच्छा ठीक है,,,, मत कुछ खा,,, लेकिन ये जूस तो पी ले,,

अंश ,,,मां मुझे नहीं पीना ,,,

क्यों नहीं पीना ,,,,तुझे पीना पड़ेगा वो भी मेरे सामने,,,,

ठीक है मां में पी लेता हूं,,,,और फिर अपनी मां के हाथों से जूस का गिलास ले,, जल्दी से पी लेता है,,,,

और फिर वह,,,,,वहां से सीधा निकल ,,,,ऑफिस के लिए चला जाता है

जानवी किचन में खाड़ी,,,अंश को जूस पिता हुआ देख रही थी,,,,,और फिर वह भी जल्दी से किचन से बहार ए,,,,,अंश की माँ को गले लगाते हुए,,,, धन्यवाद आंटी आपने मेरी बात मानी ,,,,,और अंश को वो रस पिला दिया,,,,

आश की माँ जानवी को अपने से अलग करते हुए,,,,, लेकिन तुम जूस क्यों पिलाना चाहती थी,,,, क्या कोई बड़ी बात है। ,,,,,जो तुम हमसे छुप रही हो ,,,

जानवी आंटी को जवाब देते हुए,,,,,,, नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है,,,

और रही बात अंश को जूस पिलानेकी,,,,,तो यह बहुत लंबी कहानी है,,,,, किसी दिन फुर्सत में बैठ कर बताऊंगी,,,,,और फिर वहां से जल्दी से ,,,ऑफिस जाने के लिए निकल जाती है, ,,,

 

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तो देखते हैं अंश जानवी को क्या सजा देगा ,,,,💓 💞💞💞💞

आज के लिए बस इतना ठीक है अलविदा 💚💓💙

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.ताकि मैं यह कहानी आगे जारी रख सकूँ,,,,, अगर आपकी यह कहानी पसंद नहीं आ रही,,,, तब भी आप बता सकते हैं,,, ताकि मैं यह कहानी लिखना बंद कर दूँ,, या साथ में अपना टाइम कमर करना भी,,,,

💙💚💓💙💙💚💓💚