I Hate Love - 14 in Hindi Love Stories by aruhi books and stories PDF | I Hate Love - 14

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I Hate Love - 14

लेकिन अंश उसे हद से ज्यादा चोट पहुंचा रहा था,,,, वाह किसी जानवर की तरह जानवी पर हावी हो चूका था,,,,, जानवी क,,,आंखों के दोनों कोने से आंसू बह रहे थे, ,,, yah बताना मुश्किल था ,,,,की याह आशू उसके दर्द की वजह से बह रहे थे,,, ya फिर  उसके दिल के दर्द की वजह से,,,**********


आब आगे 

लगभाग ये सब रात के 1:00 बजे खत्म होता है ,,,,,जिससे अंश ठक्कर  ,,वही janvi के बगल में सो जाता है ,,,,

लगभाग सुबह के 6:30 बजे जानवी की आंख खुलती है ,,,,जो कल रात अंश द्वार दर्द ना सह पाने की वजह से,,,,,, बेहोशी की हालत में चली गई थी,,,,

Or fir जानवी धीरे से अपनी आंखें खोल ,,,,bed से uthne ,,की कोशिश करती है ,,,,लेकिन वह दर्द की वजह से ,,,दोबारा उसी पोजीशन पर लेट जाती हैं ,,,

क्योंकि जानवी को बहुत दर्द हो रहा था ,,,,,उसकी पूरी बॉडी दर्द कर रही थी,,,,

उसे कल रात का सारा seen भी याद आने लगता है ,,,,,जिसे याद कर ,,जानवी की आँखों के कोने से आंसू बह जाते हैं ,,,,

लेकिन जानवी अपनी आंखों से आंसू पहुंच ,,,,,अपना पूरी हिम्मत जूता ,,बिस्तर से चादर समेटती है,,,,

और fir एक नज़र अंश को देखती है ,,,,जो एक स्कून भरी निंद ले रहा था ,,,,जिसे देख जानवी ,,,,अपनी दर्द भरी मुस्कुराहट कर ,,,, धीरे से झुक अपनी स्कर्ट उठा ,,, , उसके कमरे में,,,, ansh के कैपबोर्ड की तरफ जा,,,, एक शर्ट निकल ,,,वॉशरूम में चली जाती है,,,,

उसे ठीक-ठीक से चला भी नहीं जा रहा था,,,, लेकिन फिर भी वह हिम्मत नहीं हारती or phir,,,,सिद्धा वॉशरूम में जा गरम पानी से शावर लेती है,,,,,or fir कुछ घंटे बाद, वह आर्यन की शर्ट और अपनी स्कर्ट पहन,,,,वॉशरूम से बाहर आती है ,,,,,,अब उसे पहले से हल्का लग रहा था,,,,,लेकिन दर्द अब भी था,,,,fir जानवी ड्रेसिंग टेबल की कुर्सी पर बैठ ,,,,,वाह हेयर ड्रायर, उठा ,,,,अपने गिले बालों को सुखाने लगती है,,,,,

Or इधर अंश जो गहरी नींद में सो रहा था,,,, हेयर ड्रायर की आवाज सुन अपनी आंखें खोल देता है ,,,,,जिसकी नजर सीधी जानवी पर जाती है ,,,,,जो एक tak आईने में देख अपने gile बालों को सुखा रही थी,,,,,

जिसे देख अंश एक पल के लिए ,,,उसके चेहरे को देखता रहता है ,,,,,की तभी उसकी नजर उसकी पहली हुई,,,,, अपनी शर्ट पर जाती है ,,,,जिसे देखकर अंश धीरे से अपनी चादर को उठा खुद को देखता है,,,,

जो उसने ,,,इस वक्त कुछ नहीं पहनना था ,,,,वाह सिर्फ एक पतली से चादर से लिपटा हुआ था,,, yah देख अंश जल्दी ,,,,,,फिर से खुद को कवर कर लेता है,,,,,

और phir अंश कल रात के बारे में सोचने लगती है ,,,,,जिससे उसे सब कुछ याद आ जाता है ,,,,,की कैसी जानवी hi कल रात ,,उसके करीब आयी थी ,,,, जिसे याद कर ,,,, ,अंश की आंखें गुस्से से लाल हो जाती है ,,,,,,

उसे जानवी पर इतना गुस्सा आता है की,,,,उसका दिल करता की वाह अभी ही janvi का गला दबा,,,,, उसे जान से मार दे,,,

फिर अंश जल्दी से बिस्तर से थोड़ा झुक,,,,,, अपना पैंट उठा पहन लेता है ,,,or phir गुस्से से ,,,,,,जानवी की तरफ ,,,,,अपना कदम बढ़ा देता है,,,

इधर जानवी ,,,,,जो aab भी उस आईना को घूरते हुए ,,,,,अपने बालों को सुखा रही थी ,,,,कि तभी उसे एहसास होता है की ,,,,कोई उसके बालों को पकड़ खींच रहा है, ,,,,जिसकी नज़र आइने से ही अंश पर पड़ती है,,,,,

जो बहुत ही गुस्से में लग रहा था,,,,, लेकिन जानवी को इसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था,,,,,, ,,,,,जैसा उसे पहले ही पता था,,,,, कि अंश कुछ ऐसा ही करेगा ,,,,,

इधर अंश जानवी के बालो सहीत पकड़ उसे ,,,,, उस कुर्सी से उठाते हुए ,,,,,अपनी तरफ घुमा लेता है ,,,, और फिर उसे अपने बिलकुल करीब ला,,, उसके बाल पर अपनी पकड़ थोड़ा और मजबूर कर देता है,,,,

जिसे जानवी ,,,,,दर्द की वजह से ,,,,,उसका सर थोड़ा ऊपर हो जाता है ,,,,जिसकी वजह से जानवी का चेहरा सीधा अंश के चेहरे के बिल्कुल नजदीक हो जाता है,,,, और फिर अंश उसकी आँखों में गुस्से से घुर ,,,अपने दात पिस्ते हुए,,,, तुम कितनी घटिया और गिरी हुई लड़की हो,,,,, एकदम चरित्रहीन जिसका कोई किरदार नहीं होता, ,,,,तुम इंडियन ही हो ना,,,,तुम्हारी हरकतें देखकर लगता नहीं है ,,,,कि तुम एक इंडियन हो ,,,,,क्योंकि वाह लड़कियाँ ,,,,,तुम जैसी घटिया नहीं होती,,,,

इधर जानवी बिना किसी इमोशन के अंश को देखती ,,,,और उसकी बातें सुन रही थी,,,, लेकिन उसे,,,,, फिर भी कुछ नहीं बोल रही थी,,,,

तुम्हें शर्म नहीं आई ,,,,,ऐसा करते हुए ,,,,मैंने तो सुना था ,,कि ये सब लड़के करते हैं,,,,, लेकिन तुम तो यूएन लड़कों से भी गिली हुई ,,,,और घटिया निकली ,,, ,

और फिर अंश ये सब बोल,,,,, जानवी को एक झटका में छोड़ देता है ,,,,,जिससे जानवी सिद्धा उस कुर्सी से जा टकराती है,,,,और उसके माथे पर हल्का सा चोट लग जाता है,,, ,,

और फिर अंश गुस्से से,,,, इधर घुमते हुए,,,, मुझे समझ नहीं आ रहा,,,,, कि तुम ऐसा कर,,,,,, कैसी हो ,,,,, सिर्फ मेरे साथ सोने के लिए ,,,,,तुमने मुझे ही खींच कर दे दिया,,,,,

और फिर जल्दी से उसके पास जा,,,,,   उसके बालों को पकड़ अपनी तरफ घुमा उसकी आंखों में आंखें दाल घूरते हुए,,,,, अगर तुम इतनी ही आग लगी थी ,,,,,,तो तुम मुझे कहती, ,,,, मैं कईयों की लाइन लगावा देता,,,,, तुम्हारी इस आग बुझाने के लिए,,,, लेकिन तुमने मेरा क्यों इस्तमाल किया किया,,,,,,

अश की ये बात सुन जानवी जो इतनी देर से शांत और चुप थी,,,,,, उसकी भी आंखें गुस्से से लाल हो गई थी,,,,,,उसकी आंखों में तो जैसे खून ही उतर आया हो,,,,

जिसे जानवी एक झटके में अंश से अपने बालों को चुरा ,,,,उसे खुद से दूर धक्का दे,,,,,, उसके गालो पर एक खींच कर थप्पड़ मारती है,,,,,,, जिसके अंश का गाल एक तरफ झुक जाता है,,,,

और फिर जानवी गुस्से से आश की तरफ उंगली प्वाइंट करते हुए ,,,,,,तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ,,,,,तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ,,,,,मुझसे ऐसी बात करने की ,,,,,तुम होते कौन हो ,,,,,,मेरे किरदार को जज करने वाले,,,,

कितना ,,,,,कितना जानते हो मुझे,,,,,, सिर्फ तीन महीने ,,,,,,तुम अपनी पूरी जिंदगी भी लगा दोगे ना,,,तब भी तुम मुझे पहचान नहीं पाओगे ,,,आये बड़े मुझे चरित्रहीन करने वाले ,,,,,तुम खुद के किरदार को जानते हो ,,,,, 

अंश भी जानवी के बात सुन,,,,, ऊ तो तुम्हारे कहने का मतलब है,,,,, कि मेरा किरदार ख़राब है,,,, और फिर उसे पर चिल्लाते हुए,,,,,तो शायद तुम भूल गई हो .   , ,,,,,की कैल रात वह तुम थी ,,,,,,,जो जबरदस्त मेरे करीब आयी थी,, 

अंश की ये बात सुन जानवी बिल्कुल चुप हो जाती है,,,,,अंश जान्हवी को चुप देख,,,,, क्या हुआ तुम्हारे पास अब कोई जवाब नहीं है ,,,,,,पर मेरे पास है ,,,,,तुमने ये सब इसलिए किया ना ,,,,,की तुम मेरे बच्चे की माँ बन जाओ,,,, और मैं तुम्हें पूरी जिंदगी ,,,,के लिए अपना लुन,,,,,, हैं ना ,,,, तुम्हारा यही प्लान,,,

जानवी अंश की ,,,ऐसी बातें सुन ,,,, लंबी सांस छोड़ते हुए ,,,,अपने कदम अंश की तरफ बढ़ा देती हैं,,,, और फिर  उसके पास उसकी आंखों में देखते हुए ,,,,अपना पूरा विश्वास और नजरिया में ,,,,

हन मेरा यही प्लान था,,,,,, तुम्हारे साथ रात बिता,,,,, तुम्हारे बच्चों की माँ बनने का,,,,हो गया ना,,,, तुम्हारा ,,,,,सुन लिया ना,,,तुमने मेरे मुँह से सच ,,,,या कुछ और भी सुनना है,,,, ये सब कहे जानवी एक नज़र अंश को देख वहां से चली जाती है,,,,,

और इधर अंश गुस्से से उस ड्रेसिंग टेबल पर राखे सभी समानों को जमीन पर फेंक देता है ,,,,और फिर चिकते हुए,,,, जानवी मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगा,,,,, मैं तुम्हें ऐसी सजा दूंगा ,,, ,जो तुम जिंदगी भर नहीं भूल पाओगी,,,,, अब तक तुम मुझसे खेल रही थी,,,, ना ,,,,,अब मेरी बारी है,,,,,,तुमसे खेलने की,,,


आज के दिन बस इतना

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