Beyond Words : A Love Born in Silence - 20 in Hindi Thriller by Dev Srivastava Divyam books and stories PDF | बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 20

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बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस - भाग 20


   सुबह का समय,

   फातिमा हॉस्पिटल,

   सिद्धांत के सवाल पर मिसेज माथुर ने ना में सिर हिला दिया तो सिद्धांत ने कहा, " फिर टेंशन लेना बंद करिए और हमारे डिस्चार्ज पेपर्स रेडी करवाइए । "

   मिसेज माथुर ने कन्फ्यूजन के साथ कहा, " डिस्चार्ज पेपर्स ! "

   सिद्धांत ने खाना खाते हुए कहा, " हां, डिस्चार्ज पेपर्स या... "

   फिर उसने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " हमारे बिना घर बहुत अच्छा लग रहा है ! "

   इससे पहले कि मिसेज माथुर कुछ कहतीं, दरवाजे के पास से लक्ष्मी की आवाज आई, " बिलकुल हमारे मन की बात बोल दी तुमने ! "

   सिद्धांत ने शॉक होकर कहा, " हां ! "

   लक्ष्मी ने उसके पास बैठते हुए कहा, " हां, यू नो, यू आर सच अ ट्रबलमेकर । "

   सिद्धांत ने अपनी भौंहें उठा कर कहा, " रियली ! "

   लक्ष्मी ने उसे चिढ़ाने के लिए कहा, " और नहीं तो क्या ! "

   सिद्धांत ने अपने दिल पर हाथ रख कर कहा, " तारीफ के लिए तहे दिल से शुक्रिया । "
   
   लक्ष्मी ने चिढ़ कर कहा, " हॉस्पिटल बेड पर हो फिर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आना है ! "

   सिद्धांत ने गाना गाते हुए कहा, " क्या करूं ओ लेडिज, मैं हूं आदत से मजबूर ! "

   फिर उसने एटीट्यूड के साथ अपने कंधे उठा कर कहा, " और वैसे भी जो अपनी हरकतों से बाज आ जाए वो सिद्धांत माथुर नहीं ! "

   लक्ष्मी ने उसे हल्के से मार कर कहा, " हटो ड्रामेबाज ! "

   उसकी मार से सिद्धांत कोई घंटा फर्क नहीं पड़ा । उसने लक्ष्मी के गाल खींचते हुए कहा, " सच में, आप गुस्से में होती हैं न, तो बड़ी क्यूट लगती हैं । "

   लक्ष्मी ने उसके हाथों को झटक कर कहा, " तुम मार खाओगे हमसे ! "

   सिद्धांत ने कहा, " अरे, अभी हम घायल हैं तो अभी मार कर क्या फायदा, वैसे भी हॉस्पिटल में हैं तो तुरंत ही ईलाज भी हो जाएगा । ठीक हो जाने दीजिए । फिर घर पर आराम से मार लीजिएगा । "

   लक्ष्मी ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, " नहीं, तुम यहीं रहो । वही ज्यादा अच्छा है । "

   सिद्धांत ने अपना एक हाथ लक्ष्मी के कंधे पर टिका कर कहा, " नहीं अग्रजे, घर तो हम चलेंगे । वो क्या है न, इतनी जल्दी आपका पीछा नहीं छोड़ने वाले हैं हम । "

   लक्ष्मी ने अपने दांत पीस कर कहा, " यू आर रियली शेमलेस ! "

   सिद्धांत ने अपने कंधे झटक कर कहा, " आई नो दैट वेरी वेल, टेल मी समथिंग आई डोंट नो । " और इसी के साथ उसके मुंह से आह निकल गई क्योंकि गिरते के वजह से उसके कंधे में भी चोट लगा हुआ था । 

   वहीं लक्ष्मी ने खड़े होते हुए कहा, " मम्मी, हम बाहर जा रहे हैं । यहां रहेंगे तो ये हमारा सिर खाता रहेगा । "

   इतना बोल कर वो बाहर चली गई तो मिसेज माथुर ने सिद्धांत की ओर देख कर कहा, " सिड, क्यों परेशान करते हो उसे ! "

   सिद्धांत ने मासूम सी शक्ल बना कर कहा, " हम कहां कुछ करते हैं, माता श्री ! हम तो सिर्फ उनकी बातों का जवाब देते हैं । "

   मिसेज माथुर ने अफसोस के साथ सिर हिला कर कहा, " हां, हां, तुम सिर्फ जवाब देते हो लेकिन ऐसे कि वो चिढ़ जाती है । "

   सिद्धांत ने मुस्करा कर कहा, " आपसे किसने कह दिया कि वो चिढ़ती हैं ! "

   मिसेज माथुर ने उसकी ओर देख कर कहा, " क्यों ? उसके रिएक्शन से पता नहीं चलता है ! "

   सिद्धांत ने साइड टेबल पर रखे हुए अपने फोन को उठाते हुए कहा, " रुकिए, उनका असली रिएक्शन हम आपको दिखाते हैं । "

   इतना बोल कर उसने एक वीडियो प्ले करके मिसेज माथुर के सामने कर दिया । वो वीडियो इसी वार्ड के बाहर की थी जिसमें लक्ष्मी बाहर निकलती हुई नजर आ रही थी और वो बाहर आते हुए मुस्करा रही थी ।

   मिसेज माथुर ने वो वीडियो देखने के बाद कहा, " ये तो... "

   सिद्धांत ने उनकी बात पूरी करते हुए कहा, " सिर्फ हमारे साथ मस्ती करती हैं । "

   मिसेज माथुर ने कहा, " वैसे तुम्हें ये वीडियो कहां से मिला ? "

   सिद्धांत ने मुस्करा कर कहा, " भैया ने भेजी । "

   मिसेज माथुर ने कहा, " तुम दोनों सच में... छोड़ो ! हम जाकर डिस्चार्ज पेपर्स रेडी करवाते हैं । "

   सिद्धांत ने कहा, " हम्म ! "




   शाम का 4 बजे,

   एक एंबुलेंस सिद्धांत के घर के सामने आकर रुकी जिसमें से एक करके सभी लोग बाहर आ गए । इस वक्त भरत और यश उनके साथ नहीं थें ।

   उनके उतरने के बाद एम्बुलेंस वापस चली गई । वो लोग जैसे ही अंदर जाने के लिए घर की ओर मुड़े, वैसे ही हैरान हो गए क्योंकि वहां पर पहले से ही भरत और यश खड़े थें । 

   मिसेज माथुर ने भरत से कहा, " भरत, हमने कहा था न, हमारे चक्कर में अपना नुकसान मत करो । "

   भरत ने ना में सिर हिलाते हुए कहा, " नहीं भाभी जी, हमने अपना नुकसान नहीं किया है । "

   मिसेज माथुर ने नासमझी से कहा, " फिर ! "

   भरत ने मुस्करा कर कहा, " अब से हम आपके पड़ोसी हैं । "

   मिसेज माथुर ने अपने घर के बगल वाले घर की ओर इशारा करके कहा, " मतलब कि ये घर... "

   भरत ने उसी मुस्कान के साथ कहा, " जी, हम ही इस घर के नए किराएदार हैं । "

   तभी अनिरुद्ध उस घर से बाहर आया । वो अभी भी पुलिस की वर्दी में था । 

   उसने भरत के पास आकर कहा, " पापा, सारा सामान सेट हो गया है । आप लोग चलिए, हम रात में आते हैं । "

   मिसेज माथुर ने उसे देख कर कहा, " ये तो ! "

   भरत ने अनिरुद्ध के कंधे पर हाथ रख कर कहा, " ये हमारा बड़ा बेटा है, अनिरुद्ध सिन्हा ! "

   ये सुन कर शांतनु ने कहा, " ओह, तो इसीलिए यश आपके सवालों को सुन कर चिढ़ रहा था । "

   यश ने मुंह बना कर कहा, " इनकी हरकतें ही ऐसी हैं कि बंदा चिढ़ जाए । "

   अनिरुद्ध ने अपना मुंह खोल कर कहा, " हां ! "

   यश ने कहा, " और नहीं तो क्या, जब इन्हें सब कुछ पता है कि हम कहां से आ रहे, कैसे आ रहे हैं, सब कुछ, फिर भी ऐसे सवाल पूछ रहे हैं तो बंदा चिढ़ेगा ही न ! "

   अनिरुद्ध ने नाटकीय रूप से हंस कर कहा, " हा, हा, हा, वेरी फनी ! "

   यश फिर से मुंह बना कर कुछ बोलने को हुआ ही था कि भरत ने कहा, " बस, बस ! अब अपना ड्रामा बंद करो तुम दोनों । "

   फिर उन्होंने यश की ओर देख कर कहा, " और यश, तुम जाओ, आंटी की हेल्प करवा दो । "

   मिसेज माथुर ने कहा, " नहीं, नहीं, इसकी कोई जरूरत नहीं है । "

   यश ने कहा, " हम भी तो आपके बेटे जैसे ही हैं न आंटी ! "

   मिसेज माथुर ने कहा, " ठीक है, चलो । "

   यश ने सारे सामान उठा लिये और बाकी लोग भी कुछ सामान लेकर अंदर चले गए । भरत भी अपने घर में चला गया और अनिरुद्ध पुलिस स्टेशन !





   कुछ देर बाद,

   सभी लोग सिद्धांत के घर में हॉल में बैठे हुए थें । मिसेज माथुर ने जूस की ट्रे लाकर टेबल पर रख दी ।

   सबने जूस पीना शुरू किया और तभी मिसेज माथुर ने यश से सवाल करते हुए कहा, " और क्या पढ़ाई कर रहे हो, यश ? "

   यश ने कहा, " अभी तो ग्रेजुएशन कर रहे हैं आंटी । "

   शांतनु ने कहा, " अच्छा, कौन सा साल है ? "

   यश ने कहा, " फाइनल ईयर ! "

   लक्ष्मी ने कहा, " गुड, इस उम्र तक ग्रेजुएशन कंप्लीट कर लोगे तो जल्दी ही जॉब भी लग जाएगी । "

   यश बस हल्के से मुस्करा दिया । फिर उसने सिद्धांत की ओर देख कर कहा, " और सिद्धांत, तुम क्या कर रहे हो ? "

   इससे पहले कि सिद्धांत कुछ कहता, लक्ष्मी ने कहा, " वो भी ग्रेजुएशन कर रहा है, और वो भी इसी साल कंप्लीट कर लेगा । "

   यश ने हैरानी के साथ कहा, " रियली ! "

   लक्ष्मी ने कहा, " हां ! "

   तभी शांतनु ने कहा, " एक्चुअली, वो कई क्लास कूद गया है न, इसलिए । "

   यश ने कहा, " ओह, अच्छा ! "

   मिसेज माथुर ने कहा, " हां, वरना वो तुमसे छोटा ही होगा । "

   यश ने कहा, " नहीं आंटी, छोटा नहीं होगा पर हां, उम्र बराबर हो सकती है हम दोनों की ! "

   इस बार सिद्धांत ने न्यूजपेपर के पन्ने पलटते हुए कहा, " यानी कि तुम भी इक्कीस के होने वाले हो ! "

   ये सुन कर सभी लोग हैरान रह गए लेकिन किसी के भी कुछ रिएक्ट करने से पहले ही यश ने कहा, " नॉट एट ऑल, हम अभी सिर्फ अट्ठारह साल के हैं, उन्नीस के होने वाले हैं । "

   सिद्धांत ने अपनी नजरें पेपर में गड़ाए हुए ही आराम से कहा, " हां, तब हमारी उम्र सच में बराबर ही है । "

   यश ने कहा, " पर तुमने तो इक्कीस कहा था । "

   इस बार सिद्धांत ने अपना चेहरा उसकी ओर घुमा कर कहा, " वो क्या है न, हम किसी को भी अपनी असली उम्र नहीं बताते हैं । "

   अपनी बात बोल कर सिद्धांत ने फिर से अपनी नजरें पेपर में गड़ा ली ।

   वहीं उसकी बातें सुन कर यश ने अपना मुंह बना लिया तो मिसेज माथुर ने कहा, " इसे छोड़ो यश, इसकी तो आदत ही है सबको ऐसे इरिटेट करने की । तुम बताओ, तुम्हारे परिवार में कौन कौन है ? "

   यश ने कहा, " बस हम, पापा और भैया । "

   लक्ष्मी ने उसे सवालिया नजरों से देख कर कहा, " और तुम्हारी मम्मी ! "

   यश ने अपनी गर्दन झुका ली और धीमे से कहा, " शी इज, नो मोर । "

   ये सुनते ही सिद्धांत को एक झटका सा लगा लेकिन उसने खुद को कंट्रोल कर लिया और अपनी नजरें पेपर पर ही रखी ।

   वहीं लक्ष्मी ने कहा, " आई एम सो सॉरी, यश ! "

   यश ने कहा, " अरे नहीं दीदी, इसमें आपकी कोई गलती नहीं है । "

   शांतनु ने देखा कि माहौल कुछ ज्यादा ही भारी हो रहा है इसलिए उसने बात को बदलते हुए कहा, " अच्छा, ये सब छोड़ो, ये बताओ कि एडमिशन कहां लिया है ! "

   यश ने कहा, " इग्नू में । "

   लक्ष्मी ने मुस्करा कर कहा, " ये तो और भी अच्छा है ! "

   शांतनु ने उसकी ओर देख कर कहा, " कैसे ? "

   लक्ष्मी ने कहा, " भाई, दोनों दोस्त इग्नू से पढ़ रहे हैं तो ये दोनों सब कुछ एक साथ कर लिया करेंगे और फिर MSc भी साथ में कर लेंगे । "

   इससे पहले कि कोई और कुछ कहता, सिद्धांत ने कहा, " हू टोल्ड यू दैट ( आपसे ये किसने कहा ) ! "




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   क्या था सिद्धांत का असली रूप ?

   वो सब कुछ इतना लाइटली कैसे ले लेता था ?

   यश का सिद्धांत का पड़ोसी होना इत्तेफाक था या कुछ और ?

   इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए,

   बियोंड वर्ड्स : अ लव बॉर्न इन साइलेंस

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                                      लेखक : देव श्रीवास्तव