Hilly area of Uttarakhand in Hindi Horror Stories by HDR Creations books and stories PDF | उत्तराखंड का पहाड़ी ईलाका

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उत्तराखंड का पहाड़ी ईलाका

हिमालय की तलहटी में स्थित उत्तराखंड, अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। लेकिन, इस खूबसूरती के पीछे कई रहस्य और डरावनी कहानियां भी छिपी हैं। आज मैं आपको एक ऐसे ही रास्ते के बारे में बताने जा रहा हूँ, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह भूतिया है।

यह रास्ता एक पहाड़ी ईलाके से होते हुए यमुनोत्री की ओर जाता है। यह रास्ता घने जंगलों और ऊंची चट्टानों से घिरा हुआ है। कहा जाता है कि कई साल पहले, इस रास्ते पर एक भयानक दुर्घटना हुई थी। एक बस खाई में गिर गई थी, जिसमें सभी यात्री मारे गए थे। उनकी आत्माएं आज भी इस रास्ते पर भटकती हैं।

गांव के लोग बताते हैं कि रात में, वे इस रास्ते पर रोने और चीखने की आवाजें सुनते हैं। कुछ लोगों ने भूतों को भी देखा है। एक बार, कुछ पर्यटक इस रास्ते पर गाड़ी से जा रहे थे। अचानक, उनकी गाड़ी रुक गई। जब वे बाहर निकले, तो उन्होंने देखा कि गाड़ी के टायर पंचर हो गए हैं। वे डर गए और गाड़ी से भाग गए। सुबह, जब वे वापस आए, तो उनकी गाड़ी गायब थी।

इस रास्ते के बारे में कई कहानियां हैं। कुछ लोग कहते हैं कि यहां भूतों का राज है। कुछ लोग कहते हैं कि यहां कोई रहस्यमय शक्ति है। लेकिन सच्चाई जो भी हो, यह रास्ता आज भी लोगों के लिए डर का विषय है। कोई भी रात में इस रास्ते पर जाने की हिम्मत नहीं करता है।

अगर आप कभी उत्तराखंड जाते हैं, तो इस रास्ते के बारे में जरूर याद रखें। हो सकता है कि आपको भी कुछ अजीब अनुभव हो।


पहाड़ों के बुजुर्ग कहानी सुनाते हैं कि यह रास्ता कभी व्यापारियों के लिए मुख्य मार्ग हुआ करता था। एक जमाना था, जब यमुनोत्री मंदिर तक जाने का यही इकलौता रास्ता था। एक लालची व्यापारी, विक्रम सिंह, इसी रास्ते से यमुनोत्री जाया करता था। वह मंदिर में दर्शन करने नहीं, बल्कि वहां छुपे हुए खजाने को हथियाने जाता था।

कई सालों तक विक्रम सिंह चोरी करता रहा और कभी पकड़ा नहीं गया। लेकिन, लालच का कभी अंत नहीं होता। एक रात, मंदिर के पुजारी ने विक्रम को चुराते हुए देख लिया। विक्रम सिंह डर गया और पुजारी को मार डाला। फिर वहां से भागने की कोशिश की।

रात के अंधेरे, घने जंगल और पहाड़ी रास्तों से अपरिचित होने के कारण विक्रम रास्ता भटक गया। वह अपनी गाड़ी सहित खाई में गिर गया। उसकी चीखें पूरे जंगल में गूंज उठीं, लेकिन कोई उसकी मदद के लिए नहीं आया। विक्रम सिंह की मौत हो गई, लेकिन उसकी दुष्ट आत्मा उसी रास्ते पर फँसी रही।

कहते हैं, हर साल उस रात को जब विक्रम सिंह की मौत हुई थी, उसी रास्ते पर सबसे ज्यादा भयानक घटनाएं होती हैं। यही कारण है कि रात में यात्रा करने वाले इस रास्ते से बचते हैं। कुछ बहादुर लोग जो भी इस रास्ते से गुजरने का जोख उठाते हैं, उन्हें अक्सर विक्रम सिंह की आत्मा का सामना करना पड़ता है। यह रास्ता प्रकृति की खूबसूरती के साथ-साथ एक भयानक इतिहास समेटे हुए है. |