Saat fere Hum tere - 94 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - भाग 94

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सात फेरे हम तेरे - भाग 94

दादा और दादी तैयार हो गए। विक्की ने कहा चलो जल्दी नीचे सब मेहमान रिश्तेदार आ गए हैं।
नैना एक साड़ी पहनी थी।
दादी मां और दादाजी ने विक्की और नैना को पास बुलाया और कहा कि तुम दोनों ही मेरे जीवन के एक मात्र सहारा हो।
मैं चाहता हूं कि तुम दोनों अपने अपने अहम छोड़ कर मेरी एक इच्छा पुरी करो।।
विक्की के अफसर और फौजी भाई भी आएं थे।
विक्की ने अपने हाथ से एक बड़ा सा केक लेकर आया।


दादी मां और दादाजी ने एक साथ केक काटा और नैना और विक्की को खिलाया।

दादी मां रोने लगी और फिर बोली कि देखो बेटा हर साल तुम हमलोगो को इतनी खुशी देते हो।हर वो चीज करते हो जिससे हमें दुआ मिले।
पर एक बात तो बताओ कि तुम हमारे मरने के बाद भी इस दिन को युही मनाओगे या फिर।।
विक्की ने कहा क्या दादी ये सब क्यों।
दादी मां ने कहा वादा करो।
विक्की ने कहा हां वादा किया।
फिर नैना भी रोने लगी।
दादाजी ने कहा बेटा एक गाना गा दो।वो वाला जो तुम्हारी मां गाया करती थी।
विक्की ने कहा दादू।।
जीवन के दिन छोटे सही हम भी।


ल ल ला
ल ल ला ला
ल ला ला

छोटे दिल के छोटे से
भी हम बड़े दिल
की धड़कन के जीवन में खुश रहने वाले
जो हम्म वाले हैं

जीवन के दिन, छोटा
हम भी बड़े दिल
कल की महालेखा, फुर्सत में
जो हम्मवाले..

जीने का रँगीन मौसम
ये खूबसूरत जमाना
अपने यही चार पल हैं
आगे है क्या किसने जाना
जीना जिसे आता है वो
इनमें ही मौज मना ले

कल की जीत, फुसफुसाहट
जो हम्मतवाले

जीवन के दिन, छोटा
हम भी बड़े दिल
कल की महालेखा, फुर्सत में
जो हम्मवाले..

ये दर्द भी खराब हो गया है जब ये दिल जुड़
भी जाएगा ।
कल की जीत, फुसफुसाहट
जो हम्मतवाले

जीवन के दिन, छोटा
हम भी बड़े दिल
कल की महालेखा, फुर्सत में
जो हम्मवाले..


जीवन के दिन, छोटा
हम भी बड़े दिल
कल की महालेखा, फुर्सत में
जो हम्मवाले..

ये दर्द भी खराब हो गया है जब ये दिल जुड़
भी जाएगा ।

कल की जीत, फुसफुसाहट
जो हम्मतवाले

जीवन के दिन, छोटा
हम भी बड़े दिल
कल की महालेखा, फुर्सत में
जो हम्मवाले..

जो हम्मतवाले

जीवन के दिन, छोटा
हम भी बड़े दिल

वाह वाह क्या बात है सबने ताली बजाकर खुशी जाहिर किया।
फिर रमेश ने सबको केक खाने को दिया।

विक्की ने कहा आप सभी को हार्दिक स्वागत करता हूं अब आप सब खाना खाने चलिए।

फिर सभी धीरे धीरे खाना खाने पहुंच गए।
नैना एक तरफ चुपचाप बैठी थी।
दादी मां ने कहा नैना मेरा कहना मानेगी।चल तुझे कुछ दिखाना है।
फिर दादी मां नैना को अपने कमरे में ले गई और दिवाल पर टंगे फोटो की तरफ हाथ दिखाते हुए कहा ये विक्की के मां बाप है जो कि बहुत लम्बी कहानी है।
नैना ने कहा दादी मां ये क्या। विक्की के माता-पिता नहीं है।
दादी मां ने कहा हां, किस्मत का खेल देखो तो तुम दोनों ही बहुत अकेले हो इस अकेलेपन को दूर करने के लिए तुम दोनों को शादी करना होगा।
नैना ने कहा नहीं नहीं दादी मां।
दादी मां ने कहा देखो नैना मेरे जाने के बाद विक्की बिल्कुल अकेले हो जाएगा तेरी तरह तो तुम्हें एक जिम्मेदारी देकर जा रही हुं कि तुम्हें विक्की को देखना होगा।
नैना ने कहा अरे बाबा दादी मां आप कहां जा रहे हो?
हम आपको नहीं जाने देंगे।
दादी मां हंसते हुए बोली अरे बेटा तुम हमारी बहु हो।
फिर दादी मां ने अलमारी में से एक छोटा सा बाक्सा निकाला।
और फिर उसमें से दो कंगन निकाल कर नैना को पहना दिया और फिर बोली ये कभी मत उतारना जिस दिन उतारोगी जानना कि दादी मां अब नहीं है इस दुनिया में।
नैना ने पैर छुए और फिर बोली दादी मां किस बंधन में आप मुझे बांध रही है।
दादी मां ने कहा ये तो भगवान ने ही किया है।

फिर दादी मां के लिए विक्की खाना लेकर आ गए।
दादी मां ने कहा पता नहीं क्या पुन्य किया होगा जो तुम्हारे जैसे एक पोता मिला।
विक्की ने कहा अरे बाबा अब खाना खा लो।
फिर दादी मां खाना खाने लगे और फिर विक्की चला गया।
कुछ देर बाद दादाजी भी आ गए।
दादाजी ने कहा नैना जाओ खाना खा लो।
नैना ने कहा हां मैं आती हूं।
फिर नैना चली गई।
दादी मां ने सबकुछ दादाजी को बताया।

नैना बाहर तो आ गई थी पर मन में कुछ ऐसे सवाल थे जिनका ज़बाब सिर्फ विक्की के पास था।
जहां पर खाने पीने की व्यवस्था थी नैना वहां पहुंच गई और फिर देखा कि विक्रम सिंह शेखावत अपने फौजी भाइयों के साथ डिर्क ले रहा था।
नैना को गुस्सा आया और फिर बोली कि अरे समझता क्या है दोस्तों को लेकर खुश है। मुझे बुला लिया।
अब बताती हूं इसको।
नैना ने चुपके से जाकर शर्बत पी लिया और फिर डांसिंग स्किल्स दिखाने के लिए पहुंच गई।
उस समय एक गाना बज रहा था।
जानेमन जानेमन जानेमन जानेमन जानेमन।जानेमन जानेमन, पलट तेरी नज़र
यहाँ है दिल तेरा, देखता है किधर
जानेमन जानेमन, पलट तेरी नज़र
यहाँ है दिल तेरा देखता है किधर

मिला ले दिल से दिल प्यार से प्यार कर
उधर तो रात है, सवेरा है इधर
जानेमन जानेमन, पलट तेरी नज़र
यहाँ है दिल तेरा देखता है किधर
जानेमन जा..नेमन

तेरी जवानी के सदके
जानेमन जानेमन
हम भी हसीं कम नहीं
जानेमन जानेमन


अरे तेरी जवानी के सदके
जानेमन जानेमन
हम भी हसीं कम नहीं
जानेमन जानेमन

तेरी जुदाई का गम है
वरना गम कोई नहीं..
बहुत चालाक है, बन रहा बेखबर
प्यार के जादू का, हो रहा है असर

जानेमन जानेमन पलट तेरी नज़र
यहाँ है दिल तेरा, देखता है किधर
जानेमन जानेमन जानेमन

तेरे लिए ही बनी हूँ
जानेमन जानेमन
मैं सब में शामिल नहीं
जानेमन जानेमन

हो, तेरे लिए ही बनी हूँ
जानेमन जानेमन
मैं सब में शामिल नहीं
जानेमन जानेमन

दिल से ज़रा पूछ अपने
क्या में तेरा दिल नहीं..
नया है सिलसिला, नया है ये सफर
नयी हैं मंज़िलें
मगर है एक डगर

जानेमन जानेमन, पलट तेरी नज़र
यहाँ है दिल तेरा, देखता है किधर
मिला ले दिल से दिल
प्यार से प्यार कर
उधर तो रात है सवेरा है इधऱ

जानेमन जानेमन, पलट तेरी नज़र
यहाँ है दिल तेरा, देखता है किधर
जानेमन जानेमन…

विक्की ने कहा इसे क्या हुआ ऐसा कभी देखा नहीं।
एक मिनट मैं आ रहा हूं।

विक्की जल्दी से जाकर नैना को डांसिंग फ्लोर में से लेकर आ गए।
नैना खुद को बार बार कह रही थी कि पता नहीं क्यों ऐसा करता है।
मैं यहां आ गई पर उसे तो कोई फर्क नहीं पड़ता है।
विक्की ने कहा अरे बाबा नैना हुआ क्या? तुमने क्या पीया अभी।।
नैना ने कहा छोड़ो मुझे जाने दो ना।। विक्की आई हेट यू।
विक्की ने कहा हां पता है जोर से बोलोगी क्या।
कुछ खाया तुमने।अरे आंखों में आसूं क्यों या फिर पानी।
क्या निलेश याद आया।
नैना ने विक्की को जोर से पकड़ लिया और फिर बोली मैं छोडुगी नहीं तुम्हें।।

फिर नैना को लेकर विक्की उसके कमरे में ले जाकर उसे बेड पर लिटा दिया। और फिर जैसे ही जाने लगें तो नैना ने हाथ पकड़ लिया।
विक्की ने कहा आज पहली बार ऐसी नैना को देखा जो मदमस्त हो कर नाच रही थी अपने प्रियतम को याद करते हुए थिरक रही थी और फिर मैं तो देखता ही रह गया नैना तुम बहुत ही हाॅट लग रही थी।
अच्छा रूको मैं कुछ लेकर आता हूं।
फिर विक्की चला गया।


विक्की कुछ देर बाद एक प्लेट में परोस कर खाना लेकर आया।
फिर नैना बिल्कुल भी उठ नहीं पा रही थी।
विक्की ने अपने बाहों में लेकर उसके बालों को पीछे छोड़ा और एक क्लच कर दिया।
फिर उसके मुंह में निवाला दिया।
नैना ने कहा तुम भी खा लो अच्छा रूको मैं खिलाती हुं।
फिर एक कौर नैना ने किसी तरह से विक्की के मुंह में रख दिया और फिर इसी तरह दोनो एक दूसरे को खिला दिया।
विक्की ने कहा पता नहीं क्यों ऐसा किया तुमने अगर दादी मां को पता चला तो।
नैना ने कहा ना,ना,ना, दादी मां सो गई उन्होंने ये दिया मुझे तुम्हारे मां के कंगन।
क्या हुआ था तुम्हारी मां को?
विक्की ने कहा अरे बाबा अब सो जाओ बहुत देर हो गई है मुझे बाहर जाना होगा मेहमानों को देखने।
नैना ने आंख बंद करके बोली अरे तुम जाओ।
जैसे ही जाने लगा तो नैना ने अपनी तरफ खींचा और उसके बाद विक्की के होंठों को चूमने लगी।
विक्की ने कहा तुम होश में नहीं हो इसलिए ये सब वरना इतने सालों तक।।
पर मैं तुम्हारे जज़्बात की कद्र करता हूं और मैं इसका फायदा नहीं उठा सकता हूं।
मैं जा रहा हुं।
नैना ने कहा विविविविकी तुम मुझे छोड़ कर नहीं जा सकते हो।
क्रमशः

क्रमशः