Saat fere Hum tere - 93 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - भाग 93

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सात फेरे हम तेरे - भाग 93

नैना होस्टल में पहुंच गई और फिर उसी के साथ वाले कमरे में एक नई लड़की भी आ गई।
रिचा ने कहा मैं रिचा हूं मेरी फेमिली कनाडा में है और मैं यहां।
नैना ने हंसते हुए कहा ये तो अच्छी बात है। रिचा ने कहा पता है मेरे डैड के पास कोई कमी नहीं है पर वो चाहते हैं कि मैं खुद कुछ करूं।
नैना ने कहा हां ये तो अच्छी बात है।मन में सोचा कि जैसे विक्की चाहते हैं।
रिचा ने कहा आज से हम दोस्त।
नैना ने कहा हां ज़रूर।
रिचा ने कहा तुम अपने बारे में कुछ बताओ।
नैना ने कहा क्या बताऊं हां इतना जरूर बताऊंगी कि जिंदगी ने बहुत कुछ सीखा दिया है।

रिचा ने कहा अच्छा चलो कैंटिन चलें।
नैना ने कहा हां ठीक है।
फिर दोनों मिलकर कैंटिन चलें गए।
इसी तरह से नैना को अमेरिका में दो महीने हो गए।


नैना अपनी पढ़ाई पूरी सिद्दत से कर रही थी।
विक्की कभी कभी फोन करता तो नैना ये कह कर रख देती कि अभी लाइब्रेरी जाना है पर इस बीच रिचा ने एक खास जगह बना ली थी नैना के दिल में।
नैना को एक ऐसी सच्ची दोस्त की तलाश थी जो उसके दिल का हाल समझ सकें।

एक दिन संडे की सुबह विक्की सीधे नैना के होस्टल में पहुंच गए।
इंचार्ज से बात करने के बाद नैना को ले जाने का पर्मिशन लिए पर नैना से बिना पुछे।

नैना को बुलाया गया और नैना आ गई तो देखा कि विक्रम सिंह शेखावत ने कहा कैसी हो तुम?
नैना ने कहा अरे आप यहां क्यों?
विक्की ने कहा हां मैं यहां आया हूं।
नैना ने कहा क्या देखने आएं हो जिन्दा हुं कि नहीं?
विक्की ने कहा बस करो अब।
नैना ने कहा अरे वाह ऐसा कैसे।
विक्की ने कहा अरे कल दादी मां और दादाजी की एनेवसरी है इसलिए।
नैना ने कहा ओह पर मैं किस हक से तुम्हारे घर जाऊंगी? कोई हक तो नहीं है।।
विक्की ने कहा देखो बहुत उम्मीद से आया हूं ना मत करो मैं तो बात भी कर लिया है।
बस एक बार चलों।
नैना ने कहा नहीं मैं नहीं जा सकती हुं वो भी तो होगी वहां?
विक्की ने कहा कौन सैम। नहीं, नहीं ऐसा नहीं है वो कनाडा चली गई।
नैना ने कहा ओह तो ये बात है अब समझी वो चली गई है इसलिए तुम यहां आएं हो।
विक्की ने कहा तुम मुझे ग़लत समझ रही हो। दादी मां ने कहा कि वह तुम्हें देखना चाहती है।
नैना ने कहा हां ठीक है मैं दादी मां के लिए ही आ रही हुं।
विक्की ने कहा ओके जल्दी से बैग लेकर आ जाओ।
नैना ने कहा हां ठीक है फिर नैना ऊपर चली गई और फिर उसने एक छोटे से बैग में दो सूट और कुछ मेकअप किट भी रख दिया।

फिर रिचा को जाकर बोल दिया कि जा रही हुं।
रिचा ने कहा जा सिमरन जी ले अपनी जिंदगी।।
फिर नैना नीचे पहुंच गई तो विक्की नैना के हाथों से वो बैग लेना चाहा पर नैना ने नहीं दिया।
फोरमालिटी मत करो तुम।
विक्की ने कहा बहुत बदल गई हो तुम।
नैना ने कहा हां सच में, तुम भी तो बदल गए थे दिल्ली में ही।
मैं तो यहां परदेस में आकर बदल गई हुं।
विक्की ने कहा हां ठीक है अब चलो।
नैना ने कहा तुम खुद डाइविंग करके लाएं।
विक्की ने कहा हां क्यों।
नैना ने कहा डाक्टर ने मना किया था तुम्हें।
विक्की ने कहा अरे बाबा डरो मत एक्सिडेंट नहीं होगा।
फिर दोनों गाड़ी में बैठ गए।
नैना ने सीट बेल्ट बाध लिया।
फिर विक्की ने एफ एम रेडियो चला दिया।
जब से तुम आए नजर में खोया, खोया


, जब से तुम आई नज़र में

खोया खोया रहता है दिल

धड़कनों से आज ये क्या

चुपके चुपके कहता है दिल

प्यार हमको होने लगा

खोना था दिल, खोने लगा

प्यार हमको होने लगा

खोना था दिल, खोने लगा

लोग जो कहने लगे हैं

उन बातों में उल्झा है दिल

क्या हकीकत है अपनी

क्या तुम्हें बता देंगे

ओ, क्या हकीकत है अपनी

क्या तुम्हें बता देंगे

कौन हैं हम आखिरी ये

कब तलाक छुपाएंगे

तुम छुपाओ लाख हमसे

फिर भी कुछ कुछ जाने जाना

हर जुबान पर आयेगा कली

हम दोनो का ये अफसाना

प्यार हमको होने लगा

खोना था दिल, खोने लगा

प्यार हमको होने लगा

खोना था दिल, खोने लगा।।
गाना खत्म हुआ तो विक्की ने गाड़ी रोक दी और फिर बोला चलो यहां कुछ खा लेते हैं।

नैना ने कहा पर मुझे भुख नहीं लगी है।
काफी लम्बा रास्ता है तो चलों।
नैना ने कहा ओके।
फिर दोनों एक रेस्तरां में जाकर बैठ गए।
विक्की बार बार नैना को देख रहा था।
नैना इधर उधर देख रही थी।
विक्की ने कहा तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है।
नैना ने कहा हां अच्छी अगले महीने पेपर है।
विक्की ने कहा ओह।
नैना ने कहा हां सब तैयारी है।
कुछ देर बाद टोस्ट विद ग्रीन चिली, ब्लैक काॅपी आ गया।
नैना ने कहा अरे तुम्हें याद है मेरी पसंद।
विक्की ने कहा हां पर शायद तुम भुल गई हो कि ये मेरी भी पसंद है।

नैना ने कहा हां मुझे याद है सब कुछ।।

इन्सान को बदलते देर नहीं लगती है पर मौसम तो कभी कभी बदला करते हैं।
विक्की ने कहा हां ठीक है मैं तो बुरा हुं आज अगर तुम यहां अमेरिका में पढ़ाई कर रही हो वो भी मेरे कहने पर भले ही तुम इसको नहीं मानो ।


नैना ने कहा ऐसा नहीं है,पर मैं तो सब कुछ खुद से करना चाहती थी और करूंगी भी।
फिर नाश्ता करने के बाद दोनों गाड़ी में बैठ कर निकल गए।
फिर एक घंटे बाद ये लोग विक्की के बंगले में पहुंच गए।
नैना और विक्की दोनों ही अन्दर पहुंच गए और फिर दादी मां वहीं बैठी थी और उन्होंने कहा हां आओ बेटी।
नैना ने पैर छुए और फिर बोली हां थोड़ी विजी हो गई हुं।
दादी मां ने कहा हां पता है पर बेटी यहां पर मैं हुं ना।।
नैना ने कहा कि हां आपके लिए ही आई हुं।।
विक्की ने कहा मैं फेश् हो कर आता हूं।

दादी मां ने कहा नैना तुम मेरे पास बैठो।
नैना उठकर दादी मां के पास बैठ गई।

नैना ने पूछा कहां होगी पार्टी?
दादी मां हंसने लगी और फिर बोली अरे बेटा वो मेरा बाबू बहुत ही शरारत है हर साल ऐसे ही सेलीब्रेट करता है।
तभी दादाजी आएं।
नैना उठकर दादा जी के पैर छुए और फिर बोलें की बेटी बड़े दिनों बाद आज आईं हो।।


नैना ने कहा हां ये तो परदेस है और यहां किस हक से आऊंगी विक्की ने तो हक नहीं दिया ‌
दादाजी ने कहा हां बेटा विक्की किस मिट्टी का बना हुआ है और क्या चाहता है हम चाहते थे कि तुम यहां से ही अपनी पढ़ाई पूरी करो।पर तुम दोनों अपने अहम को आगे रखते हो प्यार को नहीं।
दादी मां ने कहा कल का दिन बहुत ही अच्छा है हम चाहते हैं कि कल तुम्हारी सगाई हो जाएं।


नैना ने कहा नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता। किसी से जबरदस्ती कराई नहीं जा सकती है।
विक्की के दिल में मैं कहीं नहीं हुं।
दादी मां ने कहा नहीं नहीं ऐसा नहीं है उसके आंखों में सच्चा प्यार देखा है तेरे लिए।
नैना ने कहा पर दादी मां वो तो वापस आ गए और फिर।।
दादी मां ने कहा हां पर दादाजी की तबीयत खराब थी इसलिए।।
नैना ने कहा हां ठीक है पर विक्की ने कभी कुछ कहां भी नहीं इस बारे में।
नैना ने कहा मैं ऐसी जिंदगी नहीं चाहती थी हां विक्की का चेहरा मुझे निलेश की याद दिलाता था पर अब नहीं।मैं ठीक हूं।
दादी मां ने कहा पर बेटी ये सब तु अभिमान करके बोल रही हो। विक्की बहुत सालों से तेरे लिए तड़पा है पर अब क्या हुआ पता नहीं।
नैना ने कहा दादी मां आप चिंता मत करो मैं अच्छी हुं और फिर आती रहुंगी।

दादी मां ने कहा हां ठीक है पर कहीं ना कहीं हम भी अब जाने वाले हैं तो जाने से पहले अपने पोते का बसाया हुआ घर देख कर जाना चाहते हैं।
नैना ने कहा कि मैं एक काम कर सकती हुं विक्की को राजी कर लेती हुं शादी के लिए पर दुल्हन मै नहीं।


दादी मां ने कहा हां ठीक है कोशिश कर लो।
नैना गेस्ट रूम में जाकर थोड़ी देर लेट गई।
दोपहर के समय विक्की ने उसे उठाया और फिर कहां की सोते हुए अच्छी लग रही हो। लगता है बहुत समय तक सोई नहीं।


विक्की ने उसके माथे पर हाथ रख दिया और फिर बालों को सहलाने लगा।


तभी नैना उठकर बोली मां।।
विक्की ने हंसते हुए कहा अरे बाबा मैं हुं।
नैना देखते ही चौंक गई और बोली तुम।।
विक्की ने कहा हां चाय पीने चलों।
नैना ने कहा हां ठीक है मैं आती हूं।
फिर विक्की चला गया और नैना भी आ गई।
सब एक साथ चाय पीने लगे।
नैना ने कहा देखो विक्की अब तुमको शादी कर लेनी चाहिए क्योंकि अब और दादाजी और दादीजी कब तक अकेले रहेंगे बताओ।।


विक्की ने कहा ऐ बात है तो मैं एक नर्स रख लेता हूं।
नैना ने कहा अरे बाबा शादी कर लो। एक लड़की से।।
विक्की ने कहा जरूरत नहीं है मुझे।
नैना ने कहा डर गए लगता है।
विक्की ने कहा बकवास मत करो।
नैना एक दम से चौंक गई और फिर वहां से दौड़ कर कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर दिया।
दादी मां ने कहा अरे बाबा ये क्या था।आज मिलिट्री रूल दिखा रहे हो?

विक्की ने कहा हां दादी कभी ,कभी दिखाना तो
पड़ेगा ही वरना वो समझेंगी नहीं।
क्रमशः