Saat fere Hum tere - 10 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - भाग 10

Featured Books
  • નિતુ - પ્રકરણ 52

    નિતુ : ૫૨ (ધ ગેમ ઇજ ઓન)નિતુ અને કરુણા બંને મળેલા છે કે નહિ એ...

  • ભીતરમન - 57

    પૂજાની વાત સાંભળીને ત્યાં ઉપસ્થિત બધા જ લોકોએ તાળીઓના ગગડાટથ...

  • વિશ્વની ઉત્તમ પ્રેતકથાઓ

    બ્રિટનના એક ગ્રાઉન્ડમાં પ્રતિવર્ષ મૃત સૈનિકો પ્રેત રૂપે પ્રક...

  • ઈર્ષા

    ईर्ष्यी   घृणि  न  संतुष्टः  क्रोधिनो  नित्यशङ्कितः  | परभाग...

  • સિટાડેલ : હની બની

    સિટાડેલ : હની બની- રાકેશ ઠક્કર         નિર્દેશક રાજ એન્ડ ડિક...

Categories
Share

सात फेरे हम तेरे - भाग 10

बिमल ने एक चाय की दुकान से पानी लेकर आया और फिर पानी का छिड़काव करने के बाद ही माया को होश आया तो वो एक दम रोने लगी।बिमल ने कहा अरे दीदी जरूरी तो नहीं निलेश को कुछ नहीं हुआ होगा। माया ने कहा हां तुम ठीक कह रहे हो पहले हमें पता करना होगा।
फिर माया वहां से सीधे काउंटर पर जाकर बोली तो उस आदमी ने एक निलेश का फोटो मांग लिया। और फिर बोला उस हाई वे के पास जो अस्पताल है वहीं जाकर आप देख सकते हैं क्योंकि सभी जख्मी लोगों को वहां भेजा गया है। माया वहां से घर वापस आ गई।उसका मन बहुत ही उदास हो गया था।बार बार फोन देखती रही पर निलेश का कोई फोन नहीं आया। दोपहर होने को आई पर निलेश की कोई खबर नहीं मिली। माया की हालत खराब हो गई थी।बिमल और अतुल दोनों ही माया के पास थे और कोशिश कर रहे थे कि किसी भी तरह से निलेश मिल जाए। उधर नैना इन सब बातों से बेखबर थी वो तो तैयार हो रही थी निलेश के घर जाने के लिए। रेखा ने कहा नैना दीदी निलेश भाई अभी तक नहीं आएं वरना कुछ तो चहल-पहल होती। नैना ने कहा अरे कोई बात नहीं हम चलते हैं खाने का डिब्बा लगा दिया ना और वो गाजर का हलवा भी ले लिया। निलेश को बहुत पसंद हैं। रेखा ने कहा हां दीदी सब रख दिया। कोकिला ने कहा जा मेरी रानी बिटिया किसी की नजर ना लगे। फिर दोनों निलेश के घर पहुंच गए। दरवाजा अतुल ने खोला। नैना ने कहा अरे निलेश आया नहीं अभी तक। नैना की आवाज सुनकर माया अपने रूम से बाहर निकल आई और बोली नैना अभी तक निलेश का कोई पता नहीं चल पाया। नैना ये सुनकर एक दम चुप हो गई और फिर बोली अरे क्या बोल रही है दी। फिर माया ने निलेश के बारे में सब कुछ बताया और उसके दोस्तों से मिलवाया। नैना ने कहा हां मैंने निलेश से तुम लोग के बारे में सुना है। नैना ने कहा मैं क्या इतनी मनहूस हुं निलेश को मेरी वजह से लखनऊ जाना पड़ा और ये सब मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती हुं। इसलिए मैंने कहा था निलेश को पर उसने तो मुझे बिना बोले ही लखनऊ निकल गया। माया ने नैना के आंसु पोंछ दिया और कहा कि निलेश ने मना किया था कि नैना को कुछ ना बताएं। अतुल ने कहा दीदी हम उस हाईवे वाले अस्पताल से होकर आंतें है वरन् देर हो जाएगा। माया ने कहा हां ठीक है। अतुल और बिमल चले गए और वहां पहुंच कर वहां की हालत देखने लायक था सब लोगों इधर उधर दौड़ रहें थे।बिमल बोला पता नहीं हमारा दोस्त कहा होगा कैसा होगा? फिर दोनों अन्दर पहुंच गए और फिर काउंटर पर जाकर पुछने लगा उसने तस्वीर भी दिखाई पर कुछ भी सटीक उत्तर नहीं मिला।जब बाहर निकलने लगा तो एक पुलिस अफसर वहां पर खड़े होकर कुछ बात बता रहे थे तो बिमल रुक गया और सुनने लगा। पुलिस अफसर ने कहा कि वहां पर एक नौजवान लड़का बहुत ही बहादुरी दिखाई थी सच में अगर सब बच्चे सही सलामत है तो उस नौजवान की वजह से पर वो खुद भी सो तो खुन से लथपथ था पर अपनी जान को जोखिम में डालकर सब को गोद में उठा कर एम्बुलेंस पर पहुंचा रहा था। फिर वो क्या गायब हो गया क्या पता जिन्दा भी है या नहीं।।बिमल ने सुनकर ही मोबाइल लेकर उस पुलिस अफसर के पास पहुंच कर वो फोटो दिखाने लगा कि सर क्या वो नौजवान ये था। पुलिस अफसर ने जैसे ही देखा तो वो बोल पड़े कि अरे ही था। कौन है ये? अतुल बोला सर हमारा दोस्त निलेश। प्लीज़ सर आप इस ढुंढ निकालें। पुलिस अफसर ने कहा हां ज़रूर। ये फोटो चाहिए मुझे। और उसके घर का पता भी। फिर बिमल ने सब कुछ लिख कर दिया। और अब दोनों दोस्त रोने लगे। पुलिस अफसर ने कहा देखो निलेश बहुत ही बहादुरी से सबको तो बचा लिया पर मुझे वो फिर कही नहीं मिला। जबकि उसके सिर से लगातार खुन निकल रहा था मैंने कहा भी तुमको सहारे की जरूरत है चलो एम्बूलैंस में।पर उसने कहा कि बस में कितने इन्सान लड़ रहे हैं जिंदगी और मौत के बीच मैं पहले उनलोगो को एम्बुलेंस पर पहुंचा दूं फिर खुद अपनी हिफाजत करूंगा। पता नहीं इतना जज्बा कहा से आया उसके अंदर। अतुल ने कहा नहीं, नहीं मेरा दोस्त हमेशा से ऐसा ही है। प्लीज़ उसको ढुंढ दिजिए। पुलिस अफसर ने कहा हां हमने पुरी फोर्स लगा दिया है उसे ढुढने में। फिर अतुल और बिमल घर के लिए निकल पड़े।रात तक घर पहुंच गए।
माया बालकनी में खड़ी अपने निलेश का इंतजार करने लगी। विमल और अतुल ने कहा दीदी चलो कुछ खा लेते हैं। माया ने कहा अरे भाई पता नहीं निलेश ने कुछ खाया कि नहीं?बिमल ने कहा हां ठीक है पता कुछ तो खाना होगा वो भी नैना ने बनाया है। फिर किसी तरह तीनों ने खाना खाया।पर दोनों ने ही पुलिस अफसर की बात नहीं बताया माया दी को। माया ने कहा बिमल निलेश कल लौट आएगा है ना? अतुल ने कहा हां दीदी जरूर आएगा। फिर किसी तरह माया को सुला कर दोनों बालकनी में जाकर रोने लगे। और ऊपर आसमान में टिमटिमाते हुए तारों को देखते हुए कहने लगे कि निलेश तू जहां भी हो घर वापस आ जा। फिर किसी तरह निलेश के रूम में जाकर सो गए।
उधर नैना इन बातों से बेखबर थी वो तो निलेश को फोन किए जा रही थी। कोकिला ने कहा अरे नैना कुछ तो खा लो। नैना ने कहा ‌नही बुई कैसे खा लूं। निलेश जब तक नहीं आता मैं नहीं खा सकती हुं। कोकिला ने कहा ऐसा मत करो अगर निलेश को पता चला तो बहुत नाराज़ हो जाएगा। फिर कोकिला ने नैना को दूध पिला कर सुला दिया।
फिर सुबह होते ही माया उठकर पागलों जैसा करने लगी आज तीन दिन हो गया पर निलेश का कोई खबर ही नहीं। कहा गया क्यों नहीं आया अब तक। बिमल और अतुल भी उठकर दीं को समझाने लगे।पर माया की हालत गंभीर होने लगी थी। विमल ने पुलिस अफसर को फोन किया और सब कुछ बताया। पुलिस अफसर ने कहा कि खोज जारी है कुछ पता चलता है तो जरूर बताएंगे।

कमश: