Mahila Purusho me takraav kyo ? - 66 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 66

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 66

केतकी ने अपने पापा को फोन करके अपने पास आने को कहा , उसके पापा ने कहा तुम चिन्ता मत करो मैं अभी आरहा हूँ ।
अगले बीस मिनट के बाद केतकी के पापा केतकी पास पहुंच गये । केतकी का रो रोकर बुरा हाल होगया था । केतकी का गौरा मुख उसकी सुन्दर नासिका रक्त वर्ण सदृश हो रखी है । उसकी पलके भीगी सी आंखो में लाल रंग के डोरी सी बनी है । उसे देखकर लग रहा था कि यह बहुत फूट-फूटकर रोई है । केतकी ने अपने पापा को देखा और फफक फफक रोने लगी उसकी आंखों से गर्म अश्रु बहने लगे यह देख उसके पापा की भी आंखे नम होगयी । फिर भी उसने अपने आपको संभालते हुए अपनी बेटी से कहा ..केतकी तुम तो बहादुर लड़की हो , ऐसे रोवोगी तो बेटा मैं भी कमजोर पड़ जाऊंगा । हम आराम से बात करते हैं और कुछ हल निकालते हैं । केतकी ने कहा पापा ! मेरी जिंदगी तो नरक बन गयी है , अबतो जी करता है मैं शूसाइड कर लूं । केतकी के पापा ने कहा ..बेटा शूसाइड से हल निकलता तो ..तेरे से पहले.. मैं.. शूसाइड कर लेता .. अपने हाथों से केतकी के आंसू पौंछते हुए विजय ने कहा ..बेटी !.. हम बहुत बुरे फंसे हुए हैं । आगे बढते हैं कुआ है पीछे मे खाईेहै । हम इनका कहा मानते हैं तो देशद्रोह मे कभी भी फंस सकते हैं और पीछे हटते हैं तो तुम्हारे भाई को खो देंगे , साथ मे हमारी जान भी जायेगी । बेटा मैने बहुत सोचकर देख लिया कोई रास्ता ही.. नजर नही आता । यह सब तेरी सहेली दामिनी की वजह से हुआ है । वह खुद फंसी हुई है और हमें भी फंसा दिया । केतकी ने कहा पापा ! दामिनी तो खुुद पाकिस्तानी है उसका जन्म लाहौर के एक गरीब पनवाड़ी के यहां हुआ है । आईएसआई ने वहां से इसे उठवाया और काबुल मे उसे बैच दिया और खुद ने वहां से इस पर एहसान जताकर छुड़वा लिया । फिर नेपाल के रास्ते से भारत ले आये । इसे मेवात मे ट्रेनिंग दी , यहां की भाषा सिखाई उसके सही कागजात बनाने के लिए इसका निकाह करवा दिया । इसके जो पापा अभी हैं इनकी बेटी की मौत एक्सीडेंट से अस्पताल मे होगयी थी । वहां पैसा खिलाकर चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी कर इसे नया चेहरा दे दिया । और दामिनी बनाकर उसके पास भेज दिया गया । इसे यहां की नागरिकता दिला दी गई । इसने फिर पुलिस जॉइन की ताकि वह कही भी बे रोकटोक जा सके । पापा ! इसका मेरे से कॉलेज मे न बनने का कारण इससे मिलने आने वाले वे अजीब अजीब लोग भी थे । एक दिन मैने इसे कॉल गर्ल कह दिया था उस पर इससे कहासुनी हो गयी । मुझे क्या पता था कि यह इतनी ज़ालिम निकलेगी । इसके ही इशारे पर भाई बबलू का एक्सीडेंट हुआ , फिर अब भाई को व काका को इसके आदमी अपने पास रखे हुए हैं । केतकी के पापा रोते हुए बोले बसकर बेटा मै इन जालिमो को जानता हूँ । मेरे सामने इन्होने कयी लोगों का गला रैत दिया । फिर तेरे भाई का गला रेतने की धमकी दी और कहा कि तुम्हारी बेटी हमारे लिए काम करे । इस काम के बदले पैसे मिलेंगे । नही करोगे तो मौत व बदनामी मिलेगी ।
ऐसा कहते कहते विजय रूक गया .. फिर थोड़ा सोचकर बोला ..बेटा ! यदि हम अभय को सब कुछ बता दे तो ? कम-से-कम वह देश से अनजाने मे गद्दारी तो करेगा । दामिनी को जानकारी तो नही देगा । केतकी बोली ..पापा ! अब वह मुझ पर यकीन नही करेगा । आप खुद मिल लो और बात करके देख लो । विजय बोला बेटा दामिनी के रहते मैं उससे नही मिल सकता । वह अपने आका को बता देगी और हम बिन मौत मारे जायेंगे । केतकी बोली ..मै दामिनी को अपने पास किसी बहाने से बुला लेती हूँ और फिर आप जाकर उससे मिल लो ।