Mahila Purusho me takraav kyo ? - 67 in Hindi Human Science by Captain Dharnidhar books and stories PDF | महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 67

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महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 67

* दामिनी व केतकी आईएसआई के लिए काम कर रही है । पहले केतकी अभय की पत्नी थी, लेकिन वह खुफिया जानकारी नही जुटा पाई । केतकी को खत्म करने को दामिनी को कहा गया और उसकी जगह दामिनी को लेने के लिए कहा गया । दामिनी ने केतकी से हटने को कहा ..यदि वह नही हटती है तो उसे मरना होगा । केतकी ने मरने का नाटक किया । वह इस झमेले से खुदको सदा के लिए दूर कर लेना चाहती थी । दामिनी ने अभय से दूसरा विवाह कर लिया और उसके साथ रहने लगी । एकबार छुट्टी से आते समय अभय ने केतकी को देख लिया । उसने खुदको छुपाये रखने के लिए अपना नाम वेदिका बता दिया । लेकिन अभय को शक हुआ कि यह केतकी ही है । उसने घर आकर अपने घर वालो से कहा कि केतकी को मैने रेल मे देखा है.. पर वह अपना नाम कुछ ओर बता रही थी । उसकी असलियत जानने की बात शुरू हुई तो दामिनी ने खेल बिगड़ता देख इसकी जिम्मेदारी खुदने ले ली कहा कि वह खुद पता लगायेगी । जबकि अभय के मम्मी पापा नही चाहते थे । उसने खुफिया जानकारी जुटाने के लिए बद्री काका को मुम्बई भेजा । किन्तु वहां भेद खुलता देख एक नयी कहानी घड़ली गयी बद्री काका को यकीन दिलाया की केतकी की एक जुड़वा बहिन भी है । बद्री काका ने केतकी की जुड़वा बहिन होने की बात दामिनी को बताई । जबकि दामिनी को पता था की वह केतकी ही होगी । दामिनी और केतकी ने आपस मे तय किया था कि केतकी कभी भी अभय के सामने नही आयेगी । लेकिन ऐसा नही हुआ। केतकी रेल मे अभय की नजर मे आगयी ।*
इसके बाद ---
दामिनी केतकी की असलियत जानने अपने पति अभय एवं बद्री काका के साथ डाक्टर साहब के घर आई । उसने अपने साथ आये अभय एवं बद्री काका को बड़ी होशियारी से गेट के बाहर ही छोड़ दिया । अकेली खुद ही केतकी से मिलने डाक्टर के घर मे पहुंच गयी । वहां केतकी से नोकझोंक शुरू हुई, तो" केतकी ने बाहर बरामदे मे बात न कर केतकी को घर के अंदर अकेले मे बात करने को कहा और अंदर जाकर केतकी को आगे की रणनीति बताई । फिर दोनो बाहर बरामदे में लगी चेयर पर आकर बैठ गयी । दामिनी ने केतकी से कह दिया था कि वह अभय से झगड़ा करेगी उसे टेंशन देगी । उसके सीओ को चिट्ठी लिखकर कहेगी की मेरे जिन्दा रहते इसने दूसरी शादी कर ली है ।
डॉक्टर साहब को भी दामिनी ने वहा से जाने को कह दिया था । फिर अभय को फोन करके वहां पर बुला लेती है । अभय से केतकी झगड़ा कर लेती है उसे गाली भी देती है । अभय गुस्से मे उसे जली कटी सुनाता है । बीच बचाव करते हुए दामिनी अभय को होटल ले आती है । अभय दामिनी को कहता है कि मुझे तो अब तुम पर भी संदेह होने लगा है । दामिनी अभय से प्रेमालाप करते हुए उसका आलिंगन करने लगती है । अभय भी सब कुछ भूलकर प्रणय लीला मे मस्त हो जाता है । उधर केतकी अपने पापा को अपने पास बुला लेती है ।
अब आगे ---
केतकी का रो रोकर बुरा हाल है वह अपने पापा से कहती है ..पापा ! मेरी जिंदगी खराब हो गयी । अब मै क्या करू ? जी करता है मर जाऊं । न चाहते हुए भी देश से गद्दारी करनी पड़ेगी । दामिनी से छुटकारा मिलेगा भी कि नही । केतकी का पापा कहता है ..बेटा तुम अभय को सच क्यों नही बता देती । यदि तुम दामिनी की असलियत बता दोगी तो वह कमसेकम अनजाने मे देश से गद्दारी तो नही करेगा । केतकी बोली पापा ! हमारा पूरा परिवार खत्म हो जायेगा यदि इन्अहे थोड़ी भी भनक होगयी तो । फिर अभय मेरी बात पर विश्वास भी नहीं करेगा । हां..आप खुद बात करके देख लो । केतकी के पापा ने कहा बेटा ! दामिनी बड़ी शातिर है उसके रहते मै बात नही कर सकता । तब केतकी ने कहा .. पापा ! जोखिम तो उठाना पड़ेगा ।
दामिनी को मैं मेरे पास बुला लेती हूँ । आप उससे बात करने की कोशिश करना , हो सकता है वह समझ जाये ।
उधर दामिनी पुलिस स्टेशन मे जाकर कोई इमर्जेंसी काल करने की बात कहकर होटल से निकल जाती है ।
अपनी सोयी हुई बच्ची के पास अभय बैठा हुआ कुछ सोच रहा है । वह दामिनी और केतकी को कंपेयर करके मन ही मन सोच रहा है । केतकी का व्यवहार मेरे साथ ठीक दामिनी की तरह ही था । यह बात मुझे समझ में नही आती कि एक मोबाईल को लेकर हुए छोटे से झगड़े से कोई कैसे इतना बड़ा नाटक करेगा , वह भी मरने का । और उस नाटक मे सभी घर वालों की मिलीभगत भी हो । क्या सभी घर वाले फरेबी हैं । मै फौज मे अफसर नही था तो इतना बबाल कर दिया । केतकी ने भी ताना मारा कि फौज मे अफसर नही हो । मैने कहा था कि मै बन जाऊंगा लेकिन फिर भी नाराज़गी ? दामिनी से मै पहलीबार केतकी के घर पर ही मिला था , उसका शालीन व्यवहार..पहली मुलाकात में ही उसने मेरे फोन नंबर ले लिए थे । केतकी तब भी दामिनी से खफा ही थी उसका व्यवहार अच्छा नही था । जब दामिनी से केतकी की बनती ही नही थी तो इसकी मम्मी ने मेरी शादी दामिनी से क्यों करवाई ?
तभी रूम की बेल बजी .. अभय का ध्यान टूटा ..वह तुरंत उठा ..गेट खोला ..सामने अपने पूर्व ससुर को खड़ा देखकर दंग रह गया ।