Shoharat ka Ghamand - 2 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 2

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शोहरत का घमंड - 2

आलिया सोचती है कि हमने तो आज तक इतने पैसे देखे भी नही है जीतने की डाक्टर ने मांगे है।

तभी वहा पर आलिया के नरेश अंकल आ जाते है। और वो उन्हे देख कर बोलते है कि " क्या हुआ आप दोनो रो क्यों रही हो"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है कि " भाई साहब डाक्टर ने हमसे अभी अभी पांच लाख रुपए मांगे है हम अभी इतने सारे पैसे कहां से लाए"।

ये सुनकर नरेश अंकल भी परेशान हो जाते है और सोचने है कि इनके पास तो इतने रुपए है ही नही और ये इतनी जल्दी इतने पैसे का इंतजाम कहा से करेंगे, तभी उन्हे उनकेे बॉस का याद आता है और वो बोलते हैं " भाभी आप परेशान मत होइए मैं अभी अपने बॉस से बात करता हूं वो बहुत ही अच्छे इन्सान है वो अनिल को जानते हैं कि वो कितना ईमानदार हैं। क्या पता इस मौके पर वो हमारी कुछ मदद कर दे"।

तभी आलिया बोलती है अंकल पापा तो एक छोटे मोटे से वर्कर है तो वो उन्हे इतने पैसे क्यों देंगे "।

तब नरेश अंकल बोलते हैं "बेटा वो तो है मगर हमारे बॉस एक बहुत ही अच्छे इन्सान है जो सभी के दुःख दर्द को समझते हैं "।

तभी नरेश अंकल वहा से चले जाते है। अपने ऑफिस जाते ही वो सीधा अपने बॉस के पास जाते है। बॉस उन्हे देख कर बोलता है " क्या बात है नरेश आज तुम इतना लेट क्या हुआ "।

तब नरेश बोलते है " साहब आज मे काम करने नही आया हू, मुझे आपसे एक बहुत ही जरुरी काम है "।

तब साहब बोलते है "हा बोलो क्या काम है "।

तब नरेश बोलते हैं "साहब वो अनिल है ना वो आज सुबह ऑफिस आ रहा था तभी रास्ते में उसका एक्सीडेंट हो गया था, साहब अभी वो हॉस्पिटल में है और वो जिंदगी और मौत से लड़ रहा है। डाक्टर ने ऑपरेशन के लिए पांच लाख रुपए मांगे है अगर नही दिए तो उसका ऑपरेशन नही होगा। मगर वो तो बहुत ही गरीब है उसके पास इतने पैसे नही है और तो और उसका कोई बेटा भी नही है बस दो बेटियां ही है, आप उसे पैसे दे देंगे तो आपका उन पर बहुत ही बड़ा उपकार होगा "।

ये सुनकर साहब बोलते हैं "अरे तुम ये क्या बोल रहे हो मैं क्यो नही करूंगा उसकी मदद चलो मुझे जल्दी से बताओ की वो कोन से हॉस्पिटल में है ताकी मैं उन्हे जल्दी से जल्दी कॉल करके ऑपरेशन करने को बोल दू।

तभी नरेश उन्हे हॉस्पिटल का नाम बताते हैं और साहब उनसे बोलते है कि आप ऑपरेशन स्टार्ट करे मैं अभी पैसे ले कर आता हूं।

तभी साहब अपने बेटे को कॉल करते हैं और उससे बोलते है की "बेटा तुम जहा पर भी हो जल्दी से ऑफिस आ जाओ क्योंकि मैं जरुरी काम से बाहर जा रहा हूं"।

तब उनका बेटा बोलता है, "जी डैडी मैं अभी ऑफिस आता हूं"।

तभी साहब नरेश के साथ हॉस्पिटल चले जाते है।

हॉस्पिटल पहुंचते ही नरेश साहब को अनिल के परिवार से मिलवाता है।

साहब उनसे मिल कर उन्हे बोलते है कि "देखो आप लोग ज्यादा परेशान मत हो अनिल को कुछ भी नही होगा उसका ऑपरेशन स्टार्ट हो गया है और हा जब भी पैसे की जरूरत हो मुझे आप लोग बता देना बिलकुल भी घबराना मत। देखो अनिल एक बहुत ही ईमानदार और एक अच्छा इंसान हैं उसमे अपने कितने साल दिए हैं मेरे ऑफिस को, और आज जब उसे मेरी जरूरत है तो मे पीछे केसे हट सकता हूं "।

ये सुन कर आलिया की मम्मी रोने लगती हैं और साहब को बोलती है " साहब आप सच में इंसान नही भगवान है, अगर आज आप हमारी मदद नही करते तो पता नहीं हमारा क्या होता"।

ये सुनकर साहब बोलते है " अरे नही एसा मत बोलो मेने ऐसा कुछ नही किया है जो तुम ऐसा बोल रही हो "।

तभी साहब के पास कॉल आती है और वो चले जाते है।

उधर ऑपरेशन हो रहा होता है

तभी आलिया की मम्मी के पास एक कॉल आती है और वो बात सुनते ही बेहोश हो जाती है। ये सब देख कर उनकी दोनो बेटिया घबरा जाती है की अचानक मम्मी को क्या हो गया.......