Shoharat ka Ghamand - 3 in Hindi Fiction Stories by shama parveen books and stories PDF | शोहरत का घमंड - 3

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शोहरत का घमंड - 3

तभी आलिया और उसकी बहन अपनी मम्मी के ऊपर पानी छिड़कते है तब थोड़ी देर बाद उन्हे होश आता है।

तब आलिया पूछती है, "क्या हुआ मम्मी आपको क्या हुआ था आप फोन पर बात करते हुए अचानक बेहोश केसे हो गए"।

तब आलिया की मम्मी रोने लगती हैं और बोलती है, "बेटा मकान मालिक का फोन था वो बोल रहा था कि एक दो दिन में घर खाली करना है "।

तब आलिया बोलती है, "क्या...... मम्मी एक दो दिन में हमे घर कैसे मिलेगा। और इस तरह से अचानक घर खाली करने क्यो बोल रहे हैं "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, " बेटा उन्होने घर को बेच दिया है और अब वो उनका घर नही है इसलिए "।

तब आलिया बोलती है, "पर इस तरह अचानक से कोन बोलता है उन्हे पहले बोलना चाहिए था ना, कम से कम एक महीना पहले बोलना चाहिए था "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "बेटा हम कर भी क्या सकते है उनका घर है जब चाहें खाली करवाए "।

तब आलिया बोलती है, "पर अब हम इतनी जल्दी घर केसे ढूंढ लेंगे, पापा भी ठीक नहीं है जो घर ढूंढे"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "कोई बात नहीं तुम परेशान मत हो मै देखती हूं की क्या करना है, मगर हा इस बात का ध्यान रहें की ये बातें तुम्हारे पापा को पता नही चलनी चाहिए"।

तब आलिया बोलती है, "आप परेशान मत होइए मैं पापा से कुछ भी नही बोलूंगी"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "अभी तेरे पापा को होश आने में कुछ समय लगेगा तब तक मैं कहीं घर का जुगाड करके आती हूं "।

तब आलिया बोलती है, "मम्मी आप कहा जायेंगी आप रुकिए पापा के पास में जाती हूं, वरना अगर कहीं पापा को जल्दी होश आ गया तो वो मेरे से आपके बारे में पूछेंगे तो फिर मैं क्या बोलूंगी "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, ", तुम लड़की हो तुम कहा कहा जाओगी, तुम रहने दो"।

तब आलिया गुस्से से बोलती है, "बस करिए मम्मी मै लड़की हू तो क्या होगा ऊपर वाले ने मुझे हाथ और पैर नही दिए देखने को आंखे नही दी या फिर बोलने को मुंह नही दिया, आप बार बार ये लड़की हू लड़की हू मत बोला करिए प्लीज़ मुझे बहुत बुरा लगता है "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "मगर तुम जाओगी कहा "।

तब आलिया बोलती है, "मेरी एक सहेली है उसके पास बस आप परेशान मत होइए और हा छोटी को अपने पास ही रखिए और कुछ होता है तो फिर मुझे कॉल करिए "।

तभी आलिया चली जाती है।

आलिया की एक बहुत ही अच्छी सहेली होती है रितु। आलिया उसी के घर जाती हैं।

रितु आलिया को देख कर बहुत ही खुश हो जाती हैं और बोलती है, "अरे वाह क्या बात है आज आप हमारे घर पर तशरीफ लाई है"।

तब आलिया बोलती है, "हा रितु मुझे कुछ जरूरी काम था"।

तब रीतू बोलती है, "हा बोलो क्या काम है"।

तब आलिया रितु को सारी बात बता देती हैं।

रितु को ये सब सुन कर बहुत ही बुरा लगता है और वो बोलती है, देखो तुम मुझे अपनी सहेली नही बहन मान सकती हो और जो भी कुछ काम मेरे लायक हो बता सकती हो "।

तब आलिया बोलती है, "देखो मुझे तुमसे उम्मीद है तभी तुम्हारे पास आई हूं, देखो रीतू मुझे इस समय एक नौकरी की तलाश है अगर तुम अंकल से बात करो तो मेरे ऊपर बहुत ही बड़ा एहसान होगा और कोई कमरा किराए पर मिल जाता तो......

तब रीतू बोलती है, "अरे तुम ऐसा क्यो बोल रही हो तुम यही पर रुको मैं अभी पापा से बात करके आती हूं"।

तब रीतू अपने पापा के पास जाती हैं और आलिया के बारे में सब कुछ बता देती हैं। तभी उसके पापा भी आलिया के पास आते है।

रितु के पापा को देख कर आलिया उन्हे नमस्ते करती है।

तभी रितु के पापा बोलते है, "बेटा मेने तुम्हारे बारे में अभी रितु से सुना मुझे ये सुन कर बहुत ही बुरा लगा पर तुम परेशान मत हो हमसे जितना हो सकेगा हम उतना करेंगे, देखो बेटा नौकरी का तो मै तुम्हे अभी झूठा वादा नही कर सकता हूं पर हा घर की टेंशन मत लो, उसका इंतजाम मेने कर दिया है "।

ये सुन कर आलिया खुश हो जाती हैं.........