भोला भालू
एक जंगल था जिसमें बहुत से जानवर परिवार समेत मिल जुल कर रहते थे । उस जंगल का राजा बब्बर शेर था जो बहुत दयालु था और सभी जानवरों का ध्यान रखता था, इसलिए उसने पूरे जंगल के जानवरों को आदेश दिया कि वे खेलते घूमते जंगल के बाहर नहीं जाएं क्योंकि जंगल की सीमा समाप्त होते ही शहर था और शहर में रहने वाले लोग बहुत अत्याचारी थे । जंगल के सभी जानवर अपने राजा की आज्ञा का पालन सालों से कर रहे थे पर एक दिन सोमू नाम का भालू का बच्चा गलती से खेलते खेलते शहर में चला गया । उस समय उसे यह पता नहीं था कि यहां के लोग जंगली जानवरों को कैद कर उनके सहारे कमाई करते हैं या उन्हें मार कर खा जाते हैं । वह तो बेचारा बिना किसी चिन्ता के चलते चलते एक घर के अन्दर चला गया और वहां एक छोटा बच्चा अकेला खेल रहा था और उसके माता पिता पास के खेतो में काम कर रहे थे । बच्चा भालू को देखकर खुश हो गया उसने सोचा कि अब उसके साथ वह खेलेगा । और सच में भालू का बच्चा उसके साथ खेलने लगा । पर थोड़ी देर में उस बच्चे के माता पिता खेतों से वापस लौट आए । भालू के बच्चे को देख कर उन्हें लगा कि वह उनके बच्चे को नुकसान पहुंचा रहा है या नुकसान पहुंचा सकता है । उन्हें कौन बताता कि वह भालू का बच्चा है और वह उनके बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचा रहा बल्कि वे दोनों साथ साथ खेल रहे हैं ।
उन्हें देख कर भालू का बच्चा डर गया क्योंकि उनके एक हाथ में डंडा था और दूसरे हाथ में मशाल ले कर उसके पीछे दौड़े, दौड़ते समय उन्हें जो भी मिलता उसे वे गलत सलत बताते कि यह भालू उनके बच्चे को मार कर खाने ही वाला था । धीरे धीरे यह बात पूरे शहर में फैल गई और पूरे शहर के लोगों ने उस बेचारे सोमू भालू को पकड़ कर डंडों से खूब मारा और अंत में उसे आग के हवाले कर दिया ।
क्या कोई जानवर अगर गलती से भी शहर में आ जाए तो उसके साथ ऐसा होना चाहिए !
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