कुछ पल अनजाने से

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सवा का महीन था। चारों तरफ हरी चादर पेड़ पौधों को ढके हुए थी । आकाश में काली घटाएं छाई हुई थी जिसके कारण बहुत अंधेरा सा लगता था।रह- रह कर आकाश में बिजली कड़कती थी और सुनसान सड़क को भयानक रास्ते में तब्दील कर देती थी। समीर ओर अमन दोनों आपस मे बाते करते हुए चले जा रहे थे। समीर - अमन तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही हैं? घर पर सब कैसे है।

Full Novel

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कुछ पल अनजाने से - भाग 1

सवा का महीन था। चारों तरफ हरी चादर पेड़ पौधों को ढके हुए थी । आकाश में काली घटाएं हुई थी जिसके कारण बहुत अंधेरा सा लगता था।रह- रह कर आकाश में बिजली कड़कती थी और सुनसान सड़क को भयानक रास्ते में तब्दील कर देती थी।समीर ओर अमन दोनों आपस मे बाते करते हुए चले जा रहे थे।समीर - अमन तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही हैं? घर पर सब कैसे है।अमन- घर पर सब ठीक है और मेरी पढ़ाई भी पूरी हो चुकी है।हाल ही में मैने एक एक्जाम पास कर लिया है बहुत जल्दी एक अच्छी नौकरी हाथ ...Read More