एक बार की बात है—निलेश, जय और पार्थ देर रात निलेश के घर पर पार्टी कर रहे थे। पार्टी खत्म होने के बाद जय और पार्थ अपने-अपने घर के लिए निकल पड़े। जय तो अपने घर पहुँच गया, लेकिन पार्थ जब रास्ते से जा रहा था, उसे सड़क किनारे एक लड़की उल्टी पड़ी दिखाई दी। पार्थ उसके पास गया तो समझ गया कि वह लड़की मर चुकी है। यह देखकर वह बहुत डर गया। वह पुलिस को फोन करने के बारे में सोच ही रहा था कि अचानक किसी ने उस मरी हुई लड़की का पैर पकड़कर उसे जंगल के अंदर खींच लिया। यह देखकर पार्थ बुरी तरह घबरा गया, लेकिन हिम्मत करके वह भी जंगल में गया।
भ्रम राक्षस। - 1
एक बार की बात है—निलेश, जय और पार्थ देर रात निलेश के घर पर पार्टी कर रहे थे। पार्टी होने के बाद जय और पार्थ अपने-अपने घर के लिए निकल पड़े। जय तो अपने घर पहुँच गया, लेकिन पार्थ जब रास्ते से जा रहा था, उसे सड़क किनारे एक लड़की उल्टी पड़ी दिखाई दी।पार्थ उसके पास गया तो समझ गया कि वह लड़की मर चुकी है। यह देखकर वह बहुत डर गया। वह पुलिस को फोन करने के बारे में सोच ही रहा था कि अचानक किसी ने उस मरी हुई लड़की का पैर पकड़कर उसे जंगल के अंदर ...Read More
भ्रम राक्षस। - 2
साधु की मृत्यु के बाद पुलिस Parth को गिरफ़्तार कर लेती है।उस पर 25 लड़कियों, 5 पुलिसवालों और 1 की हत्या का आरोप लगता है।लेकिन पुलिस के कुछ अफ़सर जानते थे कि ये सब Parth ने खुद से नहीं, किसी अदृश्य शक्ति से मजबूर होकर किया था।इसलिए अदालत में केस जाने से पहले ही Parth को mental clinic में भेज दिया जाता है।इधर Jay और Nilesh साधु की देह को Girnar ले जाकर अंतिम संस्कार करते हैं।साधु की मृत्यु का रहस्य और भी गहरा हो जाता है।पुलिस उस अनजान Rakshash को ढूँढती रहती है — मगर वो गायब।---तीन साल ...Read More