THE PRISONER OF LORD

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ये... ये ..क्या हो रहा है...? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है??अभी अभी मेरे सामने एक आदमी तड़प तड़प कर मर गया। मेरी आँखें शॉक के मारे फटी हुई थी। मेरी पूरी बॉडी जम सी गई थी। तभी अचानक से एक आवाज मेरी कानो पर पड़ी जिससे मुझे होश आया। मैं दौड़ते हुए उस आदमी के पास गई जो खून से लथपत था। मैं उसे आवाज देने लगी,"सर, सर... होश में आइए... सर.. ! समबडी... प्लीज कॉल द एंबुलेंस...", मैं ज़ोर से चीख पड़ी। मैं उसके बॉडी को हाथ लगने ही वाली थी कि अचानक सीढ़ियों से एक आवाज आई,"डोंट टच हिम"।

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THE PRISONER OF LORD - 1

ये... ये ..क्या हो रहा है...? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है??अभी अभी मेरे सामने एक आदमी तड़प कर मर गया।मेरी आँखें शॉक के मारे फटी हुई थी। मेरी पूरी बॉडी जम सी गई थी। तभी अचानक से एक आवाज मेरी कानो पर पड़ी जिससे मुझे होश आया।मैं दौड़ते हुए उस आदमी के पास गई जो खून से लथपत था। मैं उसे आवाज देने लगी, सर, सर... होश में आइए... सर.. ! समबडी... प्लीज कॉल द एंबुलेंस... , मैं ज़ोर से चीख पड़ी।मैं उसके बॉडी को हाथ लगने ही वाली थी कि अचानक सीढ़ियों से एक आवाज आई, डोंट टच हिम । ...Read More

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THE PRISONER OF LORD - 2

मुझे बड़ी जोर का झटका लगा,"क्या..??", मैंने बड़े शॉक से उसे देखते हुए पूछा।वह पलट कर मुझसे थोड़ा दूर और उसने कहा"मैं कोई भी बात दोबारा रिपीट नहीं करता..,मैं सिर्फ तीन तक गिनूंगा और अगर तुमने अपने कपड़े निकलना शुरू नहीं किए तो मेरे गार्डस तुम्हें गोलियों से भून डालेंगे.."।मैं बहुत बुरी तरह फंस चुकी थी, मैं उस जगह से जल्द से जल्द निकालना चाहती थी पर उसके लिए मैं ऐसा काम... नहीं .. मैं नहीं कर सकती थी, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं, मैं कुछ सोच समझ नहीं पा रही थी।, तभी अचानक ...Read More

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THE PRISONER OF LORD - 3

आधी रात बीत चुकी थी ,पर मेरे चेहरे पर नींद का नामोनिशान नहीं था। मुझे रह रहकर उस डिलीवरी का ख्याल आ रहा था जो आज मेरे घर आई थी। वह दिखने में बहुत प्यारी मासूम और खूबसूरत थी, उसकी गहरी काली हिरनी सी आंखें बहुत ज्यादा प्यारी लग रही थी और जब वह मुझे देखकर डर के मारे कांप रही थी तो ऐसा लग रहा था मानो कोई भीगी हुई बिल्ली कि बच्ची हो, जिसे देखकर मुझे और भी ज्यादा सुकून मिल रहा था।मैं उस लड़की के बारे में सोच ही रहा था कि अचानक मेरे ऑफिस का ...Read More

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THE PRISONER OF LORD - 4

अगली सुबह...हॉस्पिटल से डिस्चार्ज लेकर मै मां को घर ले आई। मैंने मम्मी को बेड पर लेटाया और उन्हें दी। मैने उन्हें आराम करने को कहा और बाहर जाने लगी तभी मां ने कहा,"बेटा.. तुम ठीक तो हो न.."मैने कुछ सेकेंड मां को देखा फिर मुस्कुरा कर कहा,"हां. .. मैं तो बिलकुल ठीक हूं"मां ने थोड़ा गुस्से से कहा, "देखो तुम्हे उस आदमी के लिए खुद को बर्बाद करने की कोई जरूरत नहीं है...", मैने मां से कहा"आप आराम करो .. अभी आपको आराम की जरूरत है""तुम मेरी बात सुनती क्यों नहीं हो?"मेरी मां ने चीखते हुए कहा।"उस आदमी ...Read More