मैं Naina Khan हूँ — एक लेखिका, जो अपने ख्वाबों को लफ़्ज़ों में ढालकर ज़िंदगी की कहानियाँ बुनती है। मेरे लिए लिखना सिर्फ़ एक कला नहीं, एक एहसास है। हर शब्द जो मैं काग़ज़ पर उतारती हूँ, वो मेरी रूह का हिस्सा होता है। मैंने ज़िंदगी को उसकी ख़ामोशियों में महसूस किया है — पहाड़ों की ठंडी हवा, रिश्तों की उलझनें, और वक़्त की चाल को अपनी कहानियों में पिरोया है। मेरी कहानियाँ रहस्य से भरी होती हैं, लेकिन उनके भीतर एक गहराई होती है — जो दिल को छूती है और सोच को झकझोर देती है।
दरवाज़ा: वक़्त के उस पार - 1
️ लेखिका परिचय — Naina Khanमैं Naina Khan हूँ — एक लेखिका, जो अपने ख्वाबों को लफ़्ज़ों में ढालकर की कहानियाँ बुनती है।मेरे लिए लिखना सिर्फ़ एक कला नहीं, एक एहसास है। हर शब्द जो मैं काग़ज़ पर उतारती हूँ, वो मेरी रूह का हिस्सा होता है।मैंने ज़िंदगी को उसकी ख़ामोशियों में महसूस किया है — पहाड़ों की ठंडी हवा, रिश्तों की उलझनें, और वक़्त की चाल को अपनी कहानियों में पिरोया है।मेरी कहानियाँ रहस्य से भरी होती हैं, लेकिन उनके भीतर एक गहराई होती है — जो दिल को छूती है और सोच को झकझोर देती है।"दरवाज़ा: वक़्त ...Read More
दरवाज़ा: वक़्त के उस पार - 2
Naina Khanसपनों की दुनिया से शब्दों का सफ़र तय करती एक लेखिका, जो हर एहसास को अपने लफ़्ज़ों में जानती हैं।हर कहानी उनके दिल का एक टुकड़ा होती है, और हर किताब एक ऐसा दरवाज़ा, जो पाठकों को उनकी कल्पनाओं की दुनिया में ले जाता है।वो मानती हैं कि जज़्बातों को अगर सही लफ़्ज़ मिल जाएं, तो वो सिर्फ़ पढ़े नहीं जाते — महसूस किए जाते हैं।अपने ख्वाबों को काग़ज़ पर उतारना उनके लिए इबादत है, और हर पन्ना उनके अंदर की आवाज़ का अक्स।*अध्याय 2: दरवाज़े के उस पार* — जहाँ वक़्त की चाल बदल जाती है और ...Read More