रात का समय था तेज हवाएं चल रही थी बहोत तेज बिजलियाँ कड़क रही थी और तेज बारिश से ऐसा लग रहा था जैसे मानो आज इंद्रदेव अपने रौद्र रूप में हों, इतनी तेज बारिश और तेज हवाओं के बीच एक लड़का पहाड़ी पर खड़ा नीचे खाई की और देख रहा था और आश्चर्य की बात तो ये थी इतनी तेज बारिश और तेज हवाओं के बीच वो लड़का ज्यों का त्यों खड़ा बस नीचे खाई की ओर ही देख रहा था।असल में वो लड़का कोई और नहीं बल्कि अंश था, अंश एक साधारण सा लड़का है जो अब 20 साल का हो गया लेकिन अब उसका दिमाग बच्चों जैसा हो गया था।
अंत या फिर आरंभ - 1
अंत या फिर आरंभरात का समय था तेज हवाएं चल रही थी बहोत तेज बिजलियाँ कड़क रही थी और बारिश से ऐसा लग रहा था जैसे मानो आज इंद्रदेव अपने रौद्र रूप में हों, इतनी तेज बारिश और तेज हवाओं के बीच एक लड़का पहाड़ी पर खड़ा नीचे खाई की और देख रहा था और आश्चर्य की बात तो ये थी इतनी तेज बारिश और तेज हवाओं के बीच वो लड़का ज्यों का त्यों खड़ा बस नीचे खाई की ओर ही देख रहा था।असल में वो लड़का कोई और नहीं बल्कि अंश था, अंश एक साधारण सा लड़का है ...Read More
अंत या फिर आरंभ - 2
जन्म का रहस्यअंश अपने सपनो की दूनिया में चला जाता है तभी वो देखता है कि वो किसी मंदिर आ गया है वो मंदिर किसी पहाड़ी पर था तेज आंधी से मंदिर की सारी घंटियां जोर से हिल रही थी मंदिर के पास से जानवरों के चिल्लाने की आवाजें आ रही थी,अंश इन सबको महसूस कर दंग रह गया,तभी उसको उस मंदिर में किसी के रोने की आवाज़ सुनाई देती है अंश उस आवाज को सुनकर आश्चर्य से भर जाता है और उस आवाज़ का अनुसरण कर उसके पास जाने लगता है वो देखता है कि कोई नवजात शिशु ...Read More