बहुत लंबे और थकान भरे दिन के बाद अगर जिंदगी में कहीं सुकून है तो वो है सिर्फ़ ये मसाला चाय! मैं अपने घर की बालकनी में एक खाट पर बैठी थी। पास में एक हुक्का रखा हुआ था जिसे मैं घूरे जा रही थी। मैंने हुक्का उठाया और एक डिब्बे में बंद करके रख दिया। आज ये मसाला चाय भी मुझे सुकून नहीं दे रही थी । कप से निकलती भाप मेरी भावनाओ कि तरह थी । जो जरा ताप पाकर मेरी आंखो से बाहर आ रही थी । मन के किसी कोने मे छुपी वो याद..आज उसके अचानक सामने आ जाने से सर उठाने लगी थी । मैने सामने देखा तो शाम के आसमान मे हल्की लाली आ गई थी । लग रहा था अपने प्रियतम को महसूस कर एक लडकी शर्म से लाल हो गई है! कितनी खुबसूरत थी ये शाम ! नजरे फिराने का तो दिल ही नही हुआ। लेकिन मैने दिल कि सुनना काफी समय पहले ही छोड दिया था ! तो नजरे फेर ली और गुम हो गई आज की याद मे ।
माई डियर प्रोफेसर - भाग 1
-----------------बहुत लंबे और थकान भरे दिन के बाद अगर जिंदगी में कहीं सुकून है तो वो है सिर्फ़ ये चाय! मैं अपने घर की बालकनी में एक खाट पर बैठी थी। पास में एक हुक्का रखा हुआ था जिसे मैं घूरे जा रही थी। मैंने हुक्का उठाया और एक डिब्बे में बंद करके रख दिया। आज ये मसाला चाय भी मुझे सुकून नहीं दे रही थी । कप से निकलती भाप मेरी भावनाओ कि तरह थी । जो जरा ताप पाकर मेरी आंखो से बाहर आ रही थी ।मन के किसी कोने मे छुपी वो याद..आज उसके अचानक सामने ...Read More