ये गाना कार में तेज आवाज में बज रहा था । और वो कार पेड़ से लड़कर खड़ी थी । बोनट खुल चुका था और उसमें से धुएं निकल रहे थे । ड्राइविंग सीट पर बैठी औरत दर्द से चिल्ला रही थी । उसने अपना पेट पकड़ हुआ था जो कि काफी मोटा था । शायद वो लड़की मां बन ने वाली थी । उस लड़की के सर से लगातार खुन बह रहा था । गले पर खरोंचों के निशान थे जो शायद हादसे के वक्त लगे हो । उस लड़की ने बड़ी मुश्किल से पेसेनजर सीट पर पड़ा अपना फोन उठाया लेकिन उसका फोन टुट चुका था । लड़की ने चिल्लाकर वो फोन फेंक दिया ।
कभी यादो मे आओ - 1
कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति ) ( प्रोलोग )-------------------कभी यादों में आओकभी ख्वाबों में आओतेरी पलकों के सायेमें आकर झिलमिलाऊंमैं वो खुशबू नहीं जोहवा में खो जाओ....ये गाना कार में तेज आवाज में बज रहा था । और वो कार पेड़ से लड़कर खड़ी थी । बोनट खुल चुका था और उसमें से धुएं निकल रहे थे । ड्राइविंग सीट पर बैठी औरत दर्द से चिल्ला रही थी । उसने अपना पेट पकड़ हुआ था जो कि काफी मोटा था । शायद वो लड़की मां ...Read More
कभी यादो मे आओ - 2
कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति )**********हॉस्पिटल से वो अंजान लड़की घर ला चुंकि थी । सारा परिवार में डूबा था । किसी के मुंह से एक बोल नहीं फुंट रहा था । उस लड़की को घर के हॉल में लिटा दिया जाता है । आस-पास परिवार वाले बैठे थे । उस लड़की का पति अपने गोद में अपने बच्चे को पकड़े बैठा था । वो बिल्कुल शांत था। ना कोई आंसू ना कोई चेहरे पर दुख के भाव । एक अजीब सी शांति पसरी हुई थी उसके चेहरे पर ।रात का समय था तो अभी अंतिम संस्कार ...Read More
कभी यादो मे आओ - 3
कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति )*************सुबह का समयनंदिता स्टुडियो ( काल्पनिक)मुंबईहर तरफ चहल पहल थी । करु अपना काम करके शोर्ट के स्टार्ट होने का इंतजार कर रहे थे । लेकिन अभी तक लीड अक्टरेस नहीं आई थी । उसका मेकअप स्टाइलिंग सबकुछ दो घंटे से चल रहा था । लीड अक्टर भी काफी देर से अभिनेत्री के आने का इंतजार कर रहा था । बाकि सारे फिल्म में काम करने वाले लोग भी ।डायरेक्टर भी सर पकड़ बैठा था । तंग आकर डायरेक्टर सबकुछ बंद करने ही वाला था कि एक आवाज ...Read More
कभी यादो मे आओ - 4
कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति)************नंदिता स्टुडियो से बाहर निकल एसिपि को किसी का कॉल आया । नंबर था तो उसने उठाया नहीं ! लेकिन फिर बार बार आने लगा तो उसने चिढ़ कर उठा ही लिया ।सामने फोन पर सानवी थी और उसे एसिपि से मिलना था । एसिपि ने ' हम्म ' कह कर फ़ोन रख दिया ।थोड़ी देर बाद वो सानवी के बताए पते पर पहुंच गया । वो एक छोटा सा घर था सफेद रंग में रंगा । एसिपि अंदर चला गया । घर सिर्फ बाहर से सफेद था बाकि अंदर से ग्रे था ...Read More
कभी यादो मे आओ - 5
कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति )***************एप्सन हॉस्पिटल ( काल्पनिक )मुंबईआशी मशीनों से घिरी आधी बेहोशी कि हालत लेटी थी । कुछ देर पहले उसे नींद का इंजेक्शन दिया गया था पर उसका असर आशी पर बिल्कुल नहीं हुआ । वो सुनी आंखों से कमरे कि छत को निहार रही थी । नींद उस पर हावी हो रही थी पर वो तो सोना ही नही चाहती थी ।आशी का एक हाथ उसके पेट पर था और एक अपनी बगल में ...!दोनों ही जगह उसके हाथ कुछ ढुंढ रहे थे । वो कभी अपनी बगल में कुछ टटोलती तो ...Read More
कभी यादो मे आओ - 6
कभी यादों में आओ ️ ( मुक्ति )***********रात का समय था सुरज अपनी किरणें समेटकर जा चुका था आराम और चाँद मां का आंचल छोड़ अपनी चांदनी से सबका मन मोहने के लिए आकाश में विराजमान हो चूका था ।इसी चांदनी रात में मुम्बई के एक मोल में हार्दिक कुछ समान लेने आया था । वो अपने समान ले ही रहा था कि किसी से टकरा गया । हाथ में पकड़ा सारा समान नीचे गिर चुका था और उस से हुई आवाज के कारण सबका ध्यान हार्दिक कि तरफ आकर्षित भी हो चुका था ।वो नीचे बैठकर अपना समान ...Read More