भगवद गीता क्या है और इसे क्यों पढ़ना चाहिए

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भगवद गीता क्या है और इसे क्यों पढ़ना चाहिए?” — इसका उत्तर जानना हर इंसान के लिए जरूरी है, चाहे वह किसी भी उम्र, धर्म, या सोच का हो। मैं आपको यहाँ पूरी गहराई, सरल भाषा और जीवन के नजरिए से बताऊँगा कि भगवद गीता है क्या, और इसे क्यों पढ़ना चाहिए। ? मूल रूप से: भगवद गीता एक संवाद है — भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच का संवाद, जो महाभारत के युद्ध से ठीक पहले कुरुक्षेत्र के मैदान में हुआ था। इसमें 700 श्लोक हैं। यह महाभारत का हिस्सा है (भीष्म पर्व का अध्याय 23 से 40 तक)। इसे वेदों और उपनिषदों का सार माना जाता है।

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भगवद गीता क्या है और इसे क्यों पढ़ना चाहिए - अध्याय 1

1. भगवद गीता क्या है? भगवद गीता क्या है और इसे क्यों पढ़ना चाहिए?” — इसका उत्तर जानना हर के लिए जरूरी है, चाहे वह किसी भी उम्र, धर्म, या सोच का हो। मैं आपको यहाँ पूरी गहराई, सरल भाषा और जीवन के नजरिए से बताऊँगा कि भगवद गीता है क्या, और इसे क्यों पढ़ना चाहिए। मूल रूप से: भगवद गीता एक संवाद है — भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच का संवाद, जो महाभारत के युद्ध से ठीक पहले कुरुक्षेत्र के मैदान में हुआ था। इसमें 700 श्लोक हैं। यह महाभारत का हिस्सा है (भीष्म पर्व ...Read More

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भगवद गीता क्या है और इसे क्यों पढ़ना चाहिए - अध्याय 1 - श्लोक 1

धृतराष्ट्र उवाचधर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः।मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय॥1. सरल हिंदी अनुवाद:धृतराष्ट्र ने कहा: हे संजय, धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में युद्ध की इच्छा से एकत्र हुए मेरे और पांडवों के पुत्रों ने क्या किया?सार:यह श्लोक भगवद् गीता की शुरुआत है, जहाँ धृतराष्ट्र, जो कौरवों के पिता और हस्तिनापुर के राजा हैं, अपने सारथी संजय से कुरुक्षेत्र के युद्धक्षेत्र की स्थिति के बारे में पूछते हैं। यह युद्ध पाण्डवों और कौरवों के बीच होने वाला है, और धृतराष्ट्र चिंतित हैं कि उनके पुत्र और पाण्डव क्या कर रहे हैं। यह श्लोक युद्ध की पृष्ठभूमि और मानसिक द्वंद्व की शुरुआत को दर्शाता है।2. ...Read More

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भगवद गीता क्या है और इसे क्यों पढ़ना चाहिए - अध्याय 1 - श्लोक 2

सञ्जय उवाचदृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा।आचार्यमुपसङ्गम्य राजा वचनमब्रवीत्॥1. सरल हिंदी अनुवाद:संजय ने कहा: उस समय दुर्योधन ने पांडवों की को युद्ध के लिए व्यवस्थित देखकर अपने गुरु द्रोणाचार्य के पास जाकर ये बात कही।सार: इस श्लोक में संजय धृतराष्ट्र को बताते हैं कि दुर्योधन ने पांडवों की सेना को युद्ध के लिए अच्छी तरह तैयार और संगठित देखा। इसके बाद वह अपने गुरु द्रोणाचार्य के पास गया और उनसे बात की। यह श्लोक हमें सिखाता है कि जिंदगी में किसी भी मुश्किल स्थिति का सामना करने से पहले हमें उसका अच्छे से आकलन करना चाहिए। दुर्योधन ने पांडवों की ...Read More