वह लड़का उस जगह से बेतहासा भागने की कोशिश कर रहा था। उसे अपने सामने एक सीधी सड़क नजर आ रही थी। और चारों तरफ बस अंधेरा। सामने से देखने से लग रहा था कि वह सड़क कभी खत्म नहीं होगी। वह लड़का बस उस जगह से भागना चाहता था। अचानक से ऐसा लगने लगा कि आसमान में बादल आ गए हैं, पर पहले आसमान जैसी कोई चीज ही नहीं थी सिर्फ कोरा अंधेरा था। अचानक से सामने का दृश्य बदलने लगा।वो किसी पुराने गांव जैसा था। झोपड़िया, कुएं , घास के ढेर और पुराने जमाने में चलने वाली साइकिले।
चेहरा - 1
वह लड़का उस जगह से बेतहासा भागने की कोशिश कर रहा था। उसे अपने सामने एक सीधी सड़क नजर रही थी। और चारों तरफ बस अंधेरा। सामने से देखने से लग रहा था कि वह सड़क कभी खत्म नहीं होगी। वह लड़का बस उस जगह से भागना चाहता था। अचानक से ऐसा लगने लगा कि आसमान में बादल आ गए हैं, पर पहले आसमान जैसी कोई चीज ही नहीं थी सिर्फ कोरा अंधेरा था। अचानक से सामने का दृश्य बदलने लगा।वो किसी पुराने गांव जैसा था। झोपड़िया, कुएं , घास के ढेर और पुराने जमाने में चलने वाली साइकिले।वह ...Read More
चेहरा - 2
आरव इस साल इंजीनियरिंग कॉलेज के सेकंड ईयर में था। पुणे के एक छोटे से मोहल्ले में, किराए के में वह अकेला रहता था। कमरा छोटा था, लेकिन उसकी दुनिया उसमें सिमटी हुई थी। उसकी दीवारों पर अलग-अलग जर्नल्स, केस फाइलें, और कुछ किताबें बिखरी पड़ी रहती थीं। वह एक ऐसा लड़का था, जो दिन-रात पुरानी जघन्य घटनाओं और अनसुलझे मामलों को पढ़ता रहता था। उसका सपना था एक दिन वो भी उस पत्रकारिता के संसार का हिस्सा बने, जहां वो उन रहस्यों को सुलझा सके, जिनका जवाब आज तक नहीं मिल पाया था।हर तरफ छोटे-छोटे कागज चिपके थे। ...Read More