शादी की रौनक के बाद, आकाश और नीलिमा को एक बेहद खास जगह पर ठहराया गया—एक पुरानी, भव्य और रहस्यमयी हवेली में। ये हवेली शहर की हलचल से दूर, एक सुनसान पहाड़ी इलाके में स्थित थी। चारों ओर घना जंगल, और हवेली तक पहुँचने वाला रास्ता जैसे बरसों से किसी के कदमों का इंतज़ार कर रहा हो। हवेली को देखकर पहली नज़र में हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। ऊँची-ऊँची दीवारें, लकड़ी के विशाल दरवाज़े, और खिड़कियों पर जालीदार पर्दे—सब कुछ किसी पुराने समय की कहानी जैसा लग रहा था। लेकिन जैसे-जैसे शाम की परछाइयाँ गहराने लगीं, हवेली की भव्यता के पीछे छुपा डरावना सच भी सामने आने लगा।
सुहागरात मनाने वाली चुड़ैल - 1
शादी की रौनक के बाद, आकाश और नीलिमा को एक बेहद खास जगह पर ठहराया गया—एक पुरानी, भव्य और हवेली में। ये हवेली शहर की हलचल से दूर, एक सुनसान पहाड़ी इलाके में स्थित थी। चारों ओर घना जंगल, और हवेली तक पहुँचने वाला रास्ता जैसे बरसों से किसी के कदमों का इंतज़ार कर रहा हो।हवेली को देखकर पहली नज़र में हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। ऊँची-ऊँची दीवारें, लकड़ी के विशाल दरवाज़े, और खिड़कियों पर जालीदार पर्दे—सब कुछ किसी पुराने समय की कहानी जैसा लग रहा था। लेकिन जैसे-जैसे शाम की परछाइयाँ गहराने लगीं, हवेली की भव्यता के पीछे ...Read More
सुहागरात मनाने वाली चुड़ैल - 2
अब आकाश ने सोने की कोशिश की। उसने धीरे-धीरे अपनी आँखें बंद कर लीं और खुद को चादर में लिया। कमरा पूरी तरह शांत था — केवल पंखे की धीमी आवाज़ और दीवार घड़ी की टिक-टिक उस गहराती रात में मौजूदगी का एहसास दिला रही थीं।लेकिन तभी…उसे अचानक महसूस हुआ कि उसके बगल में कोई आकर लेट गया है।उसके शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गई। डर की एक लहर पूरे बदन में फैल गई। उसने हिम्मत करके आँखें खोलने की कोशिश की, लेकिन डर ऐसा कि जैसे पलकों पर किसी ने ताले जड़ दिए हों। उसने खुद को ...Read More