दक्षिण भारत के एक छोटे से गांव में एक लड़की रहती थी — शांति। उसका नाम तो शांति था, लेकिन उसकी ज़िंदगी हर उस तूफान से भरी थी जो इंसान को अंदर से तोड़ देता है। जन्म से ही उसका चेहरा सामान्य नहीं था। गांववालों की नजर में वो "मनहूस", "डायन", और न जाने क्या-क्या थी। शांति के माता-पिता का देहांत तब हो गया था जब वो सिर्फ तीन साल की थी। उसके बाद से ही वो गांव के एक किनारे, टूटी-फूटी झोपड़ी में अकेले रहने लगी थी। किसी ने उसे अपनाया नहीं, न प्यार दिया, न इंसान समझा। स्कूल जाने का सपना भी कभी नहीं देखा उसने, क्योंकि गांव के लोग उसे वहां भी नहीं घुसने देते थे।
कुंए का रहस्य - भाग 1
दक्षिण भारत के एक छोटे से गांव में एक लड़की रहती थी — शांति। उसका नाम तो शांति था, उसकी ज़िंदगी हर उस तूफान से भरी थी जो इंसान को अंदर से तोड़ देता है। जन्म से ही उसका चेहरा सामान्य नहीं था। गांववालों की नजर में वो "मनहूस", "डायन", और न जाने क्या-क्या थी।शांति के माता-पिता का देहांत तब हो गया था जब वो सिर्फ तीन साल की थी। उसके बाद से ही वो गांव के एक किनारे, टूटी-फूटी झोपड़ी में अकेले रहने लगी थी। किसी ने उसे अपनाया नहीं, न प्यार दिया, न इंसान समझा। स्कूल जाने ...Read More
कुंए का रहस्य - भाग 2
गाँव में नकाब पहने उस लड़की की चर्चा चारों ओर गाँव में नकाब पहने उस रहस्यमयी लड़की की चर्चा आम हो गई थी।कौन थी वह? कहाँ से आई थी? कोई नहीं जानता था।लेकिन सबने एक बात महसूस की थी — जहाँ भी जरूरत होती, वह वहाँ पहुँच जाती थी।कभी बीमारों को दवा पहुँचाती, कभी टूटे मकानों की मरम्मत कराती, तो कभी गरीब बच्चों को खाना खिलाती।लोग उसे देखकर हैरान होते थे।"कौन है ये? किसकी बेटी है?""कहीं वही शांति तो नहीं?"फुसफुसाहटें गाँव के हर कोने में गूंजने लगी थीं।लेकिन शांति तो महीनों पहले गायब हो गई थी।और वह भी ऐसी ...Read More