पुर्णिमा

(2)
  • 2.3k
  • 0
  • 781

मां _मां_ ओ __मां !! देखो मेरा रिजल्ट पुरे 95 पर्सेंट मिले से मुझे। मां मैं बहुत खुश हूं आज कहते हुए झुमने लगी पुर्णिमा । उसकी बातों में खनक और आंखों मे चमक थी। आज वो सच में पुर्णिमा के चांद की तरह चमक रही थीं। चंचल, चुलबुली सी वो। हमेशा खिलखिलाती रहती थी। बड़ी बड़ी सागर जैसी आंखें,बुरे लम्बे कमर तक लटकते बाल,गोरा रंग, सुडोल बदन उसके नाम को सार्थक करता था।

1

पुर्णिमा - भाग 1

मां _मां_ ओ __मां !!देखो मेरा रिजल्ट पुरे 95 पर्सेंट मिले से मुझे।मां मैं बहुत खुश हूं आज कहते झुमने लगी पुर्णिमा ।उसकी बातों में खनक और आंखों मे चमक थी।आज वो सच में पुर्णिमा के चांद की तरह चमक रही थीं।चंचल, चुलबुली सी वो। हमेशा खिलखिलाती रहती थी।बड़ी बड़ी सागर जैसी आंखें,बुरे लम्बे कमर तक लटकते बाल,गोरा रंग, सुडोल बदन उसके नाम को सार्थक करता था।अभी अभी तो योवन की दहलीज़ पर कदम रखा ही था कि उसकी सुन्दरता में मानो चार चांद और लग गए हो।पर उसे कहा पता था कि __उसकी सुन्दरता उसका पढ़ाई करने का ...Read More

2

पुर्णिमा - भाग 2

पूर्णिमा ओ पूर्णिमा, कहां चली गई।आज खाना मिलेगा कि नहीं, पता नहीं सारा दिन क्या‌ करती रहती है।चार लोगों खाना बनाने में चार घंटे लगाती है।बस...भेज दिया!पुर्णिमा चुपचाप रसोई में सब सुनती रही बस इतना ही कह पाई _रोटिया बन गई है माजी बस अभी परोस देती हु ।अगर शशि भी आ जाती तो...पुर्णिमा अपनी बात पुरी करती इससे पहले ही सासुमा बोल पड़ी __आ जाएगी स्कूल ही गई है लन्दन नहीं गई हैपता है आज उसका रिजल्ट आने वाला है, कोई तुफान नहीं आ रहा। वो नहीं आएगी तब तक हमें खाना नहीं मिलेगा क्या?पुर्णिमा चुपचाप खाना परोसने ...Read More