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7टीपू सुल्तान और दूरदर्शनके. गोविंदन कुट्टीभगवान गिडवानी ने जब "ऐतिहासिक उपन्यास...
मुंबई शहर।रात के यहीं कोई बारह बज रहे थे। लेकिन मुंबई शहर में इस वक्त भी चहल-पहल...
उसकी निगाहें फोन पर टिकी थीं। आखिरकार, उसने हार मान ली।"बस… अब और नहीं! मैं खुद...
आकाश इस बात को बहुत अच्छी तरह समझ गया है कि वापस लाल टेकरा गांव जाना खतरनाक है प...
आन्या ने कहा, “देर हो जाएगी…”अभिमान ये सुनते ही, अपनी पकड़ और कसते हुए बोला,“कुछ...
उपन्यास : अधूरा सच(रहस्य उपन्यास)अध्याय 1 : अनजान सायामुंबई की रातें कभी सोती नह...
सूत्रों के अनुसार ‘पूस की रात’ कहानी पहली बार माधुरी के मई, 1930 अंक...
अब आगे...........वैदेही हैरानी से इधर उधर देखते हुए कहती हैं...." यहां तो कोई नह...
सिमरन ऐसे ही बेड पर लेटी थी, पर उसे नींद ही नही आ रही थी। जैसे ही वो आंखें बंद क...
आजकल फिल्मों में या तो रोमांस का मीठा तड़का मिलता है या हॉरर की डरावनी खुराक, ले...
काव्या प्यार में विश्वास नहीं करती। उसका अपना परिवार है - उसके पिता और दोस्त और वह उनके साथ खुश है। एक दुर्घटना ने उसके जीवन में सब कुछ बदल दिया। उसे अपने सबसे अच्छे दोस्त के अतीत...
रहस्यमयी दस्तावेज़ जयपुर की एक पुरानी लाइब्रेरी में, किताबों की धूल भरी अलमारियों के बीच, इतिहास के शोधकर्ता आरव मल्होत्रा को एक फटी-पुरानी डायरी मिली। वह रोज़ाना किसी नए राज की...
महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव का नाम था कुंडवा। गाँव छोटा था, लेकिन उसका नाम आस-पास के कई इलाकों में मशहूर था — किसी अच्छे कारण से नहीं, बल्कि डर की वजह से। गाँव से करीब एक किल...
अब मान भी जाओ राधे ...!! राधा और देव कभी पड़ोसी हुआ करते थे। दोनों के पारिवारिक सबंध भी बहुत अच्छे थे। दोनों के पापा बिजनेसमैन थे।. दोनों साथ में खेलते ,कभी लड़ाई करते तो कभी...
गाँव के बीचों-बीच, पुराने मंदिर के पास, एक प्राचीन बरगद खड़ा था। उसकी जड़ें धरती के भीतर ऐसे फैली थीं, जैसे धरती की धमनियाँ हों, जो पूरे गाँव को चुपचाप थामे हुए थीं। शाखाएँ इतनी फै...
पहाड़ों से घिरा हुआ एक खूबसूरत सा कस्बा.....आज पूरे एक महीने की कड़ाके की सर्दी के बाद सूरज ने अपनी आभा का प्रकाश यहां बिखेरा था ...मसलन आज कस्बे के इस हिस्से में भीड़ ज्यादा थी......
दिल्ली, शाम के 6:20। ऑफिस बस से उतरकर माया पैदल अपने घर की ओर चलने लगी। हाथ में भारी लैपटॉप बैग था और मन में राहुल की खामोशी। सड़क पर चाय की दुकान से उठती भाप और धीमी-धीमी बूंदों...
रात का समय था। एक लड़का अंधेरे में किसी से छिपकर तेज़ी से भाग रहा था। वह थक चुका था, साँसे फूल रही थीं, लेकिन रुकने का नाम नहीं ले रहा था। डर और घबराहट उसके चेहरे पर साफ़ झलक रही थ...
बात 1920 के दशक की है । उस समय जहां देखो वहीं गरीबी का आलम था। बहुत ही ऐसे कम परिवार थे जहां पर दो समय की रोटी आराम से मिलती हो । अधिकतर गरीबी से जूझ रहे थे। मैं ऐसी ही परिस्थितियो...
गौतम बुद्ध के पिता का नाम शुद्धोधन था। वे कपिलवस्तु के राजा थे। बात उस समय की है, जब गौतम बुद्ध का जन्म भी नहीं हुआ था। राजा शुद्धोधन के कोई संतान ना थी। इसी कारण संतान प्राप्ति की...
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