खेल खेल में - जादूई

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"खेल खेल में - जादूई"जिंदगी एक खेल है ऐसा कुछ लोग मानते हैं।लेकिन जिंदगी को सिरीयस में लेना चाहिए।एक ऐसी कहानी है जिसमें नायक को एक जादूई किताब मिलती है और उस किताब के जरिए एक जादूई दुनिया यानी जादूई दुनिया में पहुंच जाता है।जानने के लिए पढ़िए मेरी कहानी "खेल खेल में - जादूई"नायक शुभ पीजी में अपने फ्रेंड के साथ रहता है।शुभ को किताबें पढ़ने का शौक होता है। "चल ने यार शुभ, हम एम.जे. लाइब्रेरी जाते है।" 

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खेल खेल में - जादूई - भाग 1

"खेल खेल में - जादूई"जिंदगी एक खेल है ऐसा कुछ लोग मानते हैं।लेकिन जिंदगी को सिरीयस में लेना चाहिए।एक कहानी है जिसमें नायक को एक जादूई किताब मिलती है और उस किताब के जरिए एक जादूई दुनिया यानी जादूई दुनिया में पहुंच जाता है।जानने के लिए पढ़िए मेरी कहानी "खेल खेल में - जादूई"नायक शुभ पीजी में अपने फ्रेंड के साथ रहता है।शुभ को किताबें पढ़ने का शौक होता है।"चल ने यार शुभ, हम एम.जे. लाइब्रेरी जाते है।"नीरज बोला."नहीं..आज नहीं जाऊंगा" शुभ ने कहा।"लेकिन क्यों?""आज मैं संडे गुजरी बाज़ार जाना चाहता हूँ, जहां पुरानी किताबें मिलती है सस्ते दामों ...Read More

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खेल खेल में - जादूई - भाग 2

खेल खेल में - जादूई(पार्ट -२)शुभ अपने लिए पुरानी किताबें खरीदने के लिए गुज़री बाजार जाता है।वहां एक किताब है।किताब का नाम खेल खेल में था।ऐसा लग रहा था जैसे कोई जादुई ताबीज चमत्कारी कहानी हो.. शुभ को ऐसी ही एक किताब में दिलचस्पी हो गई..उसने विचित्र बुढ़िया से किताब की कीमत तय की....उसने किताब एक सौ में खरीदी।बुढ़िया मुस्कुराईं और धीरे से फुसफुसाते हुए बोली...आज ऐसी दो प्रतियां बिकीं... मैं देखती हूं.. कितने लोग इस किताब को पढ़ सकते हैं..?शुभ किताब लेकर अपने कमरे में आ गया।शुभ ने सोचा कि यह किताब रात को पढ़ूंगा... अभी नहीं पढ़ ...Read More

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खेल खेल में - जादूई - भाग 3

खेल खेल में - जादूई(पार्ट -३)शुभ को जंगल में एक खूबसूरत युवती दिखाई देती है।वहमहिला शुभ को देखकर मोहित जाती है।वह युवती कहती है कि वह इस जंगल की रानी है।वह उससे शादी का प्रस्ताव करती है ।।लेकिन शुभ को इस जंगल से बाहर निकलना था।इस जादुई जंगल में रहना नहीं था। उसकी उम्र बढ़ रही थी।शुभ ने शादी से मना कर दिया।यह सुनने के बाद, युवती को गुस्सा आता है।वह अपना रूप बदलती है।अब डार्क -लुकिंग ब्लैक ओल्ड बुढ़िया बन जाती है। जिनकी वेशभूषा विचित्र प्रकार की दिखीं।बुढ़िया को देखकर शुभ को याद आ गया कि यह तो ...Read More

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खेल खेल में - जादूई - भाग 4

"खेल खेल में - जादूई"- (पार्ट -४)जादूई जंगल में बुढ़े बन गये शुभ को छोटी-सी स्नेहा उसे अपना पिताजी हुए घर लेकर आती है।स्नेहा अपनी माता को आवाज देती है और एक बुढ़ी औरत झोपड़ी से बाहर आती है। उसे देखकर शुभ चौंक जाता है।शुभ बोला:-"तुम भी .. तुम भी? तुम तो वोही हो ना!"स्नेहा:-"देखो.. माँ पिताजी आपको पहचानते है ... आप तो कहते थे कि वो भूलक्कड है। अब वापस मत झगड़ना। मैं थक चुकी हूं। माँ तुम इस तरह से पिताजी से लड़ते रहती हो और पिताजी घर से बाहर जाते है।फिर आप नहीं जाते . उनकी ...Read More

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खेल खेल में - जादूई - भाग 5

"खेल खेल में - जादूई "(पार्ट -५)जादूई जंगल में शुभ को बच्ची स्नेहा मिलती है।वह अपनी मां के पास जाती है।उसे शुभ पहचान जाता है और जंगल से बाहर निकलने के लिए बातें करता है।चलो साथ मिलकर इस जादुई जंगल में से निकलने के लिए उपाय खोजते हैं।बेबी स्नेहा झोपड़ी से बाहर आती है जहां वह देखती है कि उसकी मम्मी शुभ से बातें करती है।स्नेहा:-"क्या कोई समझौता हुआ या नहीं .. घर में मम्मी बेचारी अकेली रहती है।। मुझे प्यास लगी है और घर में पानी नहीं है।। मम्मी जल्दी से पानी भरकर लाए।शुभ:-"अच्छा बेबी, मैं पानी लेकर ...Read More