तस्वीर

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हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अनुराधा के आलीशान घर में माँ दुर्गा की स्थापना हुई थी। नौ दिनों तक घर में पूजा अर्चना के साथ-साथ अष्टमी के दिन कन्या भोजन का आयोजन भी किया गया था। अनुराधा और उसका परिवार देवी माँ के परम भक्त थे। इन नौ दिनों में हर दिन उनके घर पर भजन कीर्तन, देवी माँ के जस और पूजा पाठ का बोलबाला रहता था। सुबह से पंडितों का आगमन हो जाता उसके बाद उनके घर से श्लोकों का लगातार सुनाई देना बड़ा ही कर्ण प्रिय लगता था। इस वर्ष अनुराधा ने 51 कन्याओं को भोजन कराने का मन बना लिया था। मन तो बना लिया था परंतु 51 कन्याओं को ढूँढ कर लाना भी कोई बच्चों का खेल नहीं था। आस पड़ोस की सभी कन्याओं को मिलाकर, अब तक केवल 30 कन्या ही हो पाई थीं। इसके बाद, अनुराधा ने अपने घर के पास स्थित एक छोटे बच्चों के डे केयर सेंटर में जाकर वहाँ की कर्ता धर्ता अनिता से निवेदन किया कि वे छोटी बच्चियों के माता-पिता से उनके घर आने की अनुमति मांग लें। उसके बाद उन्हें यह जानकारी दें कि क्या बच्चियाँ उनके घर आ सकेंगी।

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तस्वीर - भाग - 1

हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अनुराधा के आलीशान घर में माँ दुर्गा की स्थापना हुई थी। नौ तक घर में पूजा अर्चना के साथ-साथ अष्टमी के दिन कन्या भोजन का आयोजन भी किया गया था। अनुराधा और उसका परिवार देवी माँ के परम भक्त थे। इन नौ दिनों में हर दिन उनके घर पर भजन कीर्तन, देवी माँ के जस और पूजा पाठ का बोलबाला रहता था। सुबह से पंडितों का आगमन हो जाता उसके बाद उनके घर से श्लोकों का लगातार सुनाई देना बड़ा ही कर्ण प्रिय लगता था। इस वर्ष अनुराधा ने 51 कन्याओं को ...Read More

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तस्वीर - भाग - 2

अनुराधा उस बच्ची से कुछ पूछ पाती उससे पहले ही उसकी मम्मी वंदना भी वहाँ पहुँच गई। अनुराधा को ही वंदना ने पूछा, "जी कहिए क्या काम है?" अनुराधा ने कहा, "मैं आपकी पड़ोसी हूँ, खुला घर और सामने ट्रक देखा तो पूछने चली आई कि कुछ भी काम हो तो ज़रूर बताइएगा।" वंदना ने तुरंत ही कहा, "अरे आइये ना अंदर आइये, हम लोग अभी कुछ समय पहले ही आए हैं। आपका नाम ...?" "जी मेरा नाम अनुराधा है और आपका?" "जी मैं वंदना हूँ।" "वंदना जी मैं आप लोगों के लिए चाय नाश्ते का इंतज़ाम करवाती हूँ। ...Read More

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तस्वीर - भाग - 3

अगले दिन अष्टमी का दिन था, सुबह से ही अनुराधा के घर बड़ी धूमधाम थी। बहुत लोग आए हुए पूजा का कमरा अगरबत्ती की खुशबू से महक रहा था। फूलों की मालायें भी अपनी सुंदरता से कमरे में चार चाँद लगा रही थीं। मंदिर में माँ दुर्गा की बहुत ही सौंदर्य और श्रृंगार से भरी मूर्ति विराजमान थी। श्लोकों की ध्वनि और हवन के धुएँ से मानो पूरा घर पवित्र हो रहा था। एक तरफ़ खाने की तैयारी भी चल रही थी। खीर, पूरी, कचौरी और आलू टमाटर की सब्जी, जो बच्चों को बहुत पसंद आती है सबका इंतज़ाम ...Read More