सुहागरात वेबसीरीज

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शादी की रौनक खत्म हो चुकी है। दिनभर की भागदौड़ और रस्मों के बाद घर के सभी लोग थके हुए हैं। हवेली का आंगन अब शांत है, लेकिन दुल्हन का कमरा खास तैयारी से सजा हुआ है। कमरे के अंदर, गुलाब की पंखुड़ियां बिस्तर पर बिखरी हुई हैं। दीवारों पर हल्की सुनहरी रोशनी फैलाने वाली मोमबत्तियां जल रही हैं। खिड़की से ठंडी हवा आ रही है। यह वो खास रात है, जिसका ज़िक्र सबने मज़ाक में दिनभर किया था। रवि दरवाजे के पास खड़ा है। उसने अभी तक कमरे में कदम नहीं रखा। उसकी सांसें तेज़ चल रही हैं। दुल्हन कविता अंदर बिस्तर पर बैठी है, दुपट्टा सिर पर ठीक से ओढ़े हुए। उसका दिल भी तेज़ी से धड़क रहा है।

Full Novel

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सुहागरात वेबसीरीज - भाग 1

सुहागरातपहली रात की उलझनेंशुरुआतशादी की रौनक खत्म हो चुकी है। दिनभर की भागदौड़ और रस्मों के बाद घर के लोग थके हुए हैं। हवेली का आंगन अब शांत है, लेकिन दुल्हन का कमरा खास तैयारी से सजा हुआ है।कमरे के अंदर, गुलाब की पंखुड़ियां बिस्तर पर बिखरी हुई हैं। दीवारों पर हल्की सुनहरी रोशनी फैलाने वाली मोमबत्तियां जल रही हैं। खिड़की से ठंडी हवा आ रही है। यह वो खास रात है, जिसका ज़िक्र सबने मज़ाक में दिनभर किया था।रवि दरवाजे के पास खड़ा है। उसने अभी तक कमरे में कदम नहीं रखा। उसकी सांसें तेज़ चल रही हैं। ...Read More

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सुहागरात वेबसीरीज - भाग 2

सुहागरात की वह पहली रात बीत चुकी है, लेकिन सुबह होते ही रवि और कविता को एहसास होता है उनकी जिंदगी में अब सिर्फ वे दोनों नहीं हैं, बल्कि परिवार और समाज का भी दखल होगा। इस भाग में परिवार की मस्ती, दोस्तों की चुहलबाज़ी, और दोनों के बीच बढ़ते रोमांस को दिखाया जाएगा। सुबह की हलचलसुबह का सूरज खिड़की से कमरे में झांक रहा है। कविता बिस्तर पर लेटी हुई है। उसकी साड़ी का पल्लू हल्का-सा खिसक गया है, और उसके बाल बिखरे हुए हैं। रवि बगल में सोया हुआ है, लेकिन उसकी आंखें खुल जाती हैं।वह कविता ...Read More

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सुहागरात वेबसीरीज - भाग 3

---का रोमांसरवि अलार्म बजने से पहले ही जाग जाता है। वह देखता है कि कविता अभी तक सो रही उसका चेहरा सुबह की हल्की धूप में और भी खूबसूरत लग रहा है। रवि उसे छेड़ने की सोचता है।रवि: (धीमी आवाज में) उठो, महारानी। सूरज भी जाग गया है।कविता करवट लेकर फिर से सोने की कोशिश करती है।कविता: (नींद भरी आवाज में) अभी थोड़ी देर और सोने दो।रवि हल्के से उसका दुपट्टा खींचता है। कविता आंखें खोलती है और शरमाते हुए उसे घूरती है।कविता: (मुस्कुराते हुए) तुम्हें सुबह-सुबह तंग करने के अलावा और कुछ नहीं आता?रवि: (हंसते हुए) नहीं, तुम्हें ...Read More

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सुहागरात वेबसीरीज - भाग 4

शादी के बाद की जिंदगी सिर्फ रोमांस तक सीमित नहीं होती। रिश्ते की गहराई में विश्वास, समझ और एक-दूसरे साथ हर मुश्किल का सामना करने की क्षमता भी शामिल होती है। इस भाग में रवि और कविता के रिश्ते को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन उनके प्यार की गहराई इन कठिनाइयों को पार कर लेगीरवि और कविता एक खूबसूरत सुबह की शुरुआत करते हैं। कविता किचन में नाश्ता बना रही है, और रवि चुपके से पीछे आता है।रवि: (धीरे से) क्या बन रहा है, महारानी जी?कविता: (मुस्कुराते हुए) तुम्हारे लिए पराठे बना रही हूं।रवि: (शरारती अंदाज में) ...Read More