नागेंद्र

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एक 16 साल की लड़की दुल्हन के लिबास में एक जंगल में बने हुए नाग मंदिर के सामने बैठी हुई थी। रंग गोरा और मासूम चेहरा लेकिन चेहरे में घबराहट। उसके सामने शादी में उपयोग होने वाली हर चीज रखी हुई थी। वह लड़की वहां पर बैठी हुई थी और कुछ दूरी पर एक आदमी और औरत एक पंडित के ऊपर गुस्सा कर रहे थे। औरत पंडित की तरफ उंगली दिखाते हुए कह रही थी। " देख पंडित तूने जो कहा है वह सच है या फिर हमसे पैसे निकलवाने का तरीका है? इतना समझ ले अगर तेरी बात में जरा सी भी गड़बड़ हुई तो मैं तुझे एक रुपया नहीं दूंगी और पुलिस में पड़वा दूंगी वह अलग से।"

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नागेंद्र - भाग 1

एक 16 साल की लड़की दुल्हन के लिबास में एक जंगल में बने हुए नाग मंदिर के सामने बैठी थी। रंग गोरा और मासूम चेहरा लेकिन चेहरे में घबराहट। उसके सामने शादी में उपयोग होने वाली हर चीज रखी हुई थी। वह लड़की वहां पर बैठी हुई थी और कुछ दूरी पर एक आदमी और औरत एक पंडित के ऊपर गुस्सा कर रहे थे। औरत पंडित की तरफ उंगली दिखाते हुए कह रही थी। देख पंडित तूने जो कहा है वह सच है या फिर हमसे पैसे निकलवाने का तरीका है? इतना समझ ले अगर तेरी बात में जरा ...Read More

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नागेंद्र - भाग 2

अवनी अपने माता-पिता के साथ उसे रहस्यमई जंगल में एक नाग मंदिर के सामने बैठी हुई थी जहां पर शादी एक सांप के साथ होने वाली थी। वक्त पर वह साफ तो नहीं आया था लेकिन एक दूसरा किंग कोबरा जाकर उसकी जगह पर बैठ गया था। वह पंडित जो उन दोनों की शादी करवा रहा था उसने यह उपाय दिया की अवनी की शादी इसी नाग से करवाई जाए।" लेकिन पंडित जी आपने देखा ना कि यह कोई मामूली नाग नहीं है यह किंग कोबरा है। पता है इसका जहर कितना खतरनाक होता है?"अवनी के पिताजी गिरधारी लाल ...Read More

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नागेंद्र - भाग 3

पंडित जी ने अवनी की शादी उस नाग से करवा दी और वह नाग वहां से जंगल की तरफ गया। वहां से अवनी और उसके माता-पिता वापस अपने महल में आ गए थे। उसके बाद कभी भी अवनी को इस तरह का कोई सपना नहीं आया।अवनी को हमेशा ऐसा लगता था कि कोई उसके आसपास हमेशा रहता है। शायद यही कारण था की अवनी ज्यादा कभी किसी से बात नहीं करती थी। हमेशा अकेले रहना और पढ़ाई करना उसे पसंद था। इसी वजह से तो एमबीए मैं वह फर्स्ट नंबर से पास हुई थी।गायत्री जी हमेशा उसे दूसरी लड़कियों ...Read More

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नागेंद्र - भाग 4

अवनी की एक सांप से शादी हुई 6 साल हो गए थे और अब उसकी शादी नागेंद्र नाम के इंसान से हुई थी। उनके परिवार की हालत काफी खराब थी और ऐसे में कोई गजेंद्र सिंह नाम का इंसान उनकी हवेली में आ गया था। गजेंद्र सिंह ने गायत्री जी के हाथ में एक नोटिस दिया था जिसे देखते ही गायत्री जी की आंखें गुस्से से लाल हो गई थी।गिरधारी लाल और नगेंद्र ने एक दूसरे की तरफ देखा और नगेंद्र ने गायत्री जी के नजदीक जाते हुए पूछा।" मम्मी जी क्या है इस नोटिस में?"गायत्री जी ने नागेंद्र ...Read More

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नागेंद्र - भाग 5

गजेंद्र सिंह गायत्री जी के पिता दिलराज सिंह को अपनी बातों में फंसा कर उनका पूरा कारोबार अपने नाम चुका था। अब उसकी नजर हवेली पर थी और उसने हवेली को अपने नाम करवाने के लिए भी कोर्ट में कैसे डाला था। कहानी वहां अवनी बलराज सोलंकी के केबिन की तरफ जा रही थी जो उसे होटल महफिल इन के मालिक का बेटा था।पूरा कमरा गुलाबो की खुशबू से महक रहा था और जगह पर नाचे गुलाब के फूलों के गुलदस्ते उसे और भी महका रहे थे। यह सब कुछ देखकर अवनी अपनी जगह पर ही जम गई। उसका ...Read More

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नागेंद्र - भाग 6

अवनी अपने बॉस बलराज सोलंकी से मिलती है और होटल के 25वीं एनिवर्सरी पर ग्रैंड पार्टी का ऑर्गेनाइजेशन करती लेकिन उसके पहले उन्हें न्यू ईयर की पार्टी के बारे में सोचा था इसलिए अवनी अपने केबिन में चली गई थी कि तभी गायत्री जी ने फोन पर गजेंद्र सिंह वाली पूरी बात बता दी।अवनी ने कड़क चाय का ऑर्डर देकर अपनी कुर्सी में बैठ गई कि तभी किसी ने दरवाजे पर नॉक किया। उसका सर पहले ही दर्द कर रहा था इसलिए उसने अंदर आने को कहा तो अंदर आने वाली लड़की अवनी की एक दोस्त राजश्री थी। अवनी ...Read More

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नागेंद्र - भाग 7

गायत्री जी से हमें पता चलता है कि किस तरह से वर्धा ने उसकी पत्नी और बेटी को शराब नशे में एक कमरे में बंद कर दिया था और न जाने किस तरह से वहां पर आग लग गई और वहां दोनों की मौत हो गई। गायत्री जी का कहना था कि यह सब वर्धा ने वह सब कुछ जानबूझकर किया था वही वर्धा का कहना था कि वह सब कुछ एक हादसा था। तभी वर्धा को हार्ट अटैक आ गया और वहां दूसरी तरफ पार्वती अपने परिवार वालों से मिलकर नागेंद्र को किस तरह से काबू में लाना ...Read More