कहानी या सच ?

(12)
  • 25k
  • 0
  • 10.9k

इंस्पेक्टर सुखी सुबह के 6 बजे शुख की नींद में थे, कि अचानक उनके मोबाइल की रिंग बजी..आँखें मलते हुए..हाथ में मोबाइल लेकर बोले “नाम सुखी है लेकिन दुनिया शुख से रहने नहीं देती..इस मोबाइल की घंटी ने..जिंदगी का घंटा बजा रखा है”.. मोबाइल पर उन्हें एरिया के बाहरी इलाके में मर्डर की इनफार्मेशन मिली..कुछ ही देर में मर्डर स्पॉट पर पुलिस के बड़े अधिकारी भी पहुँच रहे थे..क्यों कि ये हाई प्रोफाइल केस था..और जिन लोगो का मर्डर हुआ..वे नामी व्यक्ति थे.. आम व्यक्ति और नामी व्यक्ति की सुख सुविधा..उनकी स्पेशल

1

कहानी या सच ? - भाग 1

इंस्पेक्टर सुखी सुबह के 6 बजे शुख की नींद में थे, कि अचानक उनके मोबाइल की रिंग बजी..आँखें मलते में मोबाइल लेकर बोले “नाम सुखी है लेकिन दुनिया शुख से रहने नहीं देती..इस मोबाइल की घंटी ने..जिंदगी का घंटा बजा रखा है”..मोबाइल पर उन्हें एरिया के बाहरी इलाके में मर्डर की इनफार्मेशन मिली..कुछ ही देर में मर्डर स्पॉट पर पुलिस के बड़े अधिकारी भी पहुँच रहे थे..क्यों कि ये हाई प्रोफाइल केस था..और जिन लोगो का मर्डर हुआ..वे नामी व्यक्ति थे..आम व्यक्ति और नामी व्यक्ति की सुख सुविधा..उनकी स्पेशल ट्रीटमेंट में अन्तर ..जिन्दा रहते ही नहीं ..मौत के बाद ...Read More

2

कहानी या सच ? - भाग 2

इंस्पेक्टर सुखी इन्वेस्टीगेशन में आगे नहीं बढ़ पा रहे थे..सिपाही पोस्टमार्टम रिपोर्ट ले कर आया..इंस्पेक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़नी की....मि.कुमार कि रिपोर्ट में जो अजीब था वो ये कि विक्टिम के शरीर पर जिस हथियार से वार किया गया वो नुकीला कोन के आकार का का था ..घाव के आस पास का एरिया ठंडा होने की वजह से खून तुरंत जम गया..उस घाव की वजह से उसकी जान गयी....मि.जलाल के पैर किसी ठंडी सतह पर थे और रस्सी उसके गले में धीरे धीरे कसी..जिससे उसकी जान गयी..इंस्पेक्टर सुखी अपने सीनियर को इनफार्मेशन देने जाने ही वाला था कि उसे ...Read More

3

कहानी या सच ? - भाग 3

(इस भाग को पढने से पहले आप सभी पाठकों से निवेदन है कि वे पहले दोनों भाग पढ़ ले इससे आपको यह उपन्यास ठीक से समझ आ सके। )"खून का सिलसिला"****जली हुई सच्चाई**छत के एसी की ठंडी हवा भी इंस्पेक्टर सुखी के पसीने को रोक नहीं पा रही थी। प्रीत की जली हुई लाश के सामने खड़े उसके हाथ से पोस्टमार्टम रिपोर्ट काँप रही थी।"पानी में डूबी कार... पर शरीर जला हुआ?"उसकी नजर कार के टूटे शीशे पर अटक गई। एक धुँधला सा प्रतिबिंब... जैसे कोई उन्हें देख रहा हो। तभी उसके फोन ने खामोशी तोड़ी -**अनजान नंबर:** "प्रीत ...Read More