वफ़ा का सौदा सस्ता कर दिया उन्होंने,
हमारी मोहब्बत को बाज़ार में लुटा कर,,,,,
हमने तो दिल समेट कर उनकी राह सजाई थी,
उन्होंने उसे रौंद दिया,अपने क़दमों के निशान छोड़ कर,,,,
हम रोए, तो हँसी आई उन्हें हमारी बेबसी पर,
दर्द बेच आए वो, किस्मत के नाम जोड़ कर,,,,
अब मोहब्बत का नाम भी ज़हर सा लगता है मुझे,
दिल को तोड़ा है उन्होंने, मोहब्बत का चेहरा बदल कर,,,,,
_Manshi K