Humrahi - 1 in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | हमराही - 1

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हमराही - 1

तो तुम चली जाओगी
नाजिया पाकिस्तानी लड़की थी।वह मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर भी भारत की उन्नति और प्रगति के बारे में खूब पढ़ती और सुनती रहती थी।
पिछले नौ सालों में जब से मोदी सरकार आयी थी।भारत ने जबरदस्त प्रगति की थी।विश्व मे भी एक ताकत बन कद उभरा था।मेक इन इंडिया के तहत फॉरन इन्वेस्टमेंट लाया जा रहा था।विश्व की पांच अर्थव्यस्था में भारत शामिल था।पाकिस्तान को विश्व मे अलग थलग करवाकर दुनिया की नजरों में सिध्द कर दिया था कि पाकिस्तान दहस्तगर्द्ध देश है।मुस्लिमदेश भी अब भारत पर विश्वास करते थे।
दुनिया के देशों में भारतीयों की इज्जत थी।जबकि पाकिस्तानी शक की नजर से देखे जाते थे।पाकिस्तानी मुस्लिम को विदेश में इज्जत नही थी।जबकि भारतीय मुस्लिमो को इज्जत मिलती थी।
हिंदुस्तान की बढ़ती ताकत को देखकर नाजिया को अपने दादा के फैसले पर अफसोस होता।उसके दादा असलम का आगरा में अपना कारोबार था।सन 1947 में भारत आजाद हुआ।आजादी के समय भारत के दो टुकड़े हो गए।यह बटवारा मुस्लिम लीग ने मांगा था।धर्म के आधार पर पाकिस्तान बना।हिन्दू पाकिस्तान छोड़कर भारत आये और मुसलमान पाकिस्तान गए।इस बटवारे के समय लाखो लोग मारे गए थे।बहुत से गेर मुस्लिम ने पाकिस्तान नही छोड़ा।ऐसे ही भारत से भी सारे मुस्लिम पाकिस्तान नही गए थे।पाकिस्तान बनते ही असलम बीबी से बोले,"हमे भी पाकिस्तान चलना है।'
"क्यो?"रजिया ने पूछा था।
"क्यो क्या?पाकिस्तान मुसलमानों के लिए बना है।अपने देश मे आराम से रहेंगे।"
"यहाँ क्या दुख से रह रहे हो?"
"तुम समझती नही हो।पाकिस्तान बना ही हम मुस्लिमो के लिए है।"
बीबी ने बहुत समझाया।हिन्दू दोस्तो ने भी उन्हें न जाने की सलाह दी पर असलम को तो पाकिस्तान का भूत सवार था।उसने किसी की नही सुनी और पाकिस्तान चला आया।
नाजिया अपने दादा और उनके फैसले को कोसती रहती।काश उन्होंने दादी और दोस्तो की सलाह मानी होती तो आज वह भी कंगाल,दहशत के पर्याय, भिखमंगे मुल्क की जगह दुनिया मे उभरती शक्ति भारत की नागरिक होती।
उसने भारत की प्रगति और उन्नति और अपने दादा के शहर को देखने जाने के लिए वीजा अप्लाई कर दिया।पहली बार तो उसका वीजा रिजेक्ट हो गया।लेकिन दूसरे प्रयास में पंद्रह दिन का टूरिज्म वीसा मिल गया।
वह पहली बार जा रही थी।उसका मन कई जगह जाने का था।पर केवल पन्द्रह दिन में उसे उसकी सहेली ने सलाह दी,"तू गाइड कर ले तभी देख पाएगी "
नाजिया को सलाह पसन्द आयी और उसने ऑनलाइन गाइड बुक कर लिया। वह भारत पहुंची तो एयर पोर्ट पर ही गाइड मिल गया,"मैं रमन आपका गाइड।"
हैंडसम युवक को गाइड के रूप में देखकर अच्छा लगा था।
"आपको मिस कहूं या मेडम।"
"मेरी शादी नही हुई है।लेकिन फॉर्मेलिटी की जरूरत नही है।तुम मुझे मेरे नाम नाजिया से मुझे बुला सकते हो।"
"पहले किसी होटल चलो,"नाजिया ,रमन से बोली,"एक बात साफ कर दूं।"
"मैं कोई अमीर नही हूँ।मिडिल क्लास फेमिली से हूं।इसलिए सारा काम अफोर्डेबल ही रखना।"
"आप निश्चित रहे।आपने मुझे गाइड किया है,तो मेरा काम है,आपको सस्ती और अच्छी सुविधा उपलब्ध कराना।"
रमन ,नाजिया को एयरपोर्ट से टैक्सी करके होटल आनंद में लाया था।सिंगल बेड रम,साफ सुथरा कमरा था।कमरे में पानी की बोतल लेकर आने वाले से रमन बोला,"चाय ले आओ।"
चाय पीते हुए रमन बोला,"अब आप बताइए आप कहा घूमना चाहती है?"