थोडा थक गया हूँ , , ,
दूर निकलना छोड दिया है।
*. . . पर ऐसा नहीं है की , , ,*
*मैंने चलना छोड दिया है ।।*
फासले अक्सर रिश्तों में , , ,
. . . दूरी बढ़ा देते हैं।
*. . . पर ऐसा नही है की , , ,*
*मैंने अपनों से मिलना छोड दिया है ।।*
हाँ . . . ज़रा अकेला हूँ , , , दुनिया की भीड में।
*. . . पर ऐसा नही की , , ,*
*मैंने अपनापन छोड दिया है ।।*
याद करता हूँ अपनों की , , ,
. . . परवाह भी है मन में।
*बस , कितना करता हूँ , , ,*
*ये बताना छोड दिया।।*
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Good-Morning
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-Nipa Gaurang Doshi