#शुक्रगुज़र
कितनी भी दुःख की रातें हो, जब याद तुम्हारी आती है,
सारे गम मिट जाते है, जब सौगात तुम्हारी आती है।
भटका हूँ जब-जब मैं, दुनिया के चक्कर मे पड़कर,
पथ खुद प्रशस्त होते हैं, जब आवाज़ तुम्हारी आती है।
क्या जादू है,क्या टोना है,क्या किस्मत है,क्या रहमत है,
ये धरती, अम्बर, मिट्टी, पानी, सारे तुझसे सहमत है।
चंदा जिसके एक इशारे पर निकले,फिर ढल जाए,
सूरज को जो आँख दिखा दे, इतनी उसमे हिम्मत है।
अंधकार में भरे उजाला, और जीवन आबाद करे,
जन्म-मरण के फेरे से जो दुनिया को आजाद करे।
शुक्रगुज़र है हम तेरे , इतनी सुंदर दुनिया पाकर,
धन्य धन्य जीवन हम सब का, निशदिन तुझको याद करें।
-रोहित मिश्रा