बड़ी उलझन में हूँ मैं, तेरी बातें, ये तेरा वादा क्या है,
तू साफ-साफ क्यों नही कहती, तेरा इरादा क्या है!
आधा सच आधा झूठ, ये बनावटी पहेलियाँ क्यो,
जो कहना है खुल के कह, इसमे आधा-आधा क्या है!
अजीब शिकायत है तेरी कि इश्क़ में कमी आ गयी है,
मोहब्बत की है तुझसे, इसमे कम और ज्यादा क्या है!
-रोहित मिश्रा