ज़िंदगी हर रोज़ नया इम्तिहान देती है,
पर हार मान लेना उसका हल नहीं होता।
खुद को गिरते देखो, फिर उठते भी देखोगे,
क्योंकि टूटकर बिखरना ही… नया बनने की शुरुआत होता है।
कभी-कभी राहें मुश्किल इसलिए नहीं होती,
कि तुम कमजोर हो…
बल्कि इसलिए कि मंज़िल बड़ी होती है।
जो गुजर गया उसे सोचकर मत थम जाना,
ज़िंदगी आगे बढ़ने वालों की कहानी लिखती है।
खुद पर इतना यक़ीन रखो कि
मुश्किलें भी कहें —
“ये इंसान मेरे बस का नहीं!”
और याद रखना—
ज़िंदगी तब मुस्कुराती है, जब तुम हार मानने से इंकार कर देते हो
- kajal jha