मैं देश से प्रेम करता हूं
मैं देशप्रेमी हूं — ये मेरे कर्मों में झलकता है,
संबिधान का हर अनुच्छेद मेरे दिल में धड़कता है।
महंगाई की मार झेल कर भी मुस्कुराता हूं,
क्योंकि वतन की मिट्टी से ही अपना नाता है।
मुफ्त की रेवड़ियों से मैं खुद को बचाता हूं,
मेहनत की रोटी खाकर गर्व से जीता जाता हूं।
आरक्षण विहीन हूं, पर परिश्रम मेरा सहारा है,
पसीने की हर बूंद मेरे राष्ट्र का इशारा है।
समय पर टैक्स भरता हूं, यही मेरी पूजा है,
ईमानदारी की राह पर चलना ही मेरी दूजा है।
महंगी बिजली के नीचे बच्चों को पढ़ाता हूं,
क्योंकि भविष्य का भारत मैं उनमें देख पाता हूं।
देशभक्ति मेरे शब्दों में नहीं, जीवन में बसी है,
भारत मेरी आत्मा है, और ये धरती मेरी हंसी है।
आर्यमौलिक