Hindi Quote in Quotes by Manish Kumar

Quotes quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

आरंभिक संदेश ✧

जहाँ सत्य के शब्द और प्रवचन बिकते हैं — वहाँ सत्य नहीं होता।

सत्य किसी धर्म का व्यापार नहीं है।
जो उसे बेचते हैं, वे शब्द बेचते हैं —
जो उसे खरीदते हैं, वे भ्रम खरीदते हैं।

धर्म जब मंच बन जाता है,
तो मौन खो जाता है।
सत्य का कोई मूल्य नहीं,
क्योंकि उसे खरीदा नहीं जा सकता।

वह न किसी गुरु की देन है,
न किसी ग्रंथ की संपत्ति।
वह तब उतरता है,
जब भीतर का हृदय खुलता है —
बिना भय, बिना सौदे।

सत्य कभी बिकेगा नहीं,
क्योंकि वह मनुष्य की नहीं,
अस्तित्व की भाषा है।
*†*************
✧ मौन उपनिषद — दमन से परे ✧
✍🏻 — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲

यह ग्रंथ उन लोगों के लिए है जो सत्य को पढ़ना नहीं, जीना चाहते हैं।
यह किसी धर्म, गुरु या परंपरा की पुनरावृत्ति नहीं —
बल्कि मौन की उस गहराई तक उतरने का आमंत्रण है
जहाँ साधना, प्रयास और नियंत्रण सब समाप्त हो जाते हैं।

“मौन उपनिषद — दमन से परे” बताता है कि
मौन कोई तपस्या का परिणाम नहीं,
बल्कि समझ की सहज परिणति है।
यह उपनिषद धर्म के बनावटी मौन से आगे जाकर
उस मौन की बात करता है जो हर श्वास में मौजूद है —
भोजन में, प्रेम में, श्रम में, श्वास में।

यह ग्रंथ दिखाता है कि
धर्म ने जहाँ मौन को नियम बनाया,
वहीं मौन ने धर्म को विसर्जित कर दिया।
यह साधक को तप से नहीं,
समझ से मुक्त करता है।

हर अध्याय भीतर के किसी द्वार को खोलता है —
दमन से समझ की ओर,
समझ से शून्य की ओर,
और शून्य से प्रेम की ओर।

यह ग्रंथ पढ़ा नहीं जाता —
सुना जाता है,
जैसे कोई अपने भीतर की निस्तब्धता को सुन रहा हो।
हर सूत्र एक ठहराव है,
हर शब्द एक सांस।

यदि तुम्हारे भीतर अब भी कोई बेचैनी बाकी है,
तो यह उपनिषद उसे मिटाएगा नहीं —
बल्कि उसे प्रकाश में बदल देगा।

मौन उपनिषद — दमन से परे
किसी धर्म की घोषणा नहीं,
बल्कि भीतर के मौन का दर्शन है —
जहाँ जीवन ही साधना है।

#MounUpanishad #AgyaTAgyaani #SpiritualWisdom #SilenceBeyondSuppression #InnerJourney #UpanishadicTruth

Hindi Quotes by Manish Kumar : 112003728
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now